नवरात्रि के नौ दिनों में हर दिन देवी दुर्गा के एक विशेष रूप की पूजा की जाती है, और नवरात्रि का पांचवा दिन माँ स्कंदमाता की आराधना के लिए समर्पित है। माँ स्कंदमाता को स्कंद (भगवान कार्तिकेय) की माता के रूप में जाना जाता है। उनके इस स्वरूप की पूजा से भक्तों को संतान सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति होती है। माँ स्कंदमाता की पूजा करते समय भक्तों को उनकी प्रिय वस्तुओं का भोग अर्पित करना चाहिए ताकि देवी प्रसन्न होकर भक्तों पर अपनी कृपा बरसा सकें।

माँ स्कंदमाता को प्रसन्न करने के लिए अर्पित करें ये भोग (Navratri Day 5th Maa Skandmata Bhog)
- केला: माँ स्कंदमाता को केला अत्यंत प्रिय है। केले का भोग अर्पित करने से देवी का आशीर्वाद मिलता है और संतान सुख की प्राप्ति होती है।
- खीर: खीर माँ स्कंदमाता का प्रिय मिष्ठान्न है। इसे अर्पित करने से परिवार में शांति, समृद्धि और खुशहाली का संचार होता है। खीर का भोग देवी को प्रसन्न करता है और भक्तों के जीवन में सकारात्मकता लाता है।
- मालपुआ: मालपुआ का भोग अर्पित करना माँ स्कंदमाता को प्रसन्न करने का एक प्रभावी तरीका है। इससे व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और उसे समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है।
- मिश्री: मिश्री का भोग अर्पित करने से भक्तों को मानसिक शांति और मिठास का आशीर्वाद मिलता है। यह भोग माँ को विशेष रूप से प्रिय है और उनके कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- ताजे फल: माँ स्कंदमाता को ताजे फल अर्पित करने से देवी की कृपा मिलती है। फल जैसे सेब, अंगूर, अनार आदि अर्पित करने से परिवार में स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
- दूध और घी: माँ स्कंदमाता को दूध और घी का भोग चढ़ाना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। यह भोग अर्पित करने से भक्तों के जीवन में धन-धान्य की वृद्धि होती है और घर में शांति का माहौल बना रहता है।
- सफेद मिठाइयाँ: माँ स्कंदमाता को सफेद रंग की मिठाइयाँ, जैसे माखन और पंजीरी, अर्पित करना शुभ होता है। इससे देवी की कृपा प्राप्त होती है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- शहद: माँ स्कंदमाता को शहद का भोग अर्पित करने से व्यक्ति को मधुर वाणी और अच्छे संबंधों का आशीर्वाद मिलता है। शहद का भोग उनके लिए विशेष महत्व रखता है।
माँ स्कंदमाता की पूजा का महत्व (Maa Skandmata Puja Mahatva)
माँ स्कंदमाता की पूजा न केवल संतान सुख और परिवार की समृद्धि के लिए की जाती है, बल्कि यह पूजा भक्तों को मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति और स्वस्थ जीवन प्रदान करती है। जिन भक्तों को संतान सुख की प्राप्ति नहीं हो रही है, उनके लिए माँ स्कंदमाता की उपासना अत्यंत लाभकारी होती है। देवी की पूजा से न केवल संतान सुख मिलता है, बल्कि संतान के जीवन में उन्नति और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद भी मिलता है।
निष्कर्ष
नवरात्रि का पांचवा दिन माँ स्कंदमाता की पूजा के लिए समर्पित है, और उनकी उपासना से संतान सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति होती है। माँ को प्रिय भोग जैसे केला, खीर, मालपुआ, और शहद अर्पित करने से देवी प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती हैं। माँ स्कंदमाता की आराधना करने से जीवन में सकारात्मकता और सुख-शांति का संचार होता है। नवरात्रि के इस पावन दिन पर माँ स्कंदमाता की भक्ति और पूजा करके देवी की कृपा प्राप्त करें और अपने जीवन को खुशहाल बनाएं।
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