Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 12 Shloka 12 | गीता अध्याय 2 श्लोक 12 अर्थ सहित | नत्वेवाहं जातु नासं…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 12 – गीता अध्याय 2 श्लोक 12 अर्थ सहित - नत्वेवाहं जातु नासं.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 12 (Bhagwat Geeta adhyay 2 shlok 12 in Hindi): श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोक 2.12(Bhagwat Gita Chapter 2 Shloka 12) में भगवान श्रीकृष्ण ने आत्मा की शाश्वतता और अमरता का एक गहन और महत्वपूर्ण संदेश दिया है। इस श्लोक में वे न केवल अर्जुन को, बल्कि समस्त मानव जाति को यह बताते हैं कि आत्मा … Read more

Bhagwat Geeta Chapter 2 Verse 11 Shloka 11 | गीता अध्याय 2 श्लोक 11 अर्थ सहित | अशोच्यानन्वशोचस्त्वं प्रज्ञावादांश्र्च…..

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श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 7 (Bhagwat Gita adhyay 2 sloka 11 in Hindi): श्रीमद्भगवद्गीता का श्लोक 2.11(Bhagwat geeta Chapter 2 Verse 11) हमें जीवन के गहरे सत्यों के बारे में समझाने का प्रयास करता है। इस श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को जीवन और मृत्यु के वास्तविक अर्थ के बारे में सिखा रहे हैं। यह श्लोक हमारे … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 10 Shloka 10 | गीता अध्याय 2 श्लोक 10 अर्थ सहित | तमुवाच हृषीकेशः प्रहसन्निव…..

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श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 10 (Bhagwat Geeta adhyay 2 shlok 10 in Hindi): महाभारत के युद्ध में अर्जुन और श्रीकृष्ण का संवाद एक ऐतिहासिक क्षण था। दोनों सेनाओं के बीच खड़े होकर कृष्ण ने अर्जुन को ज्ञान और धर्म की शिक्षा दी। श्लोक 2.10(Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 10) में इसी महत्वपूर्ण क्षण का वर्णन मिलता है, … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 9 Shloka 9 | गीता अध्याय 2 श्लोक 9 अर्थ सहित | एवमुक्त्वा हृषीकेशं…..

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श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 9 (Bhagwat Geeta adhyay 2 shlok 9 in Hindi): जब युद्ध की विभीषिका अपने चरम पर थी और कौरवों और पांडवों के बीच का संघर्ष युद्धभूमि में एक निर्णायक मोड़ लेने वाला था, तब अर्जुन ने भगवान कृष्ण से कहा, “हे गोविंद! मैं युद्ध नहीं कर सकता,” और वे मौन हो गए। संजय … Read more

Bhagwat Gita Chapter 2 Verse 8 Shloka 8 | गीता अध्याय 2 श्लोक 8 अर्थ सहित | न हि प्रपश्यामि ममापनुद्या…..

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श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 8 (Bhagwat Geeta adhyay 2 Shlok 8 in Hindi): भगवद्गीता का श्लोक 2.8(Bhagwat Geeta Chapter 2 Verse in Hindi) अर्जुन के गहरे शोक और उसकी आंतरिक संघर्ष की स्थिति का वर्णन करता है। यह श्लोक हमें यह समझने में मदद करता है कि भौतिक सुख-सुविधाएं और सांसारिक सफलता किसी के आंतरिक दुख को … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 7 Shloka 7 | गीता अध्याय 2 श्लोक 7 अर्थ सहित | कार्पण्यदोषोपहतस्वभावः पृच्छामि…..

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श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 7 (Bhagwat Geeta adhyay 2 shlok 7 in Hindi): भगवद्गीता के श्लोक 2.7(Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 7) में अर्जुन की मानसिक स्थिति और उनके द्वारा भगवान कृष्ण से मार्गदर्शन की याचना का वर्णन है। यह श्लोक न केवल अर्जुन की दुविधा को दर्शाता है, बल्कि जीवन की उलझनों से निपटने के लिए … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 6 Shloka 6 | गीता अध्याय 2 श्लोक 6 अर्थ सहित | न चैतद्विद्मः कतरन्नो गरियो…..

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श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 6 (Bhagwat Geeta adhyay 2 shlok 6 in Hindi): भगवद् गीता के दूसरे अध्याय का श्लोक 6 (Gita Chapter 2 Verse 6) अर्जुन की मानसिक अवस्था और उसकी नैतिक दुविधा को गहराई से प्रकट करता है। अर्जुन इस युद्ध में खुद को एक कठिन परिस्थिति में पाता है, जहाँ उसे यह समझ नहीं … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 5 Shloka 5 | गीता अध्याय 2 श्लोक 5 अर्थ सहित | गुरूनहत्वा हि महानुभवान…..

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श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 5 (Bhagwat Geeta adhyay 2 shlok 5 in Hindi): श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोक 2.5(Gita Chapter 2 Verse 5) में अर्जुन की मनोस्थिति को दर्शाया गया है। अर्जुन अपने गुरुजनों और बड़ों के प्रति आदर और कर्तव्य के बीच उलझा हुआ है। उसे समझ नहीं आता कि क्या युद्ध करके अपने गुरुजनों का वध करना … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 4 Shloka 4 | गीता अध्याय 2 श्लोक 4 अर्थ सहित | कथं भीष्ममहं संख्ये द्रोणं…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 4 – गीता अध्याय 2 श्लोक 4 अर्थ सहित - कथं भीष्ममहं संख्ये द्रोणं.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 4 (Bhagwat Geeta adhyay 2 shlok 4 in Hindi): महाभारत के युद्ध में अर्जुन की मानसिक स्थिति को समझना कठिन नहीं है। उनके मन में धर्मसंकट उत्पन्न हो गया, जब उन्हें अपने ही पूजनीय गुरु और पितामह के खिलाफ शस्त्र उठाने की नौबत आ गई। भगवद गीता के श्लोक 2.4(Bhagavad Gita Chapter 2 … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 3 Shloka 3 | गीता अध्याय 2 श्लोक 3 अर्थ सहित | क्लैब्यं मा स्म गमः पार्थ…..

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श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 3 (Bhagwat Geeta adhyay 2 shlok 3 in Hindi): गीता के अध्याय 2 के श्लोक 2.3(Gita Chapter 2 Verse 3) में, भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक संदेश देते हैं। इस श्लोक में कृष्ण अर्जुन को मानसिक और हृदयिक दुर्बलता से उबरने का मार्ग दिखाते हैं, जो आज के समय में … Read more