नवरात्रि के पावन पर्व का चौथा दिन माँ कूष्मांडा की उपासना के लिए समर्पित होता है। देवी कूष्मांडा का नाम उनके अद्वितीय स्वरूप और उनके द्वारा सृष्टि की रचना से जुड़ा हुआ है। “कूष्म” का अर्थ है कद्दू और “अंड” का अर्थ है अंडा, यानी सृष्टि की रचना। ऐसा माना जाता है कि माँ कूष्मांडा ने अपनी हल्की मुस्कान से इस ब्रह्मांड की उत्पत्ति की थी। इन्हें अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है क्योंकि इनकी आठ भुजाएँ होती हैं। इनकी पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि, और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

माँ कूष्मांडा को अर्पित करें इन चीजों का भोग (Navratri Day 4th Maa Kushmanda Bhog)
नवरात्रि के चौथे दिन माँ कूष्मांडा को प्रिय भोग अर्पित करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। आइए जानते हैं कि कौन-कौन सी चीजें उन्हें अर्पित करने से वे प्रसन्न होती हैं:
- कद्दू (कूष्मांड): जैसा कि देवी के नाम से ही पता चलता है, कद्दू माँ कूष्मांडा का प्रिय भोग माना जाता है। इसे अर्पित करने से जीवन में समृद्धि आती है और स्वास्थ्य संबंधी लाभ मिलते हैं।
- मालपुआ: माँ कूष्मांडा को मालपुआ अर्पित करने से देवी प्रसन्न होती हैं और इससे भक्तों को मानसिक शांति और बुद्धि की प्राप्ति होती है।
- शहद: देवी को शहद का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है। शहद अर्पित करने से व्यक्ति की वाणी मधुर होती है और जीवन में सफलता मिलती है।
- सफेद मिठाइयाँ: माँ कूष्मांडा को सफेद रंग की मिठाइयाँ, विशेष रूप से खीर, माखन और मिश्री, अर्पित करने से जीवन में शांति और सुख-समृद्धि का संचार होता है।
- ताजे फल: माँ को ताजे और शुद्ध फल जैसे सेब, केले, और नारंगी का भोग अर्पित करना चाहिए। यह भोग देवी के प्रति श्रद्धा और समर्पण को दर्शाता है।
- नारियल: नारियल का भोग अर्पित करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। यह भोग देवी को प्रसन्न कर उनकी कृपा प्राप्त करने का एक आसान तरीका है।
माँ कूष्मांडा की पूजा का महत्व (Maa Kushmanda ki Puja ka Mahatva)
माँ कूष्मांडा को नवरात्रि के चौथे दिन विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व है। उनकी पूजा करने से भक्तों को आत्मबल और स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है। माँ कूष्मांडा की उपासना से आयु, आरोग्य, और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। इस दिन देवी को शुद्ध जल से स्नान कराकर ताजे वस्त्र और फूलों से सजाया जाता है। पूजा के दौरान शुद्ध और सात्विक भोग अर्पित करने से देवी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
निष्कर्ष
नवरात्रि के चौथे दिन माँ कूष्मांडा की पूजा अत्यंत शुभ और फलदायी मानी जाती है। उनके प्रिय भोग जैसे कद्दू, मालपुआ, शहद, और सफेद मिठाइयाँ अर्पित करने से देवी शीघ्र प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर अपार कृपा बरसाती हैं। माँ की उपासना और उनके भोग से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार होता है। नवरात्रि के इस पावन दिन पर श्रद्धा और भक्ति के साथ माँ कूष्मांडा की आराधना करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सफल बनाएं।
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