Navratri First Day 2025 | नवरात्रि का पहला दिन 2025 | मां शैलपुत्री (Maa Shailputri), मंत्र, कथा, पूजा विधि

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Last Updated: 21 September 2025 Navratri First Day 2025: नवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह नौ दिनों का पर्व है जिसमें देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा और आराधना की जाती है। नवरात्रि का पहला दिन माँ शैलपुत्री की पूजा के लिए समर्पित होता है। देवी शैलपुत्री को … Read more

Maa Brahmacharini Aarti Lyrics in Hindi | माँ ब्रह्मचारिणी आरती | जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता

माँ ब्रह्मचारिणी

Last Updated: 31st March 2025 Maa Brahmacharini Aarti Lyrics in Hindi: माँ ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) देवी दुर्गा के नौ रूपों में से द्वितीय रूप हैं, जिन्हें नवरात्रि के दूसरे दिन पूजा जाता है। ब्रह्मचारिणी का अर्थ है “तपस्या करने वाली देवी”। इनका स्वरूप अत्यंत शांत और धैर्यशील होता है। देवी ब्रह्मचारिणी के दाएं हाथ में … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 20 Shloka 20 | गीता अध्याय 2 श्लोक 20 अर्थ सहित | न जायते म्रियते वा कदाचि…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 20 – गीता अध्याय 2 श्लोक 20 अर्थ सहित - न जायते म्रियते वा कदाचि..... | Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 12 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 20 in Hindi): भगवद्गीता, हिंदू धर्म के सबसे पवित्र ग्रंथों में से एक, हमें जीवन के गहरे रहस्यों को समझने का मार्ग प्रदान करती है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को आत्मा, धर्म, कर्म और जीवन-मृत्यु के चक्र के विषय में दिव्य ज्ञान देते हैं। … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 19 Shloka 19 | गीता अध्याय 2 श्लोक 19 अर्थ सहित | य एनं वेत्ति हन्तारं…..

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श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 12 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 19 in Hindi): भगवद गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जीवन और मृत्यु के गूढ़ रहस्यों से अवगत कराया है। श्लोक 2.19(Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 19) में, श्रीकृष्ण आत्मा की अमरता और शाश्वतता का महत्व समझाते हैं। यह श्लोक न केवल युद्ध … Read more

Shri Hari Stotram Lyrics: श्री हरि स्तोत्रम्- जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं…

श्री हरि

श्री हरि स्तोत्रम् हिंदू धर्म के प्रमुख देवता भगवान विष्णु की स्तुति करने के लिए रचित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। विष्णु को सृष्टि के पालनहार के रूप में पूजा जाता है, और वे त्रिदेवों में से एक हैं। उनके कार्यों का वर्णन करते हुए अनेक स्तोत्र रचे गए हैं, जो न केवल उनकी महिमा का … Read more

Maa Shailputri Aarti Lyrics in Hindi | मां शैलपुत्री आरती PDF | ॐ जय शैलपुत्री माता | Om jai shailputri Mata Aarti

मां शैलपुत्री

Last Updated: 29 March 2025 Maa Shailputri Aarti Lyrics in Hindi: मां शैलपुत्री(Maa Shailputri), जो मां पार्वती का ही एक स्वरूप मानी जाती हैं, देवी दुर्गा के नौ प्रमुख रूपों में से प्रथम हैं। नवरात्रि के पहले दिन इनकी पूजा-अर्चना की जाती है। इनका नाम ‘शैलपुत्री’ इसीलिए पड़ा क्योंकि ये पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं। … Read more

Shri Radha Kripa Kataksh Stotra Lyrics:राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र- मुनीन्द्र–वृन्द–वन्दिते त्रिलोक–शोक–हारिणि…

राधा कृपा कटाक्ष

राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र की रचना महाकवि रूप गोस्वामी जी ने की थी, जो भक्तों में बहुत ही लोकप्रिय है। यह स्तोत्र भगवान श्रीकृष्ण की अनन्य प्रेमिका और शक्ति, राधा रानी की महिमा का गुणगान करता है। इसके माध्यम से भक्त राधा रानी से अपने जीवन में कृपा दृष्टि और दैवीय प्रेम की कामना करते … Read more

Hartalika Teej 2024 :हरतालिका तीज के दिन महिलाएं क्यों करती हैं 16 श्रृंगार? जाने श्रृंगार में कौन सी चीज़ होती है शामिल और उनका महत्व

हरतालिका तीज

हरतालिका तीज एक प्रमुख हिन्दू पर्व है, जिसे विशेष रूप से महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सौभाग्य की कामना के लिए मनाती हैं। इस साल हरतालिका तीज का व्रत 6 सितंबर, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा । इस दिन 16 श्रृंगार करने का विशेष महत्व होता है। श्रृंगार सिर्फ सौंदर्य प्रदर्शन का साधन … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 18 Shloka 18 | गीता अध्याय 2 श्लोक 18 अर्थ सहित | अन्तवन्त इमे देहा…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 18 – गीता अध्याय 2 श्लोक 18 अर्थ सहित - अन्तवन्त इमे देहा.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 12 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 18 in Hindi): भगवद गीता, जो जीवन के गूढ़ रहस्यों और आध्यात्मिक ज्ञान का असीम भंडार है, हमें आत्मा, शरीर, और कर्तव्य के संबंध में महत्वपूर्ण शिक्षा देती है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जीवन के वास्तविक स्वरूप को समझाने के लिए जो … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 17 Shloka 17 | गीता अध्याय 2 श्लोक 17 अर्थ सहित | अविनाशि तु तद्विद्धि येन…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 17 – गीता अध्याय 2 श्लोक 17 अर्थ सहित - अविनाशि तु तद्विद्धि येन…..| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 17 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 17 in Hindi): श्रीमद्भगवद्गीता हिंदू धर्म का एक प्रमुख ग्रंथ है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहन और व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। इसमें आत्मा, शरीर, कर्म, धर्म और मोक्ष जैसे विषयों पर विचार किया गया है। गीता के दूसरे अध्याय के 17वें … Read more