Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 10 Shloka 10 | गीता अध्याय 3 श्लोक 10 अर्थ सहित | सहयज्ञाः प्रजाः सृष्ट्वा पुरोवाच प्रजापतिः…..
श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 3 श्लोक 10 (Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 10 in Hindi): भगवद्गीता न केवल एक धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि जीवन जीने की सम्पूर्ण कला का विज्ञान है। इसमें निहित गीता अध्याय 3 श्लोक 3.10 यज्ञ की अवधारणा को स्पष्ट करता है, जो मानव सभ्यता के विकासक्रम में सदैव केन्द्रीय रहा है। यज्ञ को केवल एक … Read more