Shiv Ji Ki Aarti : शिव जी की आरती, “ओम जय शिव ओंकारा(Om Jai Shiv Omkara ),” हिन्दू धर्म में भगवान शिव की पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह आरती भगवान शिव की महिमा का वर्णन करती है और भक्तों को शिव जी के प्रति श्रद्धा और भक्ति से भर देती है। शिव जी को त्रिनेत्रधारी, महादेव, और भोलेनाथ के रूप में जाना जाता है, और उनकी पूजा करने से जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि आती है।
शिव जी की आरती (Shiv Ji Ki Aarti) का महत्व
शिव जी की आरती का महत्व असीम है। यह न केवल भगवान शिव की स्तुति का एक माध्यम है बल्कि यह हमें आध्यात्मिकता और आंतरिक शांति की ओर भी ले जाती है। आरती के दौरान दीप जलाना, धूप और अगरबत्ती का प्रयोग करना और भक्तों का समर्पण, एक आध्यात्मिक वातावरण का निर्माण करता है।
शिव जी की आरती (Shiv Ji Ki Aarti) का पाठ
आरती के शब्द भगवान शिव की महिमा का वर्णन करते हैं और उनकी दिव्यता को प्रकट करते हैं। नीचे शिव जी की आरती “ओम जय शिव ओंकारा” का पूरा पाठ दिया गया है:

Shiv Ji Ki Aarti : शिव जी की आरती – जय शिव ओंकारा आरती हिंदी में लिखी हुई (Jai Shiv Omkara)
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा…
एकानन चतुरानन, पंचानन राजे।
हंसासन गरुड़ासन, वृषवाहन साजे॥
ॐ जय शिव ओंकारा…
दो भुज चार चतुर्भुज, दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखते, त्रिभुवन जन मोहे॥
ॐ जय शिव ओंकारा…
अक्षमाला बनमाला, रुण्डमाला धारी।
चन्दन मृगमद सोहै, भाल चंद्रमासारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा…
श्वेतांबर पीतांबर, बाघांबर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक, भूतादिक संगे॥
ॐ जय शिव ओंकारा…
कर के मध्य कमंडल, चक्र त्रिशूल धर्ता।
जगकर्ता जगभर्ता जग पालनकर्ता॥
ॐ जय शिव ओंकारा…
ब्रम्हा, विष्णु, सदाशिव, जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तिनो एका॥
ॐ जय शिव ओंकारा…
काशी में विश्वनाथ विराजत नंदी ब्रह्मचारी।
नित उठ भोग लगावत महिमा अतिभारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा…
त्रिगुण स्वामी जी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी मनवांचित फल पावे॥
ॐ जय शिव ओंकारा…
आरती का महत्व
भगवान शिव की आरती गाने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक शक्ति मिलती है। यह आरती एक साकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है और हमारे जीवन में खुशियाँ और समृद्धि लाती है। भगवान शिव के आशीर्वाद से हम हर मुश्किल का सामना कर सकते हैं और सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष
“ओम जय शिव ओंकारा” आरती भगवान शिव की भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है। इसे नियमित रूप से गाने से व्यक्ति की आत्मा शुद्ध होती है और उसे आध्यात्मिक आनंद की प्राप्ति होती है। भगवान शिव की आरती हमें जीवन में सही मार्ग दिखाती है और हमारी सभी परेशानियों का समाधान करती है।
आइए, हम सब मिलकर शिव जी की आरती गाएं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करें। हर हर महादेव!