श्री कुबेर, जिन्हें धन के देवता के रूप में पूजा जाता है, हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखते हैं। वे समृद्धि और सौभाग्य के प्रतीक माने जाते हैं, और उनकी आराधना से व्यक्ति को धन, वैभव, और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। कुबेर आरती का गायन धन प्राप्ति और आर्थिक समस्याओं से मुक्ति का एक प्रमुख साधन माना जाता है।

श्री कुबेर जी की आरती
ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे,
स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे ।
शरण पड़े भगतों के,
भण्डार कुबेर भरे ।
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥
शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,
स्वामी भक्त कुबेर बड़े ।
दैत्य दानव मानव से,
कई-कई युद्ध लड़े ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥
स्वर्ण सिंहासन बैठे,
सिर पर छत्र फिरे,
स्वामी सिर पर छत्र फिरे ।
योगिनी मंगल गावैं,
सब जय जय कार करैं ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥
गदा त्रिशूल हाथ में,
शस्त्र बहुत धरे,
स्वामी शस्त्र बहुत धरे ।
दुख भय संकट मोचन,
धनुष टंकार करें ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥
भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,
स्वामी व्यंजन बहुत बने ।
मोहन भोग लगावैं,
साथ में उड़द चने ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥
बल बुद्धि विद्या दाता,
हम तेरी शरण पड़े,
स्वामी हम तेरी शरण पड़े ।
अपने भक्त जनों के,
सारे काम संवारे ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥
मुकुट मणी की शोभा,
मोतियन हार गले,
स्वामी मोतियन हार गले ।
अगर कपूर की बाती,
घी की जोत जले ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥
यक्ष कुबेर जी की आरती,
जो कोई नर गावे,
स्वामी जो कोई नर गावे ।
कहत प्रेमपाल स्वामी,
मनवांछित फल पावे ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥
कुबेर आरती का महत्व
1. आर्थिक उन्नति और धन-संपत्ति की प्राप्ति
कुबेर आरती को समृद्धि का प्रतीक माना गया है। धन के देवता कुबेर की आराधना करने से व्यक्ति को आर्थिक उन्नति मिलती है। श्री कुबेर की आरती के माध्यम से उनकी कृपा प्राप्त होती है, जो आर्थिक संकटों से मुक्ति दिलाने में सहायक होती है।
2. जीवन में सुख और वैभव का वास
धन और सुख-समृद्धि के देवता कुबेर की आरती करने से घर-परिवार में खुशहाली और वैभव का वास होता है। यह मान्यता है कि कुबेर जी की आराधना से व्यक्ति का घर हमेशा भरा-पूरा रहता है, जिससे परिवार में सदैव खुशियाँ बनी रहती हैं।
3. कार्य-व्यवसाय में उन्नति
जो लोग व्यापार या व्यवसाय में सफलता चाहते हैं, उनके लिए कुबेर आरती अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस आरती के प्रभाव से व्यवसाय में प्रगति होती है और नए अवसरों का द्वार खुलता है। साथ ही यह विश्वास दिलाता है कि कुबेर जी का आशीर्वाद व्यापारिक जीवन में लाभ और उन्नति लाता है।
4. नकारात्मकता और बाधाओं का अंत
कुबेर आरती का नियमित पाठ जीवन से नकारात्मकता और बाधाओं को समाप्त करता है। इससे व्यक्ति की मानसिक स्थिति भी सुदृढ़ होती है, और उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। कुबेर जी की आराधना करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मकता का संचार होता है।
5. ग्रह दोषों का शमन
धार्मिक मान्यता के अनुसार, कुबेर आरती के प्रभाव से कुंडली में विद्यमान कई ग्रह दोषों का शमन होता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में धन-संपत्ति से जुड़े ग्रह दोष हैं, तो कुबेर आरती करने से उन दोषों का प्रभाव कम हो सकता है।
निष्कर्ष
कुबेर आरती का महत्व असीमित है। यह न केवल आर्थिक रूप से समृद्धि और खुशहाली लाती है, बल्कि जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त करती है। कुबेर जी की आराधना करने से व्यक्ति की सभी आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और घर में धन, संपत्ति, सुख-समृद्धि और वैभव का निवास होता है। इसलिए, जो भी व्यक्ति जीवन में धन और खुशियों की प्राप्ति चाहता है, उसे प्रतिदिन श्री कुबेर की आरती करनी चाहिए।
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