हिंदू धर्म में देवी माँ की आराधना को विशेष महत्व प्राप्त है। माँ दुर्गा और माँ काली को शक्ति की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। यह दोनों देवियाँ असीम शक्ति, साहस और करुणा का प्रतीक हैं। माँ दुर्गा को जहां असुरों का विनाश कर धर्म की रक्षा करने वाली के रूप में पूजा जाता है, वहीं माँ काली को विनाश और पुनर्जन्म की देवी के रूप में माना जाता है।
दोनों देवियों की आरती उनके भक्तों के लिए विशेष महत्व रखती है, क्योंकि यह न केवल श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है, बल्कि भक्तों को उनकी दिव्य शक्ति से जोड़ती है। इस लेख में हम माँ दुर्गा और माँ काली की आरती के महत्व, उनके लाभ और उनके निष्कर्ष पर चर्चा करेंगे।

माँ दुर्गा माँ काली आरती
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
तेरे भक्त जनो पर,
भीर पडी है भारी माँ ।
दानव दल पर टूट पडो,
माँ करके सिंह सवारी ।
सौ-सौ सिंहो से बलशाली,
अष्ट भुजाओ वाली,
दुष्टो को पलमे संहारती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
माँ बेटे का है इस जग मे,
बडा ही निर्मल नाता ।
पूत – कपूत सुने है पर न,
माता सुनी कुमाता ॥
सब पे करूणा दरसाने वाली,
अमृत बरसाने वाली,
दुखियो के दुखडे निवारती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
नही मांगते धन और दौलत,
न चांदी न सोना माँ ।
हम तो मांगे माँ तेरे मन मे,
इक छोटा सा कोना ॥
सबकी बिगडी बनाने वाली,
लाज बचाने वाली,
सतियो के सत को सवांरती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
चरण शरण मे खडे तुम्हारी,
ले पूजा की थाली ।
वरद हस्त सर पर रख दो,
मॉ सकंट हरने वाली ।
मॉ भर दो भक्ति रस प्याली,
अष्ट भुजाओ वाली,
भक्तो के कारज तू ही सारती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
माँ दुर्गा और माँ काली की आरती का महत्व
धार्मिक महत्व
माँ दुर्गा और माँ काली की आरती का धार्मिक महत्व अत्यधिक है। यह आरती देवियों के प्रति समर्पण और भक्ति का प्रतीक है। माँ दुर्गा की आरती के समय, भक्त देवी से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं और उनके दिव्य आशीर्वाद की कामना करते हैं। वहीं, माँ काली की आरती के समय भक्त अपने सभी भय और चिंताओं को माँ के चरणों में समर्पित कर देते हैं, जिससे उन्हें आत्मिक और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
सांस्कृतिक महत्व
माँ दुर्गा और माँ काली की आरती भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। नवरात्रि और काली पूजा के दौरान इन देवियों की आरती का आयोजन भव्य तरीके से किया जाता है। इस समय, पूरे देश में भक्ति और उत्साह का माहौल होता है। आरती के दौरान गाए जाने वाले भजन और मंत्र भक्तों के मन को शुद्ध करते हैं और उन्हें देवी की कृपा का अनुभव करने में सक्षम बनाते हैं।
आध्यात्मिक महत्व
माँ दुर्गा और माँ काली की आरती का आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है। आरती के समय भक्त का मन और आत्मा देवी की उपस्थिति में लीन हो जाते हैं। यह समय भक्त के लिए ध्यान और आत्मसाक्षात्कार का होता है। आरती के माध्यम से भक्त अपने अंदर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और देवी की कृपा से अपने जीवन को सकारात्मकता और शांति से भर देता है।

माँ दुर्गा और माँ काली की आरती के लाभ
आध्यात्मिक लाभ
- दिव्य आशीर्वाद की प्राप्ति: माँ दुर्गा और माँ काली की आरती करने से भक्त को देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह आशीर्वाद भक्त के जीवन में शांति, समृद्धि, और शक्ति का संचार करता है। देवी की आरती करने से भक्त को आध्यात्मिक शक्ति और आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है।
