श्री राधा रानी आरती: हिंदी लिरिक्स, अर्थ, महत्व और PDF

Last Updated: 15 May 2025

श्री राधा रानी की आरती (Radha Rani Aarti) हिंदू धर्म में भगवान श्री कृष्ण की परम प्रियतमा राधा जी को समर्पित एक पवित्र भक्ति गीत है। यह आरती भक्तों के लिए आध्यात्मिक शांति, सुख-समृद्धि, और कृष्ण की कृपा का स्रोत है। ब्रज क्षेत्र, विशेष रूप से बरसाना और वृंदावन, में इस आरती का विशेष महत्व है। इस लेख में हम राधा रानी आरती के हिंदी लिरिक्स, अर्थ, महत्व, इतिहास, और पूजा विधि के साथ-साथ PDF डाउनलोड और इमेज प्रदान करेंगे।

सामग्री

  • राधा रानी आरती का महत्व
  • राधा रानी आरती का इतिहास
  • राधा रानी आरती लिरिक्स हिंदी में
  • राधा रानी आरती का अर्थ
  • आरती करने की विधि
  • आध्यात्मिक लाभ
  • अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
  • डाउनलोड करें
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Radha Rani Image

श्री राधा रानी आरती का महत्व

राधा रानी की आरती गौडीय वैष्णव परंपरा में विशेष स्थान रखती है, जहां राधा जी को भगवान कृष्ण की शक्ति और प्रेम की सर्वोच्च अभिव्यक्ति माना जाता है। यह आरती भक्तों के लिए न केवल एक भक्ति गीत है, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति का साधन भी है। इसके प्रमुख लाभ:

  • आध्यात्मिक शांति: नियमित पाठ से मन को शांति मिलती है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं।
  • पारिवारिक सुख: घर में सकारात्मक ऊर्जा, समृद्धि, और सामंजस्य बढ़ता है।
  • कृष्ण कृपा: राधा जी की भक्ति से भगवान कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

कब करें श्री राधा रानी आरती?

राधा रानी की आरती निम्नलिखित अवसरों पर की जा सकती है:

  • प्रतिदिन सुबह 5-7 बजे (ब्रह्म मुहूर्त) या शाम 6-8 बजे।
  • विशेष अवसर जैसे राधाष्टमी, जन्माष्टमी, होली, या शुक्रवार।

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श्री राधा रानी आरती का इतिहास

राधा रानी की आरती की उत्पत्ति ब्रज क्षेत्र (वृंदावन और बरसाना) से मानी जाती है, जहां राधा-कृष्ण की लीलाओं का गान होता है। यह आरती विशेष रूप से बरसाना के राधा-वल्लभ मंदिर में लोकप्रिय है। बरसाना, राधा जी का जन्मस्थान, भक्तों के लिए पवित्र तीर्थ है। इस आरती का उल्लेख भक्ति साहित्य में मिलता है, जो राधा जी के सौंदर्य और कृष्ण के प्रति उनके प्रेम को दर्शाता है।

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श्री राधा रानी आरती लिरिक्स हिंदी में (Radha Rani Aarti Lyrics in Hindi)

नीचे राधा रानी की आरती के पूर्ण लिरिक्स दिए गए हैं:

आरती भानु दुलारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।

आरती भानु दुलारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।

विराजै सिंहासन श्यामा ।
दिव्य श्री वृन्दावन धामा ।।
ढुरावै चंवर सुघर बामा ।
पलोटै पग पूरण कामा ।।

लली पग अंक ।
चापी निःशंक ।
श्याम जनु रंक ।।

पाई निधि पारस प्यारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।

आरती भानु दुलारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।

गौर सिर कनक मुकुट राजै ।
चन्द्रिका चारु सुछवि छाजै ।।
कुटिल कुन्तल अली भल भ्राजै ।
लखत जेहि शिखि कलाप लाजै ।।

मांग सिंदूर ।
मोतियन पूर ।
सजीवन मूर ।।

ब्रह्मा गोवर्धनधारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।

आरती भानु दुलारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।

श्रवण बिच करणफूल झलकै ।
नासिका बिच बेसर हलकै ।।
गयन बिच प्रेम-सुधा छलकै ।
बंधु बल के लखि लखि ललकै ।।

चपलनथ चमक ।
दसन दुति दमक ।
सुमुखि मुख रमक ।

मधुर मुसुकनी सुकुमारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।

आरती भानु दुलारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।

मोतियन लरु उर मणिमाला ।
चिबुक झलकत इक तिल काला ।।
शम्भू शुक दे संग करताला ।
लली गुन गावती ब्रजबाला ।।

कबहुँ मुख मुरली ।
कबहुँ दृग दुरली ।
कबहुँ दृग जुरली ।।

कबहुँ सुधि भुरनी बिहारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।

आरती भानु दुलारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।

कीनारिन जरिन नील सारी ।
कंचुकी कुमकुम रंग वारि ।।
चुरी कर कंकन मनहारी ।
छीन कटि किंकिनि छवि न्यारी ।।

पायलनि पगनि ।
मिहावरी लगनि ।
बिछुवनी नगनि ।।

कृपालु सुकृति कुमारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।

आरती भानु दुलारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।
आरती भानु दुलारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।

