श्री हनुमान चालीसा (Shri Hanuman Chalisa): हिंदू धर्म में अनेक देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, जिनमें से श्री हनुमान जी को शक्ति और बल का प्रतीक माना गया है। भगवान श्री राम, जिन्हें जगतपिता श्री नारायण कहा जाता है, की कृपा प्राप्त करने के लिए श्री हनुमान जी की आराधना को सर्वोत्तम मार्ग बताया गया है। शास्त्रों में हनुमान जी का स्मरण करते हुए ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करने का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को सुख-शांति का मार्ग मिलता है, उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और वह भयमुक्त हो जाता है।

श्री हनुमान चालीसा के लाभ (Shri Hanuman Chalisa Ke Labh)
आर्थिक संकट से मुक्ति पाने के लिए नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना बेहद लाभकारी माना गया है। हनुमान जी को अष्टसिद्धि और नवनिधि के दाता कहा जाता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति श्रद्धा और भक्ति के साथ प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है, चाहे वह धन-संबंधी ही क्यों न हो। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि आपके मन में किसी प्रकार का भय है, तो रात को सोने से पहले हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
हनुमान चालीसा का प्रसिद्ध दोहा “भूत पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे” इस बात की पुष्टि करता है कि हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से भूत-प्रेत और नकारात्मक शक्तियां पास नहीं आतीं। इसके साथ ही, यदि आप मानसिक अशांति से परेशान हैं या नींद न आने की समस्या है, तो हनुमान चालीसा का पाठ मानसिक शांति प्रदान करता है और जीवन में उन्नति का मार्ग खोलता है।
छात्रों के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना विशेष रूप से लाभकारी होता है। ऐसा कहा गया है कि हनुमान चालीसा के पाठ से स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है और शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। हनुमान चालीसा में कहा गया है, “विद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।” इसका अर्थ है कि हनुमान जी स्वयं अत्यंत बुद्धिमान, गुणी और चतुर हैं। इसलिए छात्रों को अपने अध्ययन में सफलता और बुद्धि के विकास के लिए नियमित रूप से इसका पाठ अवश्य करना चाहिए।
श्री हनुमान चालीसा (Shri Hanuman Chalisa)
।। दोहा ।।
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निजमन मुकुरु सुधारि। बरनउं रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।
चौपाई
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
राम दूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुण्डल कुँचित केसा।।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे। कांधे मूंज जनेउ साजे।।
शंकर सुवन केसरी नंदन। तेज प्रताप महा जग वंदन।।
बिद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचन्द्र के काज संवारे।।
लाय सजीवन लखन जियाये। श्री रघुबीर हरषि उर लाये।।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा। नारद सारद सहित अहीसा।।
जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना। लंकेश्वर भए सब जग जाना।।
जुग सहस्र जोजन पर भानु। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रच्छक काहू को डर ना।।
आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरे सब पीरा। जपत निरन्तर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा। तिन के काज सकल तुम साजा।।
और मनोरथ जो कोई लावै। सोई अमित जीवन फल पावै।।
चारों जुग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु संत के तुम रखवारे।। असुर निकन्दन राम दुलारे।।
अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता। अस बर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुह्मरे भजन राम को पावै। जनम जनम के दुख बिसरावै।।
अंत काल रघुबर पुर जाई। जहां जन्म हरिभक्त कहाई।।
और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।
सङ्कट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
जय जय जय हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहि बन्दि महा सुख होई।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महं डेरा।।
।। दोहा ।।
पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।
Shri Hanuman Chalisa Photo (श्री हनुमान चालीसा फोटो)

हनुमान चालीसा वीडियो (Hanuman Chalisa Video)
ALSO READ:-
Shree Hanuman Ji Ki Aarti: हनुमान जी की आरती – आरती कीजै हनुमान लला की