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Tulsi Mata Ki Aarti Lyrics: तुलसी माता की आरती- तुलसी महारानी नमो-नमो…

तुलसी माता हिंदू धर्म में अत्यधिक श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक हैं। तुलसी के पौधे को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है और इसे पवित्रता, समृद्धि, और शुभता का प्रतीक समझा जाता है। तुलसी की आराधना करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं, बल्कि शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक रूप से भी व्यक्ति को लाभ होता है। तुलसी माता की आरती का विशेष महत्व है, जिसे श्रद्धा और भक्ति के साथ करने से व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति होती है।

Tulsi Mata Ki Aarti Lyrics

तुलसी माता की आरती

तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।

धन तुलसी पूरण तप कीनो,
शालिग्राम बनी पटरानी ।
जाके पत्र मंजरी कोमल,
श्रीपति कमल चरण लपटानी ॥

तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।

धूप-दीप-नवैद्य आरती,
पुष्पन की वर्षा बरसानी ।
छप्पन भोग छत्तीसों व्यंजन,
बिन तुलसी हरि एक ना मानी ॥

तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।

सभी सखी मैया तेरो यश गावें,
भक्तिदान दीजै महारानी ।
नमो-नमो तुलसी महारानी,
तुलसी महारानी नमो-नमो ॥

तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।

तुलसी माता की आरती का महत्व

तुलसी माता की आरती का विशेष महत्व है। यह आरती न केवल धार्मिक अनुष्ठानों में की जाती है, बल्कि इसे प्रतिदिन के जीवन में भी अपनाया जाता है। तुलसी माता की आरती करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। तुलसी माता को प्रसन्न करने के लिए भक्तजन तुलसी की पत्तियों को भगवान विष्णु को अर्पित करते हैं। ऐसा माना जाता है कि तुलसी माता की आराधना करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

आरती के समय तुलसी माता की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इसमें दीपक जलाकर, फूल, अक्षत, और कुमकुम से तुलसी माता का श्रृंगार किया जाता है। तुलसी की आरती करने से मन को शांति मिलती है और घर के वातावरण में सकारात्मकता का संचार होता है। तुलसी माता की आरती से वातावरण शुद्ध होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

तुलसी माता की आरती का लाभ

तुलसी माता की आरती करने से व्यक्ति को विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। ये लाभ न केवल आध्यात्मिक होते हैं, बल्कि शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक रूप से भी व्यक्ति को संबल प्रदान करते हैं।

  1. आध्यात्मिक लाभ: तुलसी माता की आराधना से व्यक्ति के मन और आत्मा को शांति मिलती है। यह आरती ध्यान और भक्ति का माध्यम है, जिससे व्यक्ति के मन में भक्ति और श्रद्धा की भावना उत्पन्न होती है। यह आरती व्यक्ति को भगवान विष्णु के प्रति समर्पण की भावना से भर देती है और उसे आध्यात्मिक उन्नति की ओर प्रेरित करती है।
  2. शारीरिक लाभ: तुलसी माता की आरती करने से शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। तुलसी के पौधे के पास बैठकर आरती करने से श्वसन तंत्र को शुद्ध हवा मिलती है, जो कि स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती है। तुलसी के पत्तों में औषधीय गुण होते हैं, जो शरीर को रोगों से बचाने में सहायक होते हैं।
  3. मानसिक लाभ: तुलसी माता की आरती करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है। यह आरती मानसिक तनाव और चिंता को दूर करने में सहायक होती है। तुलसी की सुगंध से मन शांत होता है और ध्यान करने में आसानी होती है।
  4. सामाजिक लाभ: तुलसी माता की आराधना से समाज में समरसता और भाईचारे की भावना का विकास होता है। यह आरती समाज में एकता और सहयोग की भावना को प्रोत्साहित करती है।
  5. परिवारिक लाभ: तुलसी माता की आरती करने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। यह आरती घर के वातावरण को पवित्र और शुभ बनाती है। तुलसी माता की आराधना करने से घर में कलह और विवाद दूर होते हैं और प्रेम और सामंजस्य का वातावरण बनता है।

तुलसी माता की आरती का स्वरूप

तुलसी माता की आरती का स्वरूप बहुत ही सरल और सुलभ होता है। यह आरती प्रातः और सायं काल में की जाती है। तुलसी माता की आरती करने के लिए तुलसी के पौधे के सामने दीपक जलाया जाता है और फिर आरती की जाती है। इस दौरान भक्तजन तुलसी माता के मंत्रों का जाप करते हैं और उनकी महिमा का गुणगान करते हैं। आरती के अंत में तुलसी माता की परिक्रमा की जाती है और भक्तजन उनसे आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं।

तुलसी माता की आरती का मंत्र

तुलसी माता की आरती के दौरान निम्नलिखित मंत्रों का उच्चारण किया जाता है:

“श्री तुलसी माता की आरती, जो कोई नर गावे।
रिद्धि-सिद्धि धन वैभव, सदा घर में आवे।
श्री तुलसी माता की आरती, जो कोई नर गावे।”

निष्कर्ष

तुलसी माता की आरती हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह आरती न केवल धार्मिक अनुष्ठानों में की जाती है, बल्कि इसे दैनिक जीवन में अपनाने से व्यक्ति को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। तुलसी माता की आरती करने से व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति होती है। इस आरती का नियमित रूप से पालन करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं और वह भगवान विष्णु की कृपा का पात्र बनता है।

तुलसी माता की आरती करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं, बल्कि शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक लाभ भी प्राप्त होते हैं। तुलसी माता की आरती के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन में शांति, प्रेम, और सद्भावना का संचार कर सकता है। इस आरती का नियमित पालन व्यक्ति के जीवन को सुखमय और समृद्ध बना सकता है।

अतः, तुलसी माता की आरती एक ऐसा साधन है जो व्यक्ति को समर्पण, भक्ति, और श्रद्धा की ओर प्रेरित करती है। यह आरती न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि जीवन के हर पहलू में इसे अपनाने से व्यक्ति को संपूर्णता की प्राप्ति होती है।

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