सनातन धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व माना गया है। इन नौ दिनों के दौरान मां दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। विशेष रूप से अष्टमी तिथि को मां दुर्गा की आराधना का महत्व अधिक होता है। इस दिन उपवास रखने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख, समृद्धि एवं शांति का वास होता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कष्टों और संकटों से मुक्ति पाने के लिए मां दुर्गा की पूजा करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। जो साधक सच्चे मन से मां दुर्गा की शरण में आते हैं, उन्हें जीवन में सभी प्रकार के सुख और समृद्धि प्राप्त होती है। इस वर्ष रामनवमी 06 अप्रैल को मनाई जाएगी। वहीं, चतुर्थी और पंचमी तिथि एक साथ पड़ने के कारण कई साधक अष्टमी तिथि को लेकर भ्रमित हैं। आइए जानते हैं दुर्गा अष्टमी की सही तिथि और शुभ मुहूर्त।
दुर्गा अष्टमी शुभ मुहूर्त (Durga Ashtami Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 04 अप्रैल की रात 08:12 बजे से प्रारंभ होकर 05 अप्रैल की शाम 07:26 बजे तक रहेगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस वर्ष दुर्गा अष्टमी 05 अप्रैल को मनाई जाएगी। सही तिथि की पुष्टि के लिए साधकों को अपने स्थानीय पंचांग का अनुसरण करना चाहिए। इच्छानुसार वे किसी विद्वान पंडित या ज्योतिषाचार्य से भी परामर्श ले सकते हैं।
चैत्र नवरात्रि 2025 तिथियां
- 02 अप्रैल: पंचमी तिथि
- 03 अप्रैल: षष्ठी तिथि
- 04 अप्रैल: सप्तमी तिथि
- 05 अप्रैल: अष्टमी तिथि
- 06 अप्रैल: नवमी तिथि
दुर्गा अष्टमी पर शुभ योग (Durga Ashtami Shubh Yog)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस वर्ष चैत्र नवरात्रि की दुर्गा अष्टमी पर दुर्लभ शिववास योग बन रहा है, जो निशा काल में रहेगा। इसके अलावा, इस पावन तिथि पर सुकर्मा योग और पुनर्वसु नक्षत्र का भी संयोग रहेगा। इन विशेष योगों में मां दुर्गा की पूजा करने से साधकों के जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य की वृद्धि होगी।
पंचांग विवरण
- सूर्योदय: प्रातः 06:07 बजे
- सूर्यास्त: सायं 06:41 बजे
- चंद्रोदय: दोपहर 11:41 बजे
- चंद्रास्त: रात्रि 02:19 बजे
- ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 04:35 बजे से 05:21 बजे तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02:30 बजे से 03:20 बजे तक
- गोधूलि मुहूर्त: सायं 06:40 बजे से 07:03 बजे तक
- निशिता मुहूर्त: रात्रि 12:01 बजे से 12:46 बजे तक
नवमी कन्या पूजन मुहूर्त (Chaitra Navratri 2025 Kanya Pujan Muhurat)
- ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 04:34 बजे से 05:20 बजे तक
- प्रातः संध्या: प्रातः 04:57 बजे से 06:05 बजे तक
- अभिजित मुहूर्त: प्रातः 11:58 बजे से 12:49 बजे तक
दुर्गा स्तुति मंत्र (Durga Stuti Mantra)
“या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता।
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।।
या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।”
इन पावन मुहूर्तों में श्रद्धा और भक्ति से कन्या पूजन करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है।
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