You are currently viewing Pradosh Vrat Dates List 2025: नए साल का पहला प्रदोष व्रत कब है? त्रयोदशी तिथि पर करें भगवान शिव की पूजा, देखें नववर्ष का पूरा प्रदोष व्रत कैलेंडर।

Pradosh Vrat Dates List 2025: नए साल का पहला प्रदोष व्रत कब है? त्रयोदशी तिथि पर करें भगवान शिव की पूजा, देखें नववर्ष का पूरा प्रदोष व्रत कैलेंडर।

Pradosh Vrat Dates List 2025: नया साल 2025 आने वाला है, और इस वर्ष हर महीने में दो प्रदोष व्रत होंगे। इस प्रकार, पूरे वर्ष में कुल 24 प्रदोष व्रत आएंगे। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव, देवों के देव, की पूजा-अर्चना की जाती है। प्रदोष व्रत को खास इसलिए माना जाता है क्योंकि इसकी पूजा प्रदोष काल में, यानी सूर्यास्त के बाद, संपन्न होती है। मान्यता है कि शिव कृपा से व्रत करने वाले भक्त के सभी दोष, रोग और कष्ट दूर हो जाते हैं और उसके जीवन में सुख, समृद्धि, धन और संपत्ति का आगमन होता है।

Pradosh Vrat Dates List 2025 | Festivalhindu.com
Pradosh Vrat Dates List 2025

नए साल का पहला प्रदोष व्रत 2025 (January Pradosh Vrat Date 2025)

साल 2025 का पहला प्रदोष व्रत 11 जनवरी, शनिवार को रखा जाएगा। यह शनि प्रदोष व्रत है, जिसे रखने से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से पुत्र प्राप्ति का योग बनता है। यह प्रदोष व्रत पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर पड़ता है। पंचांग के अनुसार, पौष शुक्ल त्रयोदशी तिथि का आरंभ 11 जनवरी को सुबह 8 बजकर 21 मिनट पर होगा और इसका समापन 12 जनवरी को सुबह 6 बजकर 33 मिनट पर होगा।

नए साल में 4 शनि प्रदोष व्रत (Shani Pradosh Vrat Date 2025)

नए साल में कुल 4 शनि प्रदोष व्रत, 4 सोम प्रदोष व्रत, 5 भौम प्रदोष व्रत, 2 गुरु प्रदोष व्रत और 4 शुक्र प्रदोष व्रत होंगे। पूरे वर्ष में प्रदोष व्रत की तिथियों की जानकारी के लिए नीचे दिए गए कैलेंडर को देख सकते हैं।

प्रदोष व्रत कैलेंडर 2025 (Pradosh Vrat Dates List 2025)

क्रमांकव्रत का नामतिथिदिन
1शनि प्रदोष व्रत11 जनवरी 2025शनिवार
2सोम प्रदोष व्रत27 जनवरी 2025सोमवार
3रवि प्रदोष व्रत9 फरवरी 2025रविवार
4भौम प्रदोष व्रत25 फरवरी 2025मंगलवार
5भौम प्रदोष व्रत11 मार्च 2025मंगलवार
6गुरु प्रदोष व्रत27 मार्च 2025बृहस्पतिवार
7गुरु प्रदोष व्रत10 अप्रैल 2025बृहस्पतिवार
8शुक्र प्रदोष व्रत25 अप्रैल 2025शुक्रवार
9शुक्र प्रदोष व्रत9 मई 2025शुक्रवार
10शनि प्रदोष व्रत24 मई 2025शनिवार
11रवि प्रदोष व्रत8 जून 2025रविवार
12सोम प्रदोष व्रत23 जून 2025सोमवार
13भौम प्रदोष व्रत8 जुलाई 2025मंगलवार
14भौम प्रदोष व्रत22 जुलाई 2025मंगलवार
15बुध प्रदोष व्रत6 अगस्त 2025बुधवार
16बुध प्रदोष व्रत20 अगस्त 2025बुधवार
17शुक्र प्रदोष व्रत5 सितंबर 2025शुक्रवार
18शुक्र प्रदोष व्रत19 सितंबर 2025शुक्रवार
19शनि प्रदोष व्रत4 अक्टूबर 2025शनिवार
20शनि प्रदोष व्रत18 अक्टूबर 2025शनिवार
21सोम प्रदोष व्रत3 नवंबर 2025सोमवार
22सोम प्रदोष व्रत17 नवंबर 2025सोमवार
23भौम प्रदोष व्रत2 दिसंबर 2025मंगलवार
24बुध प्रदोष व्रत17 दिसंबर 2025बुधवार

प्रदोष व्रत पूजा विधि (Pradosh Vrat Puja Vidhi)

