Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 56 Shloka 56 | गीता अध्याय 2 श्लोक 56 अर्थ सहित | दुःखेष्वनुद्विग्नमनाः सुखेषु विगतस्पृहः…..
श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 56 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 56 in Hindi): श्रीमद्भगवद्गीता का श्लोक 2.56(Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 56) जीवन की गहरी सच्चाइयों और मनुष्य के भीतर मौजूद दिव्य चेतना को समझने का मार्गदर्शन करता है। भगवान श्रीकृष्ण ने इस श्लोक में एक ऐसे मुनि का वर्णन किया है, जो जीवन … Read more