Mahabharat: भीम की चार पत्नियां, एक थी अद्वितीय सुंदरता की मूरत, तो दूसरी में था भीम जैसा अद्भुत बल

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महाभारत के पांडवों में सबसे शक्तिशाली योद्धा भीम को उनकी ताकत और वीरता के लिए जाना जाता है। हालांकि, उनकी शादी से जुड़ी कहानियों के बारे में कम ही लोग विस्तार से जानते हैं। द्रौपदी के साथ उनकी शादी की कथा तो अधिकतर लोगों को ज्ञात है, लेकिन भीम ने द्रौपदी के अलावा तीन और … Read more

Ekadashi January 2025: षटतिला एकादशी 2025 कब है, जाने तिथि, महत्व और कथा

विजया एकादशी

षटतिला एकादशी हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन व्रत करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और उसे पुण्य की प्राप्ति होती है। इस व्रत में तिल का विशेष महत्व होता है। षटतिला … Read more

Basant Panchami 2025: साल 2025 में कब है बसंत पंचमी, जाने तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

सरस्वती माता

बसंत पंचमी जिसे सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है, भारत के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह पर्व बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है और इसे ज्ञान, विद्या और संगीत की देवी माता सरस्वती को समर्पित किया जाता है। हिंदू धर्म में इसे अत्यधिक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व दिया जाता … Read more

रावण के सिरो की संख्या दस क्यू थी, जाने क्या थे उनके नाम

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रावण को दशानन कहा जाता है क्योंकि उसके दस सिर थे। यह दस सिर उसके व्यक्तित्व की विविधता और उसकी शक्तियों का प्रतीक थे। रावण के दस सिरों का होना न केवल उसकी शारीरिक ताकत को दर्शाता था, बल्कि यह उसके विभिन्न गुणों और इच्छाओं का भी प्रतीक था। लेकिन रावण के सिरों की संख्या … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 42, 43 Shloka 42, 43 | गीता अध्याय 2 श्लोक 42, 43 अर्थ सहित | यामिमां पुष्पितां…..कामात्मानः स्वर्गपरा…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 42, 43 – गीता अध्याय 2 श्लोक 42, 43 अर्थ सहित - यामिमां पुष्पितां.....कामात्मानः स्वर्गपरा.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 42, 43 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 42, 43 in Hindi): श्रीभगवद्गीता भारतीय संस्कृति और दर्शन का ऐसा ग्रंथ है, जो जीवन के गहन अर्थों और आध्यात्मिक ज्ञान को उजागर करता है। इसके प्रत्येक श्लोक में जीवन की किसी न किसी गूढ़ समस्या का समाधान छुपा हुआ है। गीता के … Read more

जाने क्यों भगवान शिव ने शनिदेव को 19 साल तक पीपल के पेड़ से उल्टा लटकाये रखा था

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शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है, और उनके प्रकोप से लोग बहुत डरते हैं। लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब शनिदेव ने ऐसा कृत्य किया, जिसके कारण भगवान शिव ने उन्हें सजा दी। आइए जानते हैं इस पूरे प्रसंग को विस्तार से। शनिदेव का नाम सुनते ही उनके प्रकोप की भयावहता की … Read more

इन 5 संकेतों से समझें कि भगवान आपके जीवन में बड़ा बदलाव ला रहे हैं

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जीवन में कई बार ऐसा होता है कि हम किसी चीज के लिए पूरी मेहनत करते हैं, फिर भी वह चीज हमें नहीं मिलती। कई बार ऐसा भी होता है कि जीवन में दुखों का अंबार लग जाता है, और ऐसे समय में हम भगवान से शिकायत करने लगते हैं कि वे हमें इतना दुःख … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 41 Shloka 41 | गीता अध्याय 2 श्लोक 41 अर्थ सहित | व्यवसायात्मिका बुद्धिरेकेह…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 41 – गीता अध्याय 2 श्लोक 41 अर्थ सहित - व्यवसायात्मिका बुद्धिरेकेह..... | Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 41 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 41 in Hindi): श्रीमद्भगवद्गीता भारतीय दर्शन का अनमोल ग्रंथ है, जो जीवन के हर पहलू में मार्गदर्शन प्रदान करता है। गीता के दूसरे अध्याय का श्लोक 2.41 (Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 41), “व्यवसायात्मिका बुद्धिरेकेह कुरुनन्दन…” हमें यह सिखाता है कि एकाग्रता और दृढ़निश्चय … Read more

Ajamila Ki Katha: अजामिल की कथा, भगवान के नामोच्चारण से पापमुक्ति की दिव्य महिमा

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अजामिल की कथा: श्रीमद्भागवत में भगवान के शरणागत भक्तों की महिमा वर्णित है। गुरु भगवान ने कहा है कि भगवान के शरण में रहने वाले विरले भक्तों के पाप भगवान के नामोच्चारण से उसी प्रकार नष्ट हो जाते हैं, जैसे सूर्य के प्रकाश से कोहरा। जिस व्यक्ति ने अपने मन रूपी मधुकर को भगवान श्रीकृष्ण … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 40 Shloka 40 | गीता अध्याय 2 श्लोक 40 अर्थ सहित | नेहाभिक्रमनाशोSस्ति प्रत्यवायो…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 40 – गीता अध्याय 2 श्लोक 40 अर्थ सहित - नेहाभिक्रमनाशोSस्ति प्रत्यवायो.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 40 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 40 in Hindi): भगवद गीता, भारतीय दर्शन का अमूल्य ग्रंथ है, जो जीवन के हर पहलू पर प्रकाश डालता है। इसमें श्रीकृष्ण अर्जुन को जीवन, कर्म और धर्म के गूढ़ रहस्यों को समझाते हैं। गीता के दूसरे अध्याय का यह श्लोक (2.40) (Bhagavad Gita … Read more