Note: संपूर्ण लिरिक्स के लिए PDF डाउनलोड करें

📥 डाउनलोड लिंक:

अंग्रेजी ट्रांसलिटरेशन (English Transliteration)

aaratee bhaanu dulaaree kee .
ki shree barasaane vaalee kee ..

aaratee bhaanu dulaaree kee .
ki shree barasaane vaalee kee ..

viraajai sinhaasan shyaama .
divy shree vrndaavan dhaama ..
dhuraavai chanvar sughar baama .
palotai pag pooran kaama ..

lalee pag ank .
chaapee nihshank .
shyaam janu rank ..

paee nidhi paaras pyaaree kee .
ki shree barasaane vaalee kee ..

aaratee bhaanu dulaaree kee .
ki shree barasaane vaalee kee ..

gaur sir kanak mukut raajai .
chandrika chaaru suchhavi chhaajai ..
kutil kuntal alee bhal bhraajai .
lakhat jehi shikhi kalaap laajai ..

maang sindoor .
motiyan poor .
sajeevan moor ..

brahma govardhanadhaaree kee .
ki shree barasaane vaalee kee ..

aaratee bhaanu dulaaree kee .
ki shree barasaane vaalee kee ..

shravan bich karanaphool jhalakai .
naasika bich besar halakai ..
gayan bich prem-sudha chhalakai .
bandhu bal ke lakhi lakhi lalakai ..

chapalanath chamak .
dasan duti damak .
sumukhi mukh ramak .

madhur musukanee sukumaaree kee .
ki shree barasaane vaalee kee ..

aaratee bhaanu dulaaree kee .
ki shree barasaane vaalee kee ..

motiyan laru ur manimaala .
chibuk jhalakat ik til kaala ..
shambhoo shuk de sang karataala .
lalee gun gaavatee brajabaala ..

kabahun mukh muralee .
kabahun drg duralee .
kabahun drg juralee ..

kabahun sudhi bhuranee bihaaree kee .
ki shree barasaane vaalee kee ..

aaratee bhaanu dulaaree kee .
ki shree barasaane vaalee kee ..

keenaarin jarin neel saaree .
kanchukee kumakum rang vaari ..
churee kar kankan manahaaree .
chheen kati kinkini chhavi nyaaree ..

paayalani pagani .
mihaavaree lagani .
bichhuvanee nagani ..

krpaalu sukrti kumaaree kee .
ki shree barasaane vaalee kee ..

aaratee bhaanu dulaaree kee .
ki shree barasaane vaalee kee ..
aaratee bhaanu dulaaree kee .
ki shree barasaane vaalee kee ..

श्री राधा रानी आरती का अर्थ (Meaning of Radha Rani Aarti)

इस आरती में राधा जी के सौंदर्य, प्रेम और कृष्ण के साथ लीलाओं का वर्णन है:

  • “भानु दुलारी”: राधा जी को वृषभानु की पुत्री कहा गया है।
  • “बरसाने वाली”: राधा जी बरसाना (ब्रज) की अधिष्ठात्री देवी हैं।
  • “श्यामा”: कृष्ण की प्रिय श्यामा (राधा) का सिंहासन पर विराजमान होना।

यह आरती राधा जी के अलौकिक सौंदर्य और कृष्ण के साथ उनके अनन्य प्रेम को दर्शाती है, जो भक्तों को भक्ति मार्ग पर प्रेरित करती है।

श्री राधा रानी आरती इमेज (Radha Rani Aarti Image)

Radha Rani aarti Image | Festivalhindu.com
Radha Rani aarti Image

श्री राधा रानी आरती करने की विधि

राधा रानी की आरती करने की सरल विधि:

  1. स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  2. राधा-कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक और धूप जलाएं।
  3. फूल, मिठाई, और जल अर्पित करें।
  4. श्रद्धा से आरती गाएं और घंटी बजाएं।
  5. अंत में प्रसाद वितरित करें।

श्री राधा रानी आरती के आध्यात्मिक लाभ

राधा रानी की आरती के नियमित पाठ से भक्तों को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:

  • मानसिक शांति: तनाव और चिंता कम होती है, जिससे मन शांत रहता है।
  • आत्मविश्वास: भक्ति से आत्मबल बढ़ता है।
  • कृष्ण की निकटता: राधा जी की कृपा से भगवान कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • सांस्कृतिक जुड़ाव: यह आरती ब्रज संस्कृति और वैष्णव परंपरा से जोड़ती है।

ब्रह्म वैवर्त पुराण में राधा जी को कृष्ण की परम शक्ति बताया गया है, जिससे उनकी भक्ति का महत्व और बढ़ जाता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

राधा रानी की आरती कब गानी चाहिए?

सुबह 5-7 बजे (ब्रह्म मुहूर्त) या शाम 6-8 बजे

क्या यह आरती घर में सुख-शांति लाती है?

हाँ! नियमित पाठ से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।

आरती का MP3 कहाँ से डाउनलोड करें?

YouTube पर “Radha Rani Aarti Song” सर्च करें या यहाँ क्लिक करें

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