Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 6 Shloka 6 | गीता अध्याय 3 श्लोक 6 अर्थ सहित | कर्मेन्द्रियाणि संयम्य य आस्ते मनसा स्मरन्
श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 3 श्लोक 6 (Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 6 in Hindi): श्रीमद्भगवद्गीता एक ऐसा ग्रंथ है जो मनुष्य को जीवन के सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा…