श्री राधारानी को श्रीदामा का श्राप | क्यों श्री राधारानी को पृथ्वी पर मानव रूप में जन्म लेना पड़ा | 100 वर्षों तक श्रीकृष्ण से वियोग

श्री राधारानी को श्रीदामा का श्राप | क्यों श्री राधारानी को पृथ्वी पर मानव रूप में जन्म लेना पड़ा | 100 वर्षों तक श्रीकृष्ण से वियोग | Festivalhindu.com

श्रीराधारानी और श्रीकृष्ण की लीलाएं केवल प्रेम की सीमित परिभाषाओं में नहीं बाँधी जा सकतीं। वे दिव्य तत्वों से बनी वह रहस्यमयी रसधारा हैं, जो आत्मा को उसके परम लक्ष्य तक ले जाती हैं। श्री राधा और श्री कृष्ण की प्रत्येक लीला में न केवल भावनाओं का चरम रूप होता है, बल्कि गूढ़ आध्यात्मिक रहस्य … Read more

गोलोक वृंदावन में श्री राधारानी का जन्म(प्राकट्य) कैसे हुआ? जानिए रस-मंडल की अद्भुत कथा

गोलोक वृंदावन में श्री राधारानी का जन्म(प्राकट्य) कैसे हुआ? जानिए रस-मंडल की अद्भुत कथा | Festivalhindu.com

सनातन धर्म के प्रेम की सर्वोच्च प्रतिमूर्ति श्रीमति राधारानी का प्राकट्य कोई साधारण घटना नहीं, बल्कि सम्पूर्ण ब्रह्मांड के आध्यात्मिक संतुलन की नींव है। वे केवल श्रीकृष्ण की प्रेयसी नहीं, बल्कि उनकी आत्म-शक्ति, उनका दूसरा रूप हैं। राधा और कृष्ण, वास्तव में, एक ही परब्रह्म के दो स्वरूप हैं — ऊर्जा और ऊर्जावान, प्रेम और … Read more

श्री राधारानी ने मायापुर, नवद्वीप-धाम की रचना क्यों की? जानिए अनंत संहिता की दिव्य कथा

श्री राधारानी ने मायापुर, नवद्वीप-धाम की रचना क्यों की? जानिए अनंत संहिता की दिव्य कथा

जब हम श्रीराधा और श्रीकृष्ण की प्रेमगाथा की बात करते हैं, तो वह केवल कोई साधारण कथा नहीं होती — वह साक्षात प्रेम की पराकाष्ठा, आत्मा की पुकार और भगवान को भी आकर्षित कर लेने वाली भक्ति का अद्वितीय उदाहरण होती है। ऐसे ही दिव्य प्रेम की एक अविस्मरणीय लीला है — श्री मायापुर, नवद्वीप-धाम … Read more

Mythology| श्रीकृष्ण ने क्यों बताया कर्ण को सबसे बड़ा दानी| जाने इसके पीछे की कथा

श्रीकृष्ण

एक बार की बात है, जब श्रीकृष्ण और अर्जुन किसी यात्रा पर निकले थे। चलते-चलते मार्ग में अर्जुन के मन में एक जिज्ञासा उत्पन्न हुई। उसने आदरपूर्वक श्रीकृष्ण से निवेदन किया, “प्रभु, यदि आपकी अनुमति हो तो मैं एक प्रश्न पूछना चाहता हूँ।” श्रीकृष्ण ने मुस्कुराते हुए कहा, “अर्जुन, तुम मुझसे निःसंकोच होकर कोई भी … Read more

क्या है किराडू मंदिर से जूडी श्राप की कहानी? क्यूँ यहाँ आज भी जाने से डरते हैं लोग

किराडू मंदिर

राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित किराडू मंदिर भारत के सबसे रहस्यमयी मंदिरों में से एक है। यह मंदिर अपनी अनोखी वास्तुकला और इससे जुड़ी श्राप की कहानी के कारण प्रसिद्ध है। माना जाता है कि शाम के बाद इस मंदिर में जाना बेहद खतरनाक है और लोग इसे अपनी मौत को बुलावा देने के … Read more

Meera Bai Story: जानिये मीरा बाई कौन थी, उनका विवाह किससे हुआ था, क्यों लिया था पुनर्जन्म और भी बहुत कुछ

मीराबाई

कृष्ण भक्त मीराबाई की मृत्यु आज भी एक रहस्य बनी हुई है। उनके जीवन के अंत का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिलता, और इसे लेकर विद्वानों के अलग-अलग मत हैं। कुछ के अनुसार, मीराबाई का निधन वर्ष 1546 में हुआ, जबकि अन्य का मानना है कि यह 1548 में हुआ था। इसी तरह, उनकी मृत्यु … Read more

Khatu Shyam Ji Katha:बर्बरीक कौन थे, क्या है बर्बरीक से खाटू श्याम बनने की कथा?

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खाटू श्याम भगवान का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। इन्हें “हारे का सहारा” कहा जाता है, और हर वर्ष करोड़ों श्रद्धालु इनके दर्शन के लिए राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्याम मंदिर की ओर खिंचे चले आते हैं। हालांकि, बहुत कम भक्त जानते हैं कि खाटू श्याम वही महाभारतकालीन बर्बरीक हैं, … Read more

Mahabharat: भीम की चार पत्नियां, एक थी अद्वितीय सुंदरता की मूरत, तो दूसरी में था भीम जैसा अद्भुत बल

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महाभारत के पांडवों में सबसे शक्तिशाली योद्धा भीम को उनकी ताकत और वीरता के लिए जाना जाता है। हालांकि, उनकी शादी से जुड़ी कहानियों के बारे में कम ही लोग विस्तार से जानते हैं। द्रौपदी के साथ उनकी शादी की कथा तो अधिकतर लोगों को ज्ञात है, लेकिन भीम ने द्रौपदी के अलावा तीन और … Read more

रावण के सिरो की संख्या दस क्यू थी, जाने क्या थे उनके नाम

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रावण को दशानन कहा जाता है क्योंकि उसके दस सिर थे। यह दस सिर उसके व्यक्तित्व की विविधता और उसकी शक्तियों का प्रतीक थे। रावण के दस सिरों का होना न केवल उसकी शारीरिक ताकत को दर्शाता था, बल्कि यह उसके विभिन्न गुणों और इच्छाओं का भी प्रतीक था। लेकिन रावण के सिरों की संख्या … Read more

जाने क्यों भगवान शिव ने शनिदेव को 19 साल तक पीपल के पेड़ से उल्टा लटकाये रखा था

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शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है, और उनके प्रकोप से लोग बहुत डरते हैं। लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब शनिदेव ने ऐसा कृत्य किया, जिसके कारण भगवान शिव ने उन्हें सजा दी। आइए जानते हैं इस पूरे प्रसंग को विस्तार से। शनिदेव का नाम सुनते ही उनके प्रकोप की भयावहता की … Read more