Gopi Talab Story:श्री कृष्ण के वियोग में इस तालाब में समा गई थी गोपियाँ

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भारत के गुजरात राज्य में स्थित पवित्र शहर द्वारका अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। इसी शहर के बाहरी क्षेत्र में स्थित है एक प्राचीन और पावन जलाशय, जिसे गोपी तालाब के नाम से जाना जाता है। यह तालाब श्रीकृष्ण और उनकी गोपियों से जुड़ी पौराणिक कथाओं के कारण एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण … Read more

क्यों प्रिय हैं भगवान श्री कृष्ण को मोरपंख और बासुरी जाने इसके पीछे की कहानी

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भगवान श्री कृष्ण का नाम आते ही उनके भक्त उनकी छवि, उनकी बांसुरी और उनके मुकुट में सजे मोरपंख की ओर आकर्षित होते हैं। भगवान श्री कृष्ण के अनुयायी उनके प्रतीक के रूप में उनसे जुड़ी सभी वस्तुओं जैसे गाय, माखन, मिश्री और चक्र को भी पूजनीय मानते हैं। लेकिन श्री कृष्ण से जुड़ी सभी … Read more

Tulsi Vivah Vidhi 2024: देव उठनी एकादशी पर इस शुभ मुहूर्त में करें तुलसी विवाह, जानें पूरी विधि और सामग्री

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हिंदू धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व है, और इस माह में भगवान शालिग्राम तथा माता तुलसी के विवाह का आयोजन धूमधाम से किया जाता है। यह विवाह जीवन के कष्टों को दूर करने और परिवार में सुख-शांति लाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। तुलसी विवाह का आयोजन कुछ लोग देवउठनी एकादशी … Read more

Dev Uthani Ekadashi 2024: 4 महीने बाद आज योग निद्रा से जागेंगे जगत के पालन हार, शुरू होंगे सभी मांगलिक कार्य

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हर साल चार माह की योग निद्रा के बाद भगवान विष्णु देवउठनी एकादशी पर जागते हैं, और इसी दिन से सभी मांगलिक कार्यों का आरंभ होता है। इस वर्ष देवउठनी एकादशी का पर्व 12 नवंबर को मनाया जाएगा, जिसमें भगवान विष्णु की भक्ति-भावना से पूजा-अर्चना की जाती है। इस खास दिन पर, देवी-देवताओं के आशीर्वाद … Read more

Dev Uthani Ekadashi 2024:देव उठनी एकादशी के दिन करें ये 6 खास उपाय बरसेगी भगवान विष्णु की कृपा

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हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है, और इन तिथियों का प्रभाव जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए माना जाता है। इनमें से देवउठनी एकादशी का महत्व बाकी एकादशियों की तुलना में कहीं ज्यादा है। यह दिन भगवान विष्णु के चार महीने की निद्रा से जागने का प्रतीक है और इस दिन के … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 38 Shloka 38 | गीता अध्याय 2 श्लोक 38 अर्थ सहित | सुखदुःखे समे कृत्वा लाभालाभौ…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 38 – गीता अध्याय 2 श्लोक 38 अर्थ सहित - सुखदुःखे समे कृत्वा लाभालाभौ.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 38 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 38 in Hindi): श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को युद्ध के मैदान में जो उपदेश दिए, वे न केवल धर्म के पालन के लिए महत्वपूर्ण हैं बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में मार्गदर्शन करते हैं। श्लोक 2.38(Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 38) में … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 37 Shloka 37 | गीता अध्याय 2 श्लोक 37 अर्थ सहित | हतो वा प्राप्स्यसि स्वर्गं जित्वा…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 37 – गीता अध्याय 2 श्लोक 37 अर्थ सहित - हतो वा प्राप्स्यसि स्वर्गं जित्वा.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 37 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 37 in Hindi): श्रीमद्भगवद्गीता का हर श्लोक जीवन के किसी न किसी पहलू को स्पर्श करता है और हमें एक दिशा देने का कार्य करता है। भगवद्गीता के श्लोक 2.37 (Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 37) में भगवान श्रीकृष्ण, अर्जुन को युद्ध के लिए … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 36 Shloka 36 | गीता अध्याय 2 श्लोक 36 अर्थ सहित | अवाच्यवादांश्र्च बहून्वदिष्यन्ति…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 36 – गीता अध्याय 2 श्लोक 36 अर्थ सहित - अवाच्यवादांश्र्च बहून्वदिष्यन्ति.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 36 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 36 in Hindi): भगवद गीता के दूसरे अध्याय का 36वां श्लोक (Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 36) अर्जुन को उनके निर्णय पर पुनर्विचार के लिए प्रेरित करता है। श्रीकृष्ण, अर्जुन को समझाने के लिए गीता में न केवल दायित्व और धर्म का सन्देश देते … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 35 Shloka 35 | गीता अध्याय 2 श्लोक 35 अर्थ सहित | भयाद्रणादुपरतं मंस्यन्ते त्वां…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 35 – गीता अध्याय 2 श्लोक 35 अर्थ सहित - भयाद्रणादुपरतं मंस्यन्ते त्वां..... | Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 35 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 35 in Hindi): भगवद गीता का हर श्लोक गहरे जीवन-निर्देशों से भरा हुआ है, और श्लोक 2.35(Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 35) में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को एक ऐसी चेतावनी देते हैं जो आज भी हमारी जिंदगी में प्रासंगिक है। यह श्लोक हमें साहस, … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 34 Shloka 34 | गीता अध्याय 2 श्लोक 34 अर्थ सहित | अकीर्तिं चापि भूतानि कथयिष्यन्ति…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 34 – गीता अध्याय 2 श्लोक 34 अर्थ सहित - अकीर्तिं चापि भूतानि कथयिष्यन्ति.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 34 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 34 in Hindi): श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों में जीवन के अनेक रहस्यों और गूढ़ सिद्धांतों का समावेश है, जो आज भी हमें प्रेरणा देते हैं। गीता के अध्याय 2, श्लोक 34(Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 34) में भगवान कृष्ण अर्जुन को जीवन और सम्मान के … Read more