Last Updated: 26 March 2025
वैदिक हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष चैत्र नवरात्रि की शुक्ल प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 29 मार्च को शाम 4 बजकर 32 मिनट पर होगी, जो अगले दिन 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगी। हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का पर्व बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। हर वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि का शुभारंभ होता है। यह नौ दिन देवी दुर्गा की आराधना और शक्ति उपासना के लिए विशेष माने जाते हैं। इन दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिपूर्वक पूजा की जाती है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, नवरात्रि के दौरान की गई शक्ति उपासना से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों की समस्त इच्छाओं को पूर्ण करती हैं। तिथियों के परिवर्तन के कारण कभी-कभी यह उत्सव नौ के बजाय आठ दिनों का भी हो सकता है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि कितने दिनों की होगी और इसकी सही तिथि क्या है, आइए जानते हैं।
चैत्र नवरात्रि 2025 शुभ मुहूर्त कब है? (Chaitra Navratri 2025 Date)
वैदिक हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 29 मार्च को शाम 4 बजकर 32 मिनट पर होगी, जो 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 30 मार्च को मानी जाएगी। इसी दिन से चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ होगा।
इस वर्ष चैत्र नवरात्रि कितने दिनों की होगी?
इस बार चैत्र नवरात्रि का आरंभ 30 मार्च से होगा और इसका समापन 6 अप्रैल को होगा। तिथियों में परिवर्तन के कारण अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन, यानी 9 अप्रैल को पड़ रही है। इसी कारण इस वर्ष नवरात्रि पूरे 9 दिनों की बजाय 8 दिनों की होगी।
चैत्र नवरात्रि 2025 कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त (Chaitra Navratri 2025 Kalash Sthapana Muhurat)
30 मार्च को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना के साथ नवरात्रि की पूजा का शुभारंभ किया जाएगा। इस वर्ष कलश स्थापना के लिए दो अत्यंत शुभ मुहूर्त हैं:
- प्रातः 5 बजकर 52 मिनट से प्रातः 9 बजकर 22 मिनट तक
- दोपहर 12 बजकर 02 मिनट से दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक
इनमें से किसी भी शुभ समय में विधि-विधान से कलश स्थापना की जा सकती है।
चैत्र नवरात्रि 2025 में माता दुर्गा की सवारी

इस वर्ष मां दुर्गा शेर के स्थान पर हाथी पर सवार होकर आएंगी। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, माता का हाथी पर आगमन समृद्धि, सौभाग्य और धैर्य का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ ही, इस बार अष्टमी और नवमी तिथि एक साथ पड़ रही हैं, जिससे नवरात्रि का विशेष महत्व बढ़ गया है।
मां दुर्गा की पूजा से पूर्ण होती हैं मनोकामनाएं
चैत्र नवरात्रि का पर्व हर वर्ष श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों—शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति नवरात्रि में व्रत रखकर मां दुर्गा की विधि-विधान से आराधना करता है, उसकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
नवरात्रि में पूजा के लाभ (Chaitra Navratri Puja Labh)
- मां दुर्गा की उपासना से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मकता दूर होती है।
- पूजा करने से मन शुद्ध और एकाग्र होता है, जिससे जीवन में शांति और समृद्धि आती है।
चैत्र नवरात्रि पूजा की विधि (Chaitra Navratri Puja Vidhi)
- प्रातः स्नान करने के बाद पूजास्थल को स्वच्छ करें।
- मां दुर्गा को लाल चुनरी और लाल फूल अर्पित करें, क्योंकि यह रंग नवरात्रि में शुभ माना जाता है।
- माता रानी को चना और खीर का भोग लगाएं।
- पूजा स्थल पर धूपबत्ती और देसी घी का दीपक जलाएं।
- दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
- अंत में मां दुर्गा से अपने जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा याचना करें।
ALSO READ:-
Durga Kilak Stotra:नवरात्रि में करें दुर्गा कीलक स्तोत्र का पाठ घर में आएगी सुख-समृद्धि