हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को दिवाली का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष दिवाली 31 अक्टूबर, गुरुवार को है। दिवाली का यह शुभ दिन धन की देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के लिए विशेष माना जाता है। मान्यता है कि इस पूजा से घर में बरकत और खुशहाली आती है। दिवाली पूजन के समय कई सामग्रियां थाली में रखी जाती हैं, लेकिन खासतौर पर घर के पैसे और गहनों को पूजा में शामिल करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। आइए जानें कि दिवाली की पूजा में पैसे और गहनों को शामिल करने का क्या महत्व है।

लक्ष्मी पूजन में गहने और पैसे रखने का महत्व (Diwali Puja me Gahne aur Paiso ka Mahatva)
दिवाली का पर्व विशेष रूप से धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी को समर्पित है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है, ताकि घर में सुख, शांति और संपन्नता का वास हो। मान्यता है कि लक्ष्मी माता इस दिन पृथ्वी पर आती हैं और अपने भक्तों के घरों में भ्रमण करती हैं। पूजा में गहने और पैसे रखने का मुख्य उद्देश्य माता लक्ष्मी को प्रसन्न करना होता है, ताकि उनकी कृपा घर-परिवार पर बनी रहे।
1. लक्ष्मी-गणेश की पूजा से धन और बुद्धि का आशीर्वाद
लक्ष्मी देवी को धन की अधिष्ठात्री माना जाता है, जबकि भगवान गणेश बुद्धि और शुभता के प्रतीक हैं। दिवाली पर लक्ष्मी और गणेश की पूजा करने से जीवन में धन और समृद्धि की वृद्धि होती है, और साथ ही गणेशजी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पूजा में पैसे और गहनों को शामिल करने से यह सुनिश्चित होता है कि लक्ष्मी की कृपा घर पर बनी रहे और समृद्धि का संचार हो।
2. सुख-समृद्धि की प्राप्ति का उपाय
शास्त्रों के अनुसार, दिवाली की पूजा में घर के पैसों और गहनों को रखने से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इसे जीवन में सुख-समृद्धि का प्रतीक माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि जब गहने और पैसे पूजा में अर्पित किए जाते हैं, तो देवी लक्ष्मी प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाती हैं और धन-वैभव में वृद्धि होती है। पूजा में गहनों और पैसों का समावेश जीवन में निरंतर आर्थिक स्थिरता और खुशहाली लाता है।
3. गहनों और पैसों को पूजा में रखने का धार्मिक कारण
दिवाली पूजन में गहनों और पैसों का उपयोग का धार्मिक दृष्टिकोण भी है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, गहने और पैसे देवी लक्ष्मी से जुड़े हुए माने जाते हैं, जो जीवन में आर्थिक समृद्धि और सफलता के प्रतीक हैं। जब आप इन्हें पूजा में रखते हैं, तो लक्ष्मीजी प्रसन्न होती हैं और आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। यह पूजा हमारे धार्मिक मूल्यों को भी सशक्त बनाती है और हमें धन और समृद्धि के वास्तविक महत्व का एहसास कराती है।
4. ग्रहों की अशुभता से मुक्ति
दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन में पैसे और गहने रखने का एक और विशेष कारण है – ग्रह दोषों से मुक्ति। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर आपकी कुंडली में कोई ग्रह दोष है या ग्रहों की अशुभता का प्रभाव है, तो दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन में गहनों और पैसों को अर्पित करने से इसका निवारण होता है। इससे आपके जीवन में शांति और खुशहाली आती है। यह पूजा न केवल आर्थिक समृद्धि लाती है बल्कि परिवार में सकारात्मकता और आपसी प्रेम को भी बनाए रखती है।
5. अहंकार से दूर रहने का प्रतीक
भगवान गणेश को धन की वृद्धि का संरक्षक माना जाता है, और उनकी पूजा से बुद्धि और विनम्रता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जब आप दिवाली पूजन में घर के पैसे और गहनों को शामिल करते हैं, तो इससे भगवान गणेश की कृपा मिलती है। यह पूजा व्यक्ति को अहंकार से दूर रखती है, जिससे कि वह अपने धन का उपयोग अच्छे कार्यों में कर सके। लक्ष्मी-गणेश पूजा से जीवन में स्थिरता और संयम का भाव आता है, और व्यक्ति समझदारी से अपने धन का सदुपयोग करता है।
6. पूजा विधि में पैसे और गहने शामिल करने का लाभ
पूजा के दौरान लक्ष्मीजी की प्रतिमा के सामने अपने घर के पैसे, गहने और सोने-चांदी की अन्य सामग्रियां रखें। इसे पूजा की पवित्रता और महत्ता का हिस्सा मानते हुए करने से न केवल घर में धन की वृद्धि होती है बल्कि यह घर में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है। दिवाली पूजा के दौरान एकाग्रता से धन और गहनों को माता लक्ष्मी के चरणों में रखकर उनका आशीर्वाद मांगे।
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