हिंदू धर्म में भानु सप्तमी का व्रत सूर्यदेव को समर्पित होता है। मान्यता है कि यदि किसी व्यक्ति के जीवन में समस्याएं हो रही हों या कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर हो, तो भानु सप्तमी के दिन सूर्यदेव की पूजा करने से समस्याओं का समाधान हो सकता है। इस वर्ष भानु सप्तमी का व्रत 8 दिसंबर को रखा जाएगा। इस दिन यदि आप सूर्यदेव की पूजा कर रहे हैं, तो इसे विधिपूर्वक करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के मान-सम्मान में वृद्धि हो सकती है। साथ ही, यदि किसी का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता, तो भानु सप्तमी के दिन सूर्यदेव को विशेष चीजें अर्पित करने से शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं।

भानु सप्तमी का महत्व (Significance of Bhanu Saptami)
भानु सप्तमी का व्रत सूर्य देव को प्रसन्न करने का एक शुभ अवसर माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से माता-पिता की आयु लंबी होती है और यदि वे किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, तो रोगों से मुक्ति प्राप्त होती है। इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने से बुद्धि और व्यक्तित्व का विकास होता है।
भानु सप्तमी पर दान-पुण्य का विशेष महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन दान करने से घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती। जो लोग सच्चे मन से सूर्य देव की आराधना करते हैं, उनके जीवन के कष्ट समाप्त हो जाते हैं और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना भी अत्यंत शुभ माना गया है।
भानु सप्तमी तिथि 2025
भानु सप्तमी वर्ष 2025 में 2 जून को मनायी जायेगी।
भानु सप्तमी पूजा सामग्री (Bhanu Saptami Puja Samagri)
भानु सप्तमी की पूजा के लिए आपको लाल चंदन, लाल फूल, चावल, कुछ गेहूं के दाने, धूप, नैवेद्य, कपूर और गाय का घी एकत्रित करना चाहिए।
भानु सप्तमी पूजा विधि (Bhanu Saptami Puja Vidhi)
भानु सप्तमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें। इसके बाद तांबे के लोटे में शुद्ध जल भरें और उसमें लाल चंदन, लाल फूल, चावल तथा कुछ गेहूं के दाने डालें। “ऊं घृणि सूर्याय नमः” मंत्र का उच्चारण करते हुए उगते हुए सूर्य को जल चढ़ाएं। इसके पश्चात भगवान भास्कर को नमस्कार करें। आप चाहें तो भगवान सूर्य के 12 नामों का जाप भी कर सकते हैं। यदि आप व्रत रखने का संकल्प ले रहे हैं, तो पूरे दिन बिना नमक का व्रत करें और सूर्य देव के समक्ष उनकी कृपा के लिए प्रार्थना करें।
भानु सप्तमी के दिन सूर्यदेव को चढ़ाएं लाल फूल (Bhanu Saptami Upay)
हिंदू धर्म में सूर्यदेव को जीवन और ऊर्जा का स्रोत माना गया है। उनकी पूजा से स्वास्थ्य, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। लाल रंग सूर्यदेव का प्रतीक माना जाता है, और उन्हें लाल फूल अर्पित करना विशेष महत्व रखता है। लाल रंग ऊर्जा और उत्साह का प्रतीक है, और इसे चढ़ाने से शुभ परिणाम मिल सकते हैं। आप सूर्यदेव को गुड़हल का फूल अर्पित कर सकते हैं, जो उन्हें विशेष रूप से प्रिय है।
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