प्रदोष व्रत के दिन प्रातः काल जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें। इसके बाद एक साफ चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाकर शिव परिवार की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
भगवान शिव को बेलपत्र, फूलमाला और अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें। माता पार्वती को सोलह श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं।
देसी घी का दीपक प्रज्वलित करें और शिव चालीसा का पाठ करें। भगवान शिव से सुख-समृद्धि और जीवन के कष्टों से मुक्ति की प्रार्थना करें।
भगवान को सफेद मिठाई, हलवा, दही, भांग, पंचामृत, शहद, और दूध का भोग लगाएं।
संध्या समय पुनः विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें। पूजा के पश्चात जरूरतमंदों को अन्न और धन का दान करें।

प्रदोष व्रत कथा (Pradosh Vrat Katha)

पुराने समय की बात है, एक नगर में तीन घनिष्ठ मित्र रहते थे। उनमें से एक राजा का पुत्र था, दूसरा एक ब्राह्मण का, और तीसरा एक सेठ का पुत्र। राजा और ब्राह्मण के पुत्र का विवाह हो चुका था, लेकिन सेठ का पुत्र विवाह के बाद भी अपनी पत्नी को घर नहीं ला पाया था। एक दिन, तीनों मित्र मिलकर स्त्रियों के विषय में चर्चा कर रहे थे। इस दौरान ब्राह्मण पुत्र ने स्त्रियों की प्रशंसा करते हुए कहा, “नारी के बिना घर भूतों का वास बन जाता है।” यह सुनकर सेठ के पुत्र ने तुरंत अपनी पत्नी को घर लाने का निश्चय किया। वह अपने घर गया और अपने इस निर्णय की जानकारी अपने माता-पिता को दी।

माता-पिता ने अपने बेटे को समझाते हुए कहा कि उसकी कुंडली में शुक्र ग्रह अस्त स्थिति में है। ऐसे समय में बहू-बेटियों को उनके घर से विदा कराना अशुभ माना जाता है। उन्होंने सुझाव दिया कि शुक्र के उदय होने के बाद ही अपनी पत्नी को लाना उचित होगा। लेकिन सेठ-पुत्र अपनी जिद पर अड़ा रहा और किसी की बात नहीं मानी। वह सीधे अपनी ससुराल पहुंच गया।

जब उसकी इच्छा सास-ससुर को पता चली, तो उन्होंने भी उसे समझाने की कोशिश की। परंतु वह किसी भी तरह मानने को तैयार नहीं हुआ, जिसके कारण सास-ससुर को मजबूरी में अपनी बेटी को उसके साथ विदा करना पड़ा। विदाई के बाद जैसे ही दोनों पति-पत्नी गाड़ी में सवार होकर निकले, उनकी बैलगाड़ी का पहिया टूट गया और एक बैल की टांग भी टूट गई। इस हादसे में पत्नी को भी गंभीर चोटें आईं।इसके बाद भी सेठ-पुत्र ने आगे बढ़ने की कोशिश की। तभी रास्ते में डाकुओं ने उन्हें घेर लिया और उनका सारा सामान लूट लिया।

सेठ का पुत्र अपनी पत्नी के साथ रोता-बिलखता अपने घर पहुंचा। घर पहुंचते ही उसे सांप ने काट लिया। परेशान होकर सेठ ने तुरंत डॉक्टरों को बुलवाया। डॉक्टरों ने जांच के बाद कहा कि आपका बेटा तीन दिन से अधिक जीवित नहीं रह पाएगा। यह सुनकर सेठ और परिवार गहरे दुख में डूब गए।

इस घटना की जानकारी ब्राह्मण पुत्र को मिली तो वह तुरंत सेठ के घर पहुंचा। उसने सेठ से कहा, “आप अपने बेटे और बहू को वापस उनकी ससुराल भेज दीजिए।” ब्राह्मण पुत्र ने समझाया, “आपके बेटे ने शुक्र ग्रह के अस्त होने के दौरान अपनी पत्नी को विदा कराकर घर लाया है, इसलिए ये सारी विपत्तियां आई हैं। यदि वह अपनी पत्नी को लेकर ससुराल लौट जाएगा, तो इन सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।”

सेठ ने ब्राह्मण पुत्र की सलाह मान ली और अपने बेटे और बहू को तुरंत ससुराल भेज दिया। वहां पहुंचने के बाद सेठ पुत्र की स्थिति में सुधार होने लगा और कुछ ही समय में वह पूरी तरह स्वस्थ हो गया।

ALSO READ:-

Ekadashi Date List 2025: साल 2025 में कब-कब है एकादशी व्रत? जाने जनवरी से लेकर दिसंबर तक सभी तिथियां

Masik Shivratri 2025 Dates List:मासिक शिवरात्रि 2025 की तिथियों की सुचि, महत्व और पूजा विधि

Leave a Reply