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Surya Grahan 2025:चैत्र अमावस्या पर लग रहा है साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण, जाने सूतक का समय, तिथि और ग्रहण से जुड़ी हर जानकारी

साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण चैत्र अमावस्या के दिन घटित होगा, जो चैत्र नवरात्रि से एक दिन पूर्व पड़ेगा। यह ग्रहण मीन राशि और उत्तर भाद्रपद नक्षत्र में लगेगा। हालांकि, यह ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा, लेकिन इसका प्रभाव संपूर्ण जीव-जगत पर पड़ेगा।

चैत्र अमावस्या
Surya Grahan 2025 Date

सूर्य और चंद्र ग्रहण सदैव ही खगोलीय और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माने गए हैं। इनका प्रभाव न केवल मानव जीवन बल्कि पशु-पक्षियों और प्राकृतिक घटनाओं पर भी पड़ता है। इस वर्ष होली के अवसर पर चंद्र ग्रहण देखा गया था और अब चैत्र नवरात्रि से ठीक एक दिन पहले, चैत्र अमावस्या पर, साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। आइए इस ग्रहण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों पर एक नजर डालते हैं…

सूर्य ग्रहण पर ज्योतिष और वैज्ञानिक दृष्टिकोण (Surya Grahan 2025)

ज्योतिषीय दृष्टिकोण:
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु और केतु को छाया ग्रह माना जाता है, और इन्हीं के कारण सूर्य और चंद्रमा पर ग्रहण लगता है। इन्हें सांप के समान माना गया है, जो जब सूर्य या चंद्रमा को ग्रसता है, तो ग्रहण की स्थिति उत्पन्न होती है। वैदिक ज्योतिष में सिंह राशि के स्वामी सूर्य को आत्मा का कारक ग्रह माना जाता है, और जब सूर्य ग्रहण होता है, तो इसका प्रभाव पृथ्वी पर रहने वाले सभी प्राणियों पर पड़ता है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण:
वैज्ञानिक दृष्टि से, सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा अपनी कक्षा में घूमते हुए सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है। इस स्थिति में चंद्रमा सूर्य की रोशनी को पृथ्वी तक पहुंचने से रोक देता है, जिससे सूर्य ग्रहण बनता है। ग्रहण के प्रकार इस बात पर निर्भर करते हैं कि चंद्रमा सूर्य के कितने भाग को ढकता है। सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं:

  1. पूर्ण सूर्य ग्रहण – जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है।
  2. आंशिक सूर्य ग्रहण – जब चंद्रमा सूर्य का कुछ ही भाग ढकता है।
  3. वलयाकार सूर्य ग्रहण – जब चंद्रमा सूर्य के मध्य भाग को ढक लेता है, लेकिन किनारे चमकते रहते हैं, जिससे एक अंगूठी जैसी आकृति बनती है।

मीन राशि में सूर्य ग्रहण

जब सूर्य और राहु एक ही राशि में स्थित होते हैं, तो ग्रहण योग बनता है, जिसे ज्योतिष में अशुभ माना जाता है। इस वर्ष सूर्य ग्रहण चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में मीन राशि और उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में घटित होगा। इस दौरान मीन राशि में सूर्य और राहु के साथ शुक्र, बुध और चंद्रमा भी उपस्थित होंगे, जिससे इस ग्रहण का प्रभाव और अधिक महत्वपूर्ण हो सकता है।

सूर्य ग्रहण 2025 में कब है? (Surya Grahan 2025 Date)

साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च, शनिवार को चैत्र अमावस्या के दिन लगेगा। भारतीय समयानुसार यह ग्रहण दोपहर 2 बजकर 21 मिनट पर प्रारंभ होगा और शाम 6 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगा। इस ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 53 मिनट होगी। यह एक खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा, जो आंशिक रूप से सूर्य को ढकेगा।

चैत्र अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का सूतक काल (Surya Grahan 2025 Sutak Kaal Time)

साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण चैत्र अमावस्या के दिन लगेगा, लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा। इसी कारण इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। धर्म शास्त्रों के अनुसार, सूतक काल को अशुभ माना जाता है, और इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है। आमतौर पर, सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले और चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू होता है, लेकिन चूंकि यह ग्रहण भारत में प्रभावी नहीं होगा, इसलिए इससे जुड़े किसी भी धार्मिक नियमों का पालन करने की आवश्यकता नहीं होगी। लोग अपने दैनिक कार्य पूर्ववत जारी रख सकते हैं।

कहां दिखेगा पहला सूर्य ग्रहण?

29 मार्च 2025 को लगने वाला सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका, आंशिक रूप से उत्तरी अमेरिका, उत्तरी एशिया, उत्तर-पश्चिम अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी ध्रुव, आर्कटिक महासागर और अटलांटिक महासागर के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा।

चैत्र अमावस्या पर सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें?

क्या करें:

  1. ग्रहण के दौरान ईश्वर का ध्यान करें और धार्मिक ग्रंथों का पाठ एवं मंत्र जाप करें।
  2. सूर्य ग्रहण से पहले खाने की वस्तुओं में तुलसी या कुशा के पत्ते डालें।
  3. ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें और घर में गंगाजल का छिड़काव करें।
  4. ताजा पानी भरकर पीने के लिए रखें।

क्या न करें:

  1. इस दौरान तेल मालिश, बाल, नाखून या दाढ़ी काटने से बचें।
  2. यात्रा करने से परहेज करें।
  3. झूठ बोलने, क्रोध करने और किसी भी तरह के अनैतिक कार्यों से दूर रहें।
  4. गर्भवती महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई या किसी भी प्रकार की धारदार वस्तुओं का उपयोग करने से बचना चाहिए।
  5. ग्रहण के समय सोना वर्जित माना जाता है।

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