महाशिवरात्रि का पर्व हर वर्ष फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भक्त व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। यह माना जाता है कि इस दिन शिव की कृपा से व्यक्ति के सभी दुखों का अंत होता है और उसे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म में भगवान शिव की आराधना का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व हर वर्ष फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर फरवरी या मार्च माह में आती है। इस दिन भक्त व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं और शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं। जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि इस दिन शिव की कृपा से व्यक्ति के सभी दुखों का अंत होता है और उसे सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

महाशिवरात्रि 2025 कब है? (Mahashivratri 2025 Date and Time)
इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी, बुधवार को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी को सुबह 11:08 बजे शुरू होगी और 27 फरवरी को सुबह 08:54 बजे समाप्त होगी। व्रत और पूजा 26 फरवरी को उदयातिथि के अनुसार की जाएगी।
महाशिवरात्रि 2025 पूजा का शुभ मुहूर्त (Mahashivratri 2025 Auspicious Timing)
महाशिवरात्रि पर निशिता काल में पूजा का विशेष महत्व होता है। इस वर्ष, निशिता पूजा का शुभ समय रात 12:09 बजे से 12:59 बजे तक रहेगा। इसे तंत्र, मंत्र और सिद्धि के दृष्टिकोण से अत्यंत शुभ माना जाता है।
महाशिवरात्रि पर रात्रि के चार प्रहर में पूजा का समय (Mahashivratri 2025 Puja Timings)
महाशिवरात्रि के पावन दिन चार प्रहरों में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रत्येक प्रहर की पूजा का अपना अलग महत्व होता है।
- रात्रि का पहला प्रहर
पूजा समय: शाम 06:19 बजे से रात 09:26 बजे तक - रात्रि का दूसरा प्रहर
पूजा समय: रात 09:26 बजे से देर रात 12:34 बजे तक (27 फरवरी) - रात्रि का तीसरा प्रहर
पूजा समय: देर रात 12:34 बजे से रात 03:41 बजे तक (27 फरवरी) - रात्रि का चौथा प्रहर
पूजा समय: मध्य रात्रि 03:41 बजे से सुबह 06:48 बजे तक (27 फरवरी)
इन चारों प्रहरों में भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
व्रत पारण का शुभ समय (Mahashivratri 2025 Paran Time)
महाशिवरात्रि का व्रत रखने वाले भक्त 27 फरवरी, गुरुवार को सुबह 06:48 बजे से 08:54 बजे के बीच व्रत पारण कर सकते हैं। शास्त्रों के अनुसार, इस समय व्रत खोलना अत्यंत शुभ माना जाता है। महाशिवरात्रि के दिन श्रद्धा एवं विधि-विधान से व्रत रखने और पूजन करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है।
जलाभिषेक और रुद्राभिषेक का शुभ समय (Mahashivratri 2025 Jalabhishek Time)
महाशिवरात्रि के अवसर पर भक्तगण श्रद्धा और भक्ति के साथ शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं। शास्त्रों के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त को जलाभिषेक के लिए सबसे शुभ माना जाता है। इस दिन रुद्राभिषेक का भी विशेष महत्व होता है, जो शिव कृपा प्राप्त करने का उत्तम साधन है। महाशिवरात्रि के दिन शिवजी की विशेष कृपा बनी रहती है, इसलिए भक्त अपनी सुविधा के अनुसार दिनभर में किसी भी समय रुद्राभिषेक कर सकते हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
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