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Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया के दिन इन 6 जगहों पर जलाए दीया नहीं होगी धन और सुख-समृद्धि की कमी

Last Updated: 22nd April, 2025

Akshaya Tritiya 2025 Upay: हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया को अत्यंत पवित्र और पुण्यदायक तिथि माना गया है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन किए गए धार्मिक कार्य जैसे जप, तप, यज्ञ, पितरों का तर्पण और दान आदि का फल कभी नष्ट नहीं होता – यही कारण है कि इस तिथि को “अक्षय” अर्थात् ‘न समाप्त होने वाला’ कहा गया है। इस खास अवसर पर घर के विशेष स्थानों पर दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

अक्षय तृतीया
Akshaya Tritiya 2025 Upay

अक्षय तृतीया 2025 की तिथि और मुहूर्त (Akshaya Tritiya 2025 Date and Time)

हिंदू पंचांग के अनुसार, यह पर्व वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। वर्ष 2025 में अक्षय तृतीया बुधवार, 30 अप्रैल को मनाई जाएगी। इसे ‘अबूझ मुहूर्त’ भी कहा जाता है, यानी इस दिन कोई भी शुभ कार्य बिना पंचांग देखे किया जा सकता है।

पूजा का शुभ मुहूर्त:

  • तृतीया तिथि प्रारंभ: 30 अप्रैल 2025 को शाम 05:29 बजे
  • तृतीया तिथि समाप्त: 1 मई 2025 को दोपहर 02:12 बजे तक
  • अक्षय तृतीया पूजा का उत्तम समय: प्रातः 05:41 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक

इस दिन देवी-देवताओं की पूजा, विशेष रूप से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना, और स्वर्ण या संपत्ति का क्रय अत्यंत फलदायी माना जाता है।

उत्तर दिशा में दीपक जलाने का विशेष महत्व

अक्षय तृतीया की संध्या को उत्तर दिशा में दीपक जलाना अत्यंत लाभकारी माना गया है, क्योंकि यह दिशा कुबेर देवता और मां लक्ष्मी से संबंधित मानी जाती है। इस दिशा में दीपक जलाने से सुख-समृद्धि और वित्तीय स्थिरता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही, घर की छत पर दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता का संचार होता है।

असीम कृपा के लिए विशेष उपाय

इस पावन दिन पर केवल घर के मंदिर में ही नहीं, बल्कि आसपास के किसी मंदिर में भी दीपक प्रज्वलित करना अत्यंत पुण्यकारी होता है। यदि आपके घर के निकट कोई कुआं या जल स्रोत हो, तो वहां भी दीपक जलाना शुभ माना गया है। यह उपाय जीवन में सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक ऊर्जा को बनाए रखने में सहायक होता है।

अक्षय तृतीया

मुख्य द्वार पर दीपक का महत्व

ऐसा माना जाता है कि माता लक्ष्मी घर में प्रवेश मुख्य द्वार से करती हैं। इसलिए अक्षय तृतीया की संध्या पर घर के मुख्य दरवाजे के दोनों ओर दीपक जलाना अत्यंत शुभ होता है। यह उपाय धन-समृद्धि को आकर्षित करता है और माता लक्ष्मी की कृपा लंबे समय तक बनी रहती है, जिससे घर में कभी आर्थिक तंगी नहीं आती।

ब्रह्म स्थान में दीपक का विशेष महत्व

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के केंद्र में स्थित स्थान को ‘ब्रह्मस्थान’ कहा जाता है, जो ऊर्जा का मुख्य केंद्र होता है। अक्षय तृतीया की शाम यहां दीपक प्रज्वलित करने से सकारात्मक ऊर्जा पूरे घर में फैलती है। यह परिवार में शांति, समृद्धि और सौहार्द बनाए रखने में सहायक होता है।

इन स्थानों पर दीपक जलाना भी है विशेष फलदायी

अक्षय तृतीया के दिन यदि आप देवी लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की विशेष कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो केवल घर तक ही सीमित न रहें। इस दिन अपने घर के नजदीकी मंदिरों में भी दीपक प्रज्वलित करना अत्यंत पुण्यदायक माना जाता है। साथ ही, यदि आसपास कोई कुआं, तालाब या अन्य जल स्रोत हो, तो वहां भी रात को एक दीपक अवश्य जलाएं। यह उपाय न केवल आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है, बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा भी बनाए रखता है।

माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए यहाँ जलाये दिया

अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर दीपक जलाने का विशेष महत्व बताया गया है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, तुलसी को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। ऐसे में इस दिन की संध्या को तुलसी के समीप घी का दीपक जलाना अत्यंत शुभ होता है। साथ ही, मुख्य द्वार पर दीपक प्रज्वलित करने से देवी लक्ष्मी का घर में प्रवेश होता है, जिससे धन और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

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