Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 10 Shloka 10 | गीता अध्याय 3 श्लोक 10 अर्थ सहित | सहयज्ञाः प्रजाः सृष्ट्वा पुरोवाच प्रजापतिः…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 3 श्लोक 10 (Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 10 in Hindi): भगवद्गीता न केवल एक धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि जीवन जीने की सम्पूर्ण कला का विज्ञान है।…

Continue ReadingBhagavad Gita Chapter 3 Verse 10 Shloka 10 | गीता अध्याय 3 श्लोक 10 अर्थ सहित | सहयज्ञाः प्रजाः सृष्ट्वा पुरोवाच प्रजापतिः…..

Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 9 Shloka 9 | गीता अध्याय 3 श्लोक 9 अर्थ सहित | यज्ञार्थात्कर्मणोSन्यत्र लोकोSयं कर्मबन्धनः…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 3 श्लोक 9 (Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 9 in Hindi): भगवद्गीता मानव जीवन के लिए एक दिव्य मार्गदर्शक ग्रंथ है, जिसमें जीवन के हर पहलू पर…

Continue ReadingBhagavad Gita Chapter 3 Verse 9 Shloka 9 | गीता अध्याय 3 श्लोक 9 अर्थ सहित | यज्ञार्थात्कर्मणोSन्यत्र लोकोSयं कर्मबन्धनः…..

Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 8 Shloka 8 | गीता अध्याय 3 श्लोक 8 अर्थ सहित | नियतं कुरु कर्म त्वं कर्म ज्यायो ह्यकर्मणः…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 3 श्लोक 8 (Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 8 in Hindi): श्रीमद्भगवद्गीता भारतीय सनातन संस्कृति का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसमें जीवन जीने की कला सिखाई गई…

Continue ReadingBhagavad Gita Chapter 3 Verse 8 Shloka 8 | गीता अध्याय 3 श्लोक 8 अर्थ सहित | नियतं कुरु कर्म त्वं कर्म ज्यायो ह्यकर्मणः…..

Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 7 Shloka 7 | गीता अध्याय 3 श्लोक 7 अर्थ सहित | यस्त्विन्द्रियाणि मनसा नियम्यारभतेSर्जुन…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 3 श्लोक 7 (Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 7 in Hindi): भगवद्गीता का प्रत्येक श्लोक गूढ़ रहस्यों से भरा हुआ है और हमें जीवन की सच्ची दिशा…

Continue ReadingBhagavad Gita Chapter 3 Verse 7 Shloka 7 | गीता अध्याय 3 श्लोक 7 अर्थ सहित | यस्त्विन्द्रियाणि मनसा नियम्यारभतेSर्जुन…..

Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 6 Shloka 6 | गीता अध्याय 3 श्लोक 6 अर्थ सहित | कर्मेन्द्रियाणि संयम्य य आस्ते मनसा स्मरन्

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 3 श्लोक 6 (Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 6 in Hindi): श्रीमद्भगवद्गीता एक ऐसा ग्रंथ है जो मनुष्य को जीवन के सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा…

Continue ReadingBhagavad Gita Chapter 3 Verse 6 Shloka 6 | गीता अध्याय 3 श्लोक 6 अर्थ सहित | कर्मेन्द्रियाणि संयम्य य आस्ते मनसा स्मरन्

Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 5 Shloka 5 | गीता अध्याय 3 श्लोक 5 अर्थ सहित | न हि कश्र्चित्क्षणमपि जातु तिष्ठत्यकर्मकृत्…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 3 श्लोक 5 (Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 5 in Hindi): जीवन में कर्म का क्या महत्व है? क्या हम एक पल के लिए भी बिना कर्म…

Continue ReadingBhagavad Gita Chapter 3 Verse 5 Shloka 5 | गीता अध्याय 3 श्लोक 5 अर्थ सहित | न हि कश्र्चित्क्षणमपि जातु तिष्ठत्यकर्मकृत्…..

Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 4 Shloka 4 | गीता अध्याय 3 श्लोक 4 अर्थ सहित | न कर्मणामनारम्भान्नैष्कर्म्यं पुरुषोSश्र्नुते…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 3 श्लोक 4 (Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 4 in Hindi): भगवद गीता का तीसरा अध्याय, जिसे "कर्मयोग" कहा जाता है, जीवन में कर्म की अनिवार्यता को…

Continue ReadingBhagavad Gita Chapter 3 Verse 4 Shloka 4 | गीता अध्याय 3 श्लोक 4 अर्थ सहित | न कर्मणामनारम्भान्नैष्कर्म्यं पुरुषोSश्र्नुते…..

Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 3 Shloka 3 | गीता अध्याय 3 श्लोक 3 अर्थ सहित | लोकेस्मिन्द्विविधा निष्ठा पुरा प्रोक्ता मयानघ

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 3 श्लोक 3 (Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 3 in Hindi): भगवद्गीता हिंदू धर्म का एक पवित्र ग्रंथ है, जो मनुष्य को जीवन के उच्चतम लक्ष्य, यानी…

Continue ReadingBhagavad Gita Chapter 3 Verse 3 Shloka 3 | गीता अध्याय 3 श्लोक 3 अर्थ सहित | लोकेस्मिन्द्विविधा निष्ठा पुरा प्रोक्ता मयानघ

Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 2 Shloka 2 | गीता अध्याय 3 श्लोक 2 अर्थ सहित | व्यामिश्रेणेव वाक्येन बुद्धिं मोहयसीव मे…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 3 श्लोक 2 (Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 2 in Hindi): भगवद्गीता के तीसरे अध्याय में कर्मयोग का गहन विवेचन किया गया है, जो मनुष्य को जीवन…

Continue ReadingBhagavad Gita Chapter 3 Verse 2 Shloka 2 | गीता अध्याय 3 श्लोक 2 अर्थ सहित | व्यामिश्रेणेव वाक्येन बुद्धिं मोहयसीव मे…..

Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 1 Shloka 1 | गीता अध्याय 3 श्लोक 1 अर्थ सहित | ज्यायसी चेत्कर्मणस्ते मता बुद्धिर्जनार्दन…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 3 श्लोक 1 (Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 1 in Hindi): भगवद्गीता का तीसरा अध्याय "कर्मयोग" जीवन के सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों में से एक है – कर्म…

Continue ReadingBhagavad Gita Chapter 3 Verse 1 Shloka 1 | गीता अध्याय 3 श्लोक 1 अर्थ सहित | ज्यायसी चेत्कर्मणस्ते मता बुद्धिर्जनार्दन…..