Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 37, 38 – गीता अध्याय 1 श्लोक 37, 38 अर्थ सहित – यद्यप्येते न पश्यति…..कथं न ज्ञेयमस्माभिः…..

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 37, 38 – गीता अध्याय 1 श्लोक 37, 38 अर्थ सहित - यद्यप्येते न पश्यति.....कथं न ज्ञेयमस्माभिः..... | Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 37, 38 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 37, 38 in Hindi): महाभारत के युद्धभूमि में खड़े अर्जुन के सामने केवल शत्रु नहीं थे, बल्कि अपने ही परिवार और मित्रों के प्रति कर्तव्य और धर्म का गहन द्वंद्व था। यह द्वंद्व भगवद्गीता के अनेक श्लोकों में स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है। यहाँ प्रस्तुत … Read more

लक्ष्मी माता की आरती Lyrics (अनुराधा पौडवाल): ओम जय लक्ष्मी माता आरती PDF & इमेज

अक्षय तृतीया 2025

लक्ष्मी माता की आरती (Laxmi Mata Ki Aarti): लक्ष्मी माता, जिन्हें हिंदू धर्म में धन, ऐश्वर्य, सौभाग्य और समृद्धि की देवी के रूप में पूजा जाता है, की आरती हर हिंदू घर में गहरी श्रद्धा और भक्ति के साथ गाई जाती है। दीपावली जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों पर लक्ष्मी माता की पूजा का विशेष महत्व है। … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 36 – गीता अध्याय 1 श्लोक 36 अर्थ सहित – पापमेवाश्रयेदस्मान्हत्वैतानाततायिनः…..

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 36 – गीता अध्याय 1 श्लोक 36 अर्थ सहित - पापमेवाश्रयेदस्मान्हत्वैतानाततायिनः.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 36 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 36 in Hindi): गीता के अध्याय 1 श्लोक 36 (Gita Chapter 1 Verse 36) में अर्जुन ने एक बहुत ही गहन प्रश्न उठाया है। युद्ध के मैदान में खड़े होकर, उन्होंने अपने गुरु, पितामह, और मित्रों के खिलाफ हथियार उठाने से पहले, अपने दिल में उठ रहे संदेह … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 32, 33, 34, 35 – गीता अध्याय 1 श्लोक 32, 33, 34, 35 अर्थ सहित

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 32, 33, 34, 35 – गीता अध्याय 1 श्लोक 32, 33, 34, 35 अर्थ सहित | Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 32, 33, 34, 35 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 32, 33, 34, 35 in Hindi): महाभारत का युद्ध भारतीय इतिहास की सबसे महान घटनाओं में से एक है। इस युद्ध में नैतिकता, धर्म और कर्तव्य की गहरी समझ को प्रस्तुत किया गया है। अर्जुन और भगवान कृष्ण के बीच हुआ संवाद भगवद गीता … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 31 – गीता अध्याय 1 श्लोक 31 अर्थ सहित – न च श्रेयोSनुपश्यामि…..

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 31 – गीता अध्याय 1 श्लोक 31 अर्थ सहित - न च श्रेयोSनुपश्यामि.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 31 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 31 in Hindi): महाभारत का युद्ध न केवल एक ऐतिहासिक घटना है, बल्कि यह मानव मनोविज्ञान और नैतिकता का गहन अध्ययन भी है। अर्जुन की मानसिक अवस्था और उनके संघर्ष को समझना, हमें अपनी दुविधाओं और नैतिक चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकता है। श्रीमद्भगवद्गीता के … Read more

Santoshi Mata Ki Aarti: संतोषी माता की आरती जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता…

संतोषी माता

संतोषी माता की आरती(Santoshi Mata Ki Aarti) हिन्दू धर्म में अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ गाई जाती है। यह आरती संतोषी माता के प्रति भक्तों के असीम प्रेम और उनकी कृपा की कामना को दर्शाती है। आरती के माध्यम से भक्त माता से जीवन में संतोष, सुख और समृद्धि की कामना करते हैं। यहाँ … Read more

Shree Durga Ji Ki Aarti: दुर्गा जी की आरती ॐ जय अम्बे गौरी…

दुर्गा जी

Last Updated: 27th September 2025 Durga Ji Ki Aarti: दुर्गा जी, जिन्हें ‘महाशक्ति’ और ‘माँ दुर्गा‘ के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म की प्रमुख देवियों में से एक हैं। वे शक्ति, साहस, और रक्षा की देवी मानी जाती हैं। माँ दुर्गा की आराधना नवरात्रि, दुर्गाष्टमी और अन्य विशेष अवसरों पर की जाती … Read more

विष्णु जी की आरती | Jagdish Ji Ki Aarti | ओम जय जगदीश हरे आरती लिरिक्स | Vishnu Ji Ki Aarti Written PDF Image

विष्णु जी की आरती | Jagdish Ji Ki Aarti | ओम जय जगदीश हरे आरती लिरिक्स | Vishnu Ji Ki Aarti Written PDF Image

भगवान विष्णु हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं, जिन्हें संसार का पालनहार और धर्म की रक्षा करने वाला माना जाता है। विष्णु जी की आरती (Vishnu Ji Ki Aarti) उनकी भक्ति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे “ॐ जय जगदीश हरे” के नाम से जाना जाता है। यह आरती भक्तों के दुखों को दूर … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 30 – गीता अध्याय 1 श्लोक 30 अर्थ सहित – न च शक्रोम्यवस्थातुं…..

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 30 – गीता अध्याय 1 श्लोक 30 अर्थ सहित - न च शक्रोम्यवस्थातुं..... | Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 30 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 30 in Hindi): युद्धभूमि में खड़ा अर्जुन, मानसिक और शारीरिक दोनों रूपों में संघर्षरत था। गीता के अध्याय 1 श्लोक 30(Gita Chapter 1 Verse 30) “न च शक्रोम्यवस्थातुं भ्रमतीव च मे मनः” के माध्यम से उसकी आंतरिक उलझनों को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। आइए, इस … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 29 – गीता अध्याय 1 श्लोक 29 अर्थ सहित – वेपथुश्च शरीरे मे…..

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 29 – गीता अध्याय 1 श्लोक 29 अर्थ सहित - वेपथुश्च शरीरे मे..... | Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 29 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 29 in Hindi): महाभारत के युद्ध के मैदान में, जब महान योद्धा अर्जुन अपने शत्रुओं के समक्ष खड़े हुए, उनकी शारीरिक और मानसिक अवस्था विचलित हो उठी। इसके एक उदाहरण के रूप में हमें गीता के अध्याय 1 श्लोक 29(Gita Chapter 1 Verse 29) में देखने को मिलता … Read more