वरुणी पर्व, जिसे महा वारुणी योग भी कहा जाता है, स्नान और अनुष्ठान के लिए अत्यंत शुभ समय माना जाता है। यह पर्व हिंदू धर्म में समुद्र के देवता वरुण से जुड़ा हुआ है। इस दौरान पवित्र नदियों में स्नान करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। वरुणी योग एक ऐसा अवसर है जो आध्यात्मिक शुद्धि और धर्म के प्रति आस्था को बढ़ाने का संदेश देता है। इस वर्ष वारुणी पर्व 27 मार्च को मनाया जाएगा।
वारुणी योग क्या होता है? (Varuni Yog Kya Hota Hai)
वारुणी योग के बारे में विभिन्न पुराणों में विस्तृत वर्णन मिलता है। यह महायोग तीन प्रकार का होता है। यदि चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर शतभिषा नक्षत्र उपस्थित हो, तो वरुणी योग बनता है। इसी तिथि पर यदि शतभिषा नक्षत्र और शनिवार का संयोग हो, तो यह महावारुणी योग कहलाता है। वहीं, यदि चैत्र कृष्ण त्रयोदशी में शतभिषा नक्षत्र, शनिवार और किसी शुभ योग का संयोग हो जाए, तो इसे महा-महावरुणी योग कहा जाता है। इस विशेष योग में गंगा जैसे पवित्र तीर्थों में स्नान, दान और उपवास करने से करोड़ों सूर्य और चंद्र ग्रहण के दौरान किए गए जप-अनुष्ठानों के बराबर फल प्राप्त होता है।
वारुणी योग में क्या करें? (Varuni Yog Me Kya Kare)
- वारुणी योग के दौरान गंगा, यमुना, नर्मदा, कावेरी, गोदावरी आदि पवित्र नदियों में स्नान और दान का विशेष महत्व होता है।
- इस योग में हरिद्वार, प्रयागराज, वाराणसी, उज्जैन, रामेश्वरम, नासिक जैसे तीर्थ स्थलों पर नदियों में स्नान कर भगवान शिव की पूजा की जाती है। यह पूजा सुख, शांति और ऐश्वर्य प्रदान करती है।
- वारुणी योग के दिन भगवान शिव का अभिषेक और पूजा मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग खोलते हैं।
- इस दिन मंत्र जाप, यज्ञ, हवन और अनुष्ठान करना अत्यंत फलदायक माना गया है। पुराणों में वर्णन है कि इस दिन किया गया एक यज्ञ हजारों यज्ञों के समान फल देता है।
- यदि पवित्र नदियों में स्नान करना संभव न हो, तो उनके जल को घर लाकर उसमें स्नान करें। इससे भी उतना ही पुण्य प्राप्त होता है।
वारुणी योग के लाभ (Varuni Yog ke Labh)
वरुणी योग शिक्षा और नए कार्यों के शुभारंभ के लिए अत्यंत अनुकूल माना जाता है। इस योग में पढ़ाई शुरू करना या किसी ट्रेनिंग कोर्स में प्रवेश लेना सफलता सुनिश्चित करता है।
◉ नया व्यवसाय, प्रोजेक्ट, या कार्य शुरू करने के लिए यह योग बहुत ही शुभ होता है।
◉ इस दिन नया घर, दुकान या प्लॉट खरीदने से उनकी समृद्धि और उन्नति होती है।
◉ वरुणी योग के दौरान स्कूल, कॉलेज या कोचिंग संस्थान खोलना भी फलदायक माना गया है।
◉ विवाह की बात करें तो इस दिन रिश्ते तय होने में कोई अड़चन नहीं आती।
इस दिन विशेष पूजा-अर्चना करने से मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं।
◉ शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाएं और बेलपत्र की माला अर्पित करें।
◉ शिवलिंग पर केले चढ़ाकर शिव पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें।
◉ यदि किसी मंत्र की सिद्धि प्राप्त करनी हो तो वरुणी योग के दिन अवश्य प्रयास करें, क्योंकि इस दिन मंत्र शीघ्र सिद्ध हो जाता है।
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