Last Updated: 26 March 2025
30 मार्च से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। काशी में इस दौरान नौ दुर्गा और नौ गौरी की पूजा करने की परंपरा है। इस वर्ष नवसंवत्सर के राजा और मंत्री सूर्य होंगे, जो 10 साल बाद बन रहा है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के साथ ही नवरात्र और हिंदू नववर्ष का शुभारंभ होगा।

पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च को शाम 4:27 बजे शुरू होगी और 30 मार्च को दोपहर 12:49 बजे समाप्त होगी। विशेष रूप से, पंचमी तिथि के लोप के कारण इस बार नवरात्र केवल आठ दिनों तक मनाया जाएगा। नववर्ष को कालयुक्त संवत्सर कहा जाएगा, जो ज्योतिषीय दृष्टि से भी विशेष महत्व रखता है।
चैत्र नवरात्रि 2025 कलश स्थापना मुहूर्त (Chaitra Navratri 2025 Kalash Sthapna Muhurat)

चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है। शुभ मुहूर्त में कलश स्थापित करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। वर्ष 2025 में कलश स्थापना के लिए निम्नलिखित शुभ समय निर्धारित किया गया है:
- प्रथम मुहूर्त:
30 मार्च 2025, प्रातः 6:13 बजे से 10:22 बजे तक। - द्वितीय मुहूर्त (अभिजीत मुहूर्त):
30 मार्च 2025, दोपहर 12:01 बजे से 12:50 बजे तक।
इन पावन मुहूर्तों में कलश स्थापना करना अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। आप अपने घर या पूजा स्थल पर विधिपूर्वक कलश स्थापित करके मां दुर्गा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
इस कारण सिर्फ 8 दिन रहेगी नवरात्रि
इस वर्ष नवरात्रि में पंचमी तिथि के लोप होने के कारण व्रत और पूजन केवल आठ दिनों तक ही होगा। अष्टमी का व्रत 5 अप्रैल को रखा जाएगा, जबकि संधि पूजन 6 अप्रैल को संपन्न होगा। इसी दिन नवमी तिथि के साथ नवरात्रि का समापन भी होगा। इसके अतिरिक्त, 6 अप्रैल को ही श्रीराम जन्मोत्सव भी पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा।
इस पक्ष में पंचमी तिथि के लोप होने के कारण इसकी अवधि 14 दिनों की होगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता का आगमन और गमन हाथी पर होने से इस नवरात्रि को अत्यंत शुभ और फलदायी माना जा रहा है। इससे घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का संचार होगा। मान्यता है कि इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम तथा धर्मराज युधिष्ठिर का राज्याभिषेक भी इसी तिथि को संपन्न हुआ था।
चैत्र नवरात्र का धार्मिक महत्व (Chaitra Navratri Mahatva)
हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का अत्यधिक धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। इसे मां दुर्गा की शक्ति और भक्ति का पर्व माना जाता है। इस दौरान माता के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि सच्चे मन से मां दुर्गा की आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
चैत्र नवरात्रि 2025 में देवी की सवारी
इस वर्ष चैत्र नवरात्रि में माता दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी। देवी का हाथी पर आगमन बेहद शुभ माना जाता है, जो शांति, समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि हाथी पर सवार होकर मां दुर्गा का आना पृथ्वी पर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
चैत्र नवरात्रि में जाप करने योग्य मंत्र (Chaitra Navratri Jaap Mantra)
नवरात्रि के पावन दिनों में निम्नलिखित मंत्रों का जाप करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है:
- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।
- ॐ दुं दुर्गायै नमः।
- ॐ महालक्ष्म्यै नमः।
चैत्र नवरात्रि में अवश्य करें ये उपाय (Chaitra Navratri 2025 Upay)
- नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें।
- माता को लाल चुनरी और शृंगार सामग्री अर्पित करें।
- दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और मां का ध्यान करें।
- कन्या पूजन करके उन्हें स्नेहपूर्वक भोजन कराएं।
- गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन व आवश्यक वस्तुओं का दान करें।
इन उपायों को अपनाकर मां दुर्गा की कृपा प्राप्त की जा सकती है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होगा।
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