माँ चंद्रघंटा देवी दुर्गा के नौ रूपों में से तृतीय रूप हैं, जिन्हें नवरात्रि के तीसरे दिन पूजा जाता है। इनका नाम ‘चंद्रघंटा’ इसलिए पड़ा क्योंकि इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र सुशोभित है। माँ का यह रूप शांति, वीरता, और सौम्यता का प्रतीक है। इनका स्वभाव अत्यंत शांत है, परंतु जब भी असुरों का विनाश करना होता है, तो यह रौद्र रूप धारण कर लेती हैं। माँ चंद्रघंटा का वाहन सिंह है और इनके दस हाथ हैं, जिनमें वे शस्त्र धारण करती हैं।
माँ चंद्रघंटा का यह रूप हमें आत्मिक शांति और साहस का संदेश देता है। उनकी पूजा से व्यक्ति के जीवन में शांति, साहस और ऊर्जा का संचार होता है। यह देवी अपने भक्तों के सभी कष्टों का निवारण करती हैं और उन्हें भय से मुक्त करती हैं।

माँ चंद्रघंटा की आरती
जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।
चंद्र समान तुम शीतल दाती।
चंद्र तेज किरणों में समाती।
क्रोध को शांत करने वाली।
मीठे बोल सिखाने वाली।
मन की मालक मन भाती हो।
चंद्र घंटा तुम वरदाती हो।
सुंदर भाव को लाने वाली।
हर संकट मे बचाने वाली।
हर बुधवार जो तुझे ध्याये।
श्रद्धा सहित जो विनय सुनाएं।
मूर्ति चंद्र आकार बनाएं।
सन्मुख घी की ज्योत जलाएं।
शीश झुका कहे मन की बाता।
पूर्ण आस करो जगदाता।
कांची पुर स्थान तुम्हारा।
करनाटिका में मान तुम्हारा।
नाम तेरा रटू महारानी।
भक्त की रक्षा करो भवानी।
माँ चंद्रघंटा की आरती का महत्व
माँ चंद्रघंटा की आरती का विशेष महत्व है क्योंकि यह भक्तों के मन और आत्मा को शांति प्रदान करती है। माँ के घंटे के स्वर से जहां एक ओर भक्तों के जीवन में सुख-शांति का संचार होता है, वहीं दूसरी ओर उनके शत्रुओं का नाश होता है। माँ चंद्रघंटा का यह रूप शांति और शक्ति का अनूठा संगम है। उनकी आरती करने से भक्तों के जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है और उनके मन से भय समाप्त होता है।
माँ चंद्रघंटा की आरती गाने से मन को अद्भुत शांति और आनंद की अनुभूति होती है। इस आरती के माध्यम से भक्त अपने सभी कष्टों को माँ के चरणों में समर्पित करते हैं और उनसे रक्षा की कामना करते हैं। माँ चंद्रघंटा की पूजा जीवन के कष्टों से मुक्ति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए की जाती है। उनकी कृपा से व्यक्ति के जीवन में सौम्यता, साहस और धैर्य का विकास होता है।
निष्कर्ष
माँ चंद्रघंटा की आरती और उनकी पूजा का अत्यधिक महत्व है। माँ का यह रूप हमें जीवन में साहस, धैर्य और संयम का संदेश देता है। उनकी पूजा से भक्तों के जीवन में शांति, समृद्धि और सुरक्षा का आगमन होता है। माँ चंद्रघंटा की आराधना से व्यक्ति के भीतर नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और वह सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण हो जाता है।
माँ चंद्रघंटा का स्वरूप शांति और वीरता का अद्भुत संगम है। उनकी आराधना से व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी कठिनाइयों का निवारण होता है और वह निर्भय होकर अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ता है। माँ चंद्रघंटा की पूजा से व्यक्ति के मन में आत्मबल और साहस का विकास होता है, जो जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
मां चंद्रघंटा की आरती वीडियो (Maa Chandraghanta Ki Aarti Video)
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