Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 46 Shloka 46 | गीता अध्याय 2 श्लोक 46 अर्थ सहित | यावानर्थ उदपाने सर्वतः…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 46 – गीता अध्याय 2 श्लोक 46 अर्थ सहित - यावानर्थ उदपाने सर्वतः.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 46 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 46 in Hindi): श्रीमद्भगवद्गीता भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक ज्ञान का वह अनमोल ग्रंथ है, जो मानव जीवन के हर पहलू को सरल और सटीक तरीके से समझाता है। गीता का प्रत्येक श्लोक जीवन की किसी गूढ़ समस्या का समाधान प्रस्तुत करता है। श्लोक 2.46, … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 45 Shloka 45 | गीता अध्याय 2 श्लोक 45 अर्थ सहित | त्रैगुण्यविषया वेदा…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 45 – गीता अध्याय 2 श्लोक 45 अर्थ सहित - त्रैगुण्यविषया वेदा.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 45 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 45 in Hindi): श्रीमद्भगवद्गीता भारतीय दर्शन का ऐसा ग्रंथ है, जो जीवन के हर पहलू पर गहन ज्ञान प्रदान करता है। यह न केवल एक धार्मिक पुस्तक है, बल्कि यह आत्मा, ब्रह्मांड, और भौतिक जीवन के बीच संतुलन को समझाने का भी एक अद्वितीय … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 44 Shloka 44 | गीता अध्याय 2 श्लोक 44 अर्थ सहित | भोगैश्र्वर्यप्रसक्तानां…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 44 – गीता अध्याय 2 श्लोक 44 अर्थ सहित - भोगैश्र्वर्यप्रसक्तानां.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 44 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 44 in Hindi): गीता के अध्याय 2, श्लोक 44(Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 44) में भगवान श्रीकृष्ण ने यह महत्वपूर्ण शिक्षा दी है कि भौतिक भोग और ऐश्वर्य के प्रति आसक्ति मनुष्य के मन की स्थिरता को बाधित करती है और उसे भगवान की … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 42, 43 Shloka 42, 43 | गीता अध्याय 2 श्लोक 42, 43 अर्थ सहित | यामिमां पुष्पितां…..कामात्मानः स्वर्गपरा…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 42, 43 – गीता अध्याय 2 श्लोक 42, 43 अर्थ सहित - यामिमां पुष्पितां.....कामात्मानः स्वर्गपरा.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 42, 43 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 42, 43 in Hindi): श्रीभगवद्गीता भारतीय संस्कृति और दर्शन का ऐसा ग्रंथ है, जो जीवन के गहन अर्थों और आध्यात्मिक ज्ञान को उजागर करता है। इसके प्रत्येक श्लोक में जीवन की किसी न किसी गूढ़ समस्या का समाधान छुपा हुआ है। गीता के … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 41 Shloka 41 | गीता अध्याय 2 श्लोक 41 अर्थ सहित | व्यवसायात्मिका बुद्धिरेकेह…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 41 – गीता अध्याय 2 श्लोक 41 अर्थ सहित - व्यवसायात्मिका बुद्धिरेकेह..... | Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 41 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 41 in Hindi): श्रीमद्भगवद्गीता भारतीय दर्शन का अनमोल ग्रंथ है, जो जीवन के हर पहलू में मार्गदर्शन प्रदान करता है। गीता के दूसरे अध्याय का श्लोक 2.41 (Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 41), “व्यवसायात्मिका बुद्धिरेकेह कुरुनन्दन…” हमें यह सिखाता है कि एकाग्रता और दृढ़निश्चय … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 40 Shloka 40 | गीता अध्याय 2 श्लोक 40 अर्थ सहित | नेहाभिक्रमनाशोSस्ति प्रत्यवायो…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 40 – गीता अध्याय 2 श्लोक 40 अर्थ सहित - नेहाभिक्रमनाशोSस्ति प्रत्यवायो.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 40 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 40 in Hindi): भगवद गीता, भारतीय दर्शन का अमूल्य ग्रंथ है, जो जीवन के हर पहलू पर प्रकाश डालता है। इसमें श्रीकृष्ण अर्जुन को जीवन, कर्म और धर्म के गूढ़ रहस्यों को समझाते हैं। गीता के दूसरे अध्याय का यह श्लोक (2.40) (Bhagavad Gita … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 39 Shloka 39 | गीता अध्याय 2 श्लोक 39 अर्थ सहित | एषा तेSभिहिता सांख्ये…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 39 – गीता अध्याय 2 श्लोक 39 अर्थ सहित - एषा तेSभिहिता सांख्ये.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 39 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 39 in Hindi): भगवद्गीता का दूसरा अध्याय, अर्जुन को श्रीकृष्ण द्वारा दिए गए शिक्षाओं का संग्रह है जिसमें जीवन, आत्मा, और कर्म की गहराई को समझाया गया है। गीता के श्लोक 2.39(Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 39) में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को कर्म और … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 38 Shloka 38 | गीता अध्याय 2 श्लोक 38 अर्थ सहित | सुखदुःखे समे कृत्वा लाभालाभौ…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 38 – गीता अध्याय 2 श्लोक 38 अर्थ सहित - सुखदुःखे समे कृत्वा लाभालाभौ.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 38 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 38 in Hindi): श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को युद्ध के मैदान में जो उपदेश दिए, वे न केवल धर्म के पालन के लिए महत्वपूर्ण हैं बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में मार्गदर्शन करते हैं। श्लोक 2.38(Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 38) में … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 37 Shloka 37 | गीता अध्याय 2 श्लोक 37 अर्थ सहित | हतो वा प्राप्स्यसि स्वर्गं जित्वा…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 37 – गीता अध्याय 2 श्लोक 37 अर्थ सहित - हतो वा प्राप्स्यसि स्वर्गं जित्वा.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 37 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 37 in Hindi): श्रीमद्भगवद्गीता का हर श्लोक जीवन के किसी न किसी पहलू को स्पर्श करता है और हमें एक दिशा देने का कार्य करता है। भगवद्गीता के श्लोक 2.37 (Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 37) में भगवान श्रीकृष्ण, अर्जुन को युद्ध के लिए … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 36 Shloka 36 | गीता अध्याय 2 श्लोक 36 अर्थ सहित | अवाच्यवादांश्र्च बहून्वदिष्यन्ति…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 36 – गीता अध्याय 2 श्लोक 36 अर्थ सहित - अवाच्यवादांश्र्च बहून्वदिष्यन्ति.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 36 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 36 in Hindi): भगवद गीता के दूसरे अध्याय का 36वां श्लोक (Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 36) अर्जुन को उनके निर्णय पर पुनर्विचार के लिए प्रेरित करता है। श्रीकृष्ण, अर्जुन को समझाने के लिए गीता में न केवल दायित्व और धर्म का सन्देश देते … Read more