Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 4 Shloka 4 | गीता अध्याय 3 श्लोक 4 अर्थ सहित | न कर्मणामनारम्भान्नैष्कर्म्यं पुरुषोSश्र्नुते…..
श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 3 श्लोक 4 (Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 4 in Hindi): भगवद गीता का तीसरा अध्याय, जिसे “कर्मयोग” कहा जाता है, जीवन में कर्म की अनिवार्यता को समझाने वाला एक अत्यंत महत्वपूर्ण अध्याय है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण स्पष्ट रूप से बताते हैं कि मनुष्य केवल कर्म का त्याग कर देने मात्र से … Read more