गंगा दशहरा 2025 की तारीख और महत्वगंगा दशहरा इस वर्ष 5 जून 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था, जो पापों से मुक्ति दिलाने वाला पर्व माना जाता है।
गंगा अवतरण की पौराणिक कथाराजा भागीरथ के तप से प्रसन्न होकर मां गंगा स्वर्ग से धरती पर उतरी थीं। यह दिन उनके आगमन की स्मृति में गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन बन रहा है शुभ योग2025 में गंगा दशहरा पर उत्तरा फाल्गुनी और हस्त नक्षत्र के साथ वज्र योग बन रहा है। यह संयोग स्नान और दान को कई गुना पुण्यकारी बनाता है।
Fill in some text
गंगा दशहरा पर स्नान का महत्वगंगा में स्नान करने से दस प्रकार के पाप नष्ट होते हैं। यह दिन आत्मिक शुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का उत्तम अवसर माना गया है।
पूजन और आरती की विधिगंगा पूजन के लिए गंगाजल, फूल, धूप, दीप और नैवेद्य से मां गंगा की आरती करें और प्रार्थना करें कि जीवन में पवित्रता बनी रहे।
शुभ मुहूर्त जानेंशाही स्नान: सुबह 4:59 से 6:42 बजे तकसामान्य स्नान: सुबह 5:15 से दिनभरअभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:21 से 12:15 बजे तक
गंगा दशहरा पर क्या दान करेंपंखा, सत्तू, गुड़, जलयुक्त घड़ा, फल, सुपारी, वस्त्र और दीपों का दान इस दिन विशेष फल देता है और पितरों को भी तृप्त करता है।
कौन-कौन से पाप मिटते हैंकाम, क्रोध, मोह, लोभ, ईर्ष्या, छल, कपट और ब्रह्महत्या जैसे दस गंभीर पापों से मुक्ति मिलती है।
गंगा की स्वच्छता का लें संकल्पगंगा दशहरा पर सिर्फ स्नान नहीं, मां गंगा को स्वच्छ और निर्मल रखने का भी व्रत लें ताकि वे हमेशा जीवनदायिनी बनी रहें।
निर्जला एकादशी 2025: लड्डू गोपाल का शृंगार ऐसे करें, मिले विष्णुजी का आशीर्वाद