कार्तिक मास हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण महीना माना जाता है। इस महीने में किए गए व्रत, पूजा, और दान का विशेष महत्व होता है। यह वर्ष कार्तिक स्नान 17 अक्टूबर से 15 नवंबर तक किया जाएगा। मान्यता है कि कार्तिक मास में भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की आराधना करने से सभी पाप नष्ट होते हैं और भक्त को मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन आजकल की व्यस्त जीवनशैली में पूरे महीने की पूजा और व्रत करना कठिन हो सकता है। ऐसे में यदि आप पूरे कार्तिक मास का पुण्य प्राप्त करना चाहते हैं, तो केवल 3 दिन कुछ विशेष कार्य करके आप इस पवित्र माह के संपूर्ण पुण्य का लाभ उठा सकते हैं।
इस लेख में हम उन तीन दिनों की विशेष पूजा और अनुष्ठानों के बारे में बताएंगे जिन्हें आप कर सकते हैं और पूरे कार्तिक मास का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।

1. प्रथम दिन: कार्तिक स्नान और दीपदान
कार्तिक मास का पहला दिन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, और इसे शुभ माना जाता है। इस दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर पवित्र नदियों या सरोवरों में स्नान करने की परंपरा है। जो लोग पवित्र नदियों तक नहीं पहुंच सकते, वे अपने घर में ही स्नान कर सकते हैं, और स्नान के बाद भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए जल में तुलसी के पत्ते डालकर स्नान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।
स्नान के बाद दीपदान करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। शाम के समय घर के मंदिर में घी का दीपक जलाना चाहिए और भगवान विष्णु के समक्ष प्रार्थना करनी चाहिए। दीपदान करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और सभी संकटों से मुक्ति मिलती है।
कार्तिक स्नान के लाभ:
- कार्तिक मास में स्नान करने से शरीर और मन की शुद्धि होती है।
- यह स्नान पापों का नाश करता है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है।
- पवित्र जल में स्नान करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
2. दूसरा दिन: तुलसी पूजा और अन्नदान
दूसरे दिन तुलसी पूजा का विशेष महत्व होता है। तुलसी को हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र और देवी का रूप माना जाता है। तुलसी के बिना भगवान विष्णु की पूजा अधूरी मानी जाती है। कार्तिक मास में तुलसी पूजा करने से धन, समृद्धि, और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।
तुलसी पूजा के लिए तुलसी के पौधे के सामने दीप जलाकर भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए। इस दिन विशेष रूप से तुलसी के पत्तों को भगवान को अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके अलावा, कार्तिक मास में अन्नदान का भी बड़ा महत्व होता है। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े, या अन्य आवश्यक वस्त्र दान करना चाहिए।
तुलसी पूजा और अन्नदान के लाभ:
- तुलसी पूजा से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
- अन्नदान करने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में धन-संपत्ति की कमी नहीं होती।
- तुलसी की पूजा करने से सभी प्रकार के रोग दूर होते हैं और स्वस्थ जीवन की प्राप्ति होती है।
3. तीसरा दिन: भगवान विष्णु की विशेष पूजा और कथा सुनना
तीसरे दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा और कार्तिक मास की कथा सुनने का विशेष महत्व है। कार्तिक मास भगवान विष्णु का प्रिय माह होता है और इस दौरान उनकी पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु को पीले वस्त्र, तुलसी की माला, और पीले फूल अर्पित करें। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और भगवान विष्णु की कथा सुनें।
कार्तिक मास में भगवान विष्णु के साथ ही भगवान शिव की आराधना का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन शिवलिंग पर जल, दूध, और बेलपत्र चढ़ाकर शिवजी की पूजा करें और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें। भगवान शिव की कृपा से जीवन की सभी समस्याओं का समाधान होता है और सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है।
विष्णु पूजा के लाभ:
- भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में स्थिरता और समृद्धि आती है।
- भगवान विष्णु की कथा सुनने से मन को शांति मिलती है और जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है।
- शिवजी की पूजा करने से सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं और व्यक्ति को साहस और धैर्य की प्राप्ति होती है।
कार्तिक मास के अन्य महत्वपूर्ण कार्य
कार्तिक मास में कुछ अन्य कार्य भी हैं जिन्हें आप कर सकते हैं ताकि आपको अधिक पुण्य की प्राप्ति हो:
- एकादशी व्रत: कार्तिक मास में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। इस व्रत को करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन के सभी कष्टों का नाश होता है। विशेष रूप से, कार्तिक शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी को भगवान विष्णु के शयन से जागने का दिन माना जाता है, और इस दिन व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- दीपावली पर्व: कार्तिक मास में दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन, वैभव, और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। दीपावली के दिन घर को स्वच्छ और सुंदर सजाना चाहिए, और माता लक्ष्मी के स्वागत के लिए द्वार पर दीप जलाना चाहिए।
- गौ सेवा: कार्तिक मास में गौ सेवा का विशेष महत्व है। गौ माता को घास खिलाना और उनकी सेवा करना पुण्यकारी माना जाता है। गौ सेवा करने से जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि आती है। इसके साथ ही गौ माता को प्रसन्न करने से भगवान विष्णु की भी कृपा प्राप्त होती है।
- दान-पुण्य: इस पवित्र महीने में दान का विशेष महत्व होता है। इस दौरान गरीबों, जरूरतमंदों, और ब्राह्मणों को अन्न, वस्त्र, और धन का दान करना चाहिए। इससे आपको पुण्य की प्राप्ति होती है और आपके जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
निष्कर्ष
कार्तिक मास में पूरे महीने की पूजा करना हर किसी के लिए संभव नहीं होता, लेकिन यदि आप केवल 3 दिन भी कुछ विशेष पूजा और अनुष्ठानों का पालन करें, तो आपको पूरे मास का पुण्य मिल सकता है। कार्तिक स्नान, दीपदान, तुलसी पूजा, अन्नदान, भगवान विष्णु और शिवजी की पूजा—ये सभी कार्य अत्यंत पुण्यकारी हैं और इन्हें करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं।
इसलिए, अगर आप भी व्यस्त जीवनशैली के कारण पूरे महीने व्रत और पूजा नहीं कर पा रहे हैं, तो इन तीन दिनों में इन महत्वपूर्ण कार्यों को अवश्य करें और भगवान की कृपा प्राप्त करें।
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