Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 1 Shloka 1 | गीता अध्याय 3 श्लोक 1 अर्थ सहित | ज्यायसी चेत्कर्मणस्ते मता बुद्धिर्जनार्दन…..
श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 3 श्लोक 1 (Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 1 in Hindi): भगवद्गीता का तीसरा अध्याय “कर्मयोग” जीवन के सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों में से एक है – कर्म और बुद्धि का संतुलन। अर्जुन और श्रीकृष्ण के बीच हुए इस संवाद में न केवल युद्ध के मैदान का दर्शन छिपा है, बल्कि जीवन के … Read more