- आध्यात्मिक शांति: आरती का समय भक्त के लिए ध्यान और आत्ममंथन का होता है। यह समय उसे देवी की कृपा और शांति का अनुभव करने में मदद करता है। माँ दुर्गा और माँ काली की आरती के माध्यम से भक्त के मन और आत्मा को शांति प्राप्त होती है, जिससे वह अपने जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होता है।
- कर्मों का शुद्धिकरण: माँ दुर्गा और माँ काली की आरती के माध्यम से भक्त अपने पिछले पापों का शुद्धिकरण करता है। आरती के दौरान गाए जाने वाले मंत्र और भजन भक्त के जीवन में सकारात्मकता का संचार करते हैं और उसे मोक्ष की दिशा में अग्रसर करते हैं।
मानसिक और भावनात्मक लाभ
- तनाव और चिंता से मुक्ति: माँ दुर्गा और माँ काली की आरती का एक प्रमुख लाभ यह है कि यह भक्त को तनाव और चिंता से मुक्ति दिलाती है। आरती के समय भक्त का मन देवी की शक्ति और कृपा में लीन हो जाता है, जिससे उसकी सभी चिंताएं दूर हो जाती हैं। आरती के समय का यह वातावरण भक्त के मन को शांति और सुकून प्रदान करता है।
- भावनात्मक संतुलन: माँ दुर्गा और माँ काली की आरती के दौरान उत्पन्न होने वाली भक्ति और समर्पण की भावना भक्त को भावनात्मक संतुलन प्रदान करती है। यह संतुलन उसे जीवन के उतार-चढ़ाव में स्थिर और धैर्यवान बनाए रखता है। आरती के माध्यम से भक्त अपने जीवन की सभी परेशानियों को देवी के चरणों में समर्पित कर देता है, जिससे उसे आंतरिक शांति और संतोष प्राप्त होता है।
- ध्यान और एकाग्रता में वृद्धि: माँ दुर्गा और माँ काली की आरती का एक और महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह भक्त की ध्यान और एकाग्रता की क्षमता को बढ़ाती है। आरती के दौरान गाए जाने वाले भजन और मंत्र भक्त के मन को एकाग्र करते हैं और उसे देवी के प्रति समर्पित रखते हैं। इससे भक्त के मन में ध्यान और एकाग्रता की शक्ति बढ़ती है, जो उसकी दैनिक जीवन की चुनौतियों से निपटने में मदद करती है।
निष्कर्ष
माँ दुर्गा और माँ काली की आरती एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक और आध्यात्मिक अनुष्ठान है। यह न केवल भक्त और देवी के बीच का संबंध मजबूत करती है, बल्कि भक्त के जीवन में सकारात्मकता, शांति और संतोष का संचार भी करती है। आरती का महत्व इस बात में है कि यह अज्ञान के अंधकार को दूर कर भक्त के जीवन में ज्ञान और प्रकाश का प्रसार करती है।
माँ दुर्गा और माँ काली की आरती के लाभ अनेक हैं, जो कि भक्त के आध्यात्मिक, मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करते हैं। आरती के माध्यम से भक्त को देवी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे उसका जीवन सुख-समृद्धि और शांति से भर जाता है। आरती भक्त के मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करती है, जिससे उसे मोक्ष की प्राप्ति की दिशा में अग्रसर होने का अवसर मिलता है।
अंततः, माँ दुर्गा और माँ काली की आरती एक अनमोल आध्यात्मिक साधना है, जो सदियों से लाखों भक्तों द्वारा पूजित और सम्मानित की जाती रही है। यह न केवल देवी के प्रति भक्ति और श्रद्धा व्यक्त करने का एक माध्यम है, बल्कि भक्त के जीवन में संतुलन, शांति और समृद्धि लाने का एक साधन भी है। आरती के माध्यम से भक्त देवी की असीम कृपा का अनुभव कर सकता है और अपने जीवन को आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में अग्रसर कर सकता है।
माँ दुर्गा माँ काली आरती वीडियो (Maa Durga Maa Kali Aarti Video)
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