भगवद गीता अध्याय 3 श्लोक 22 का अर्थ | जब भगवान भी कर्म करते हैं, तो मनुष्य कैसे बच सकता है?
श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 3 श्लोक 22 (Bhagavad Geeta Adhyay 3 Shloka 22 in Hindi): श्रीमद्भगवद्गीता न केवल एक धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि यह जीवन का एक दिव्य मार्गदर्शन भी है। इसमें हर श्लोक जीवन के किसी न किसी गूढ़ सत्य को उजागर करता है। अध्याय 3, जो “कर्मयोग” पर आधारित है, उसमें भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन … Read more