भगवद गीता अध्याय 3 श्लोक 20 का सरल अर्थ और तात्पर्य | कर्मणैव हि संसिद्धिमास्थिता जनकादयः |
श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 3 श्लोक 20 (Bhagavad Geeta Adhyay 3 Shloka 20 in Hindi): श्लोक 3.20 श्रीमद्भगवद्गीता के कर्मयोग अध्याय में एक अत्यंत प्रेरणादायक श्लोक है जिसमें भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को जनक जैसे राजाओं का उदाहरण देकर यह सिखाते हैं कि आदर्श जीवन जीने और समाज को प्रेरणा देने के लिए व्यक्ति को कर्तव्य-कर्म करना … Read more