Somvar Vrat Katha| सोमवार व्रत करने से मिलती है भगवान शिव की विशेष कृपा | यहाँ पढ़े पुरी सोमवार व्रत कथा

Monday Vrat Katha: सोमवार व्रत का विशेष महत्व हिंदू धर्म में भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए बताया गया है। यह व्रत मुख्य रूप से शिव भक्तों द्वारा भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने और जीवन में सुख-शांति, सौभाग्य एवं समृद्धि प्राप्त करने की कामना से रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि सोमवार का दिन भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और इस दिन उनका पूजन करने से वे जल्दी प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।

यह व्रत विशेष रूप से संतान सुख, वैवाहिक जीवन की खुशहाली, मानसिक शांति और आर्थिक उन्नति के लिए किया जाता है। जिन लोगों की कुंडली में चंद्र दोष होता है या मानसिक अस्थिरता बनी रहती है, उनके लिए भी सोमवार व्रत को अत्यंत लाभकारी माना गया है।

सोमवार व्रत
Somvar Vrat Katha

सोमवार व्रत के लाभ (Somvar Vrat Katha Labh)

  • सोमवार व्रत करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सभी प्रकार के कष्टों का नाश होता है।
  • वैवाहिक जीवन में प्रेम और सामंजस्य बना रहता है। जो व्यक्ति योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति की कामना करते हैं, उनके लिए यह व्रत विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।
  • संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वालों के लिए भी यह व्रत बहुत लाभकारी होता है।
  • मानसिक शांति, आत्मबल और धैर्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • चंद्र दोष और अन्य ग्रहदोषों से होने वाले मानसिक और शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।

सोमवार व्रत का महत्व (Somvar Vrat Katha Mahatva)

सोमवार व्रत न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस व्रत से व्यक्ति में संयम, श्रद्धा और भक्ति की भावना प्रबल होती है। भगवान शिव को आशुतोष कहा जाता है, अर्थात जो थोड़े से प्रयास से भी प्रसन्न हो जाते हैं। सोमवार के दिन व्रत और शिवजी का पूजन करने से भक्त की कठिन से कठिन मनोकामना भी शीघ्र पूर्ण होती है।

जो लोग सच्चे मन से सोमवार का व्रत रखते हैं और शिव कथा का श्रवण करते हैं, उन्हें भगवान शिव की कृपा से जीवन में सुख, शांति, आरोग्यता और सफलता मिलती है। इस व्रत से जीवन की बाधाएँ दूर होती हैं और सभी प्रकार की सिद्धियों की प्राप्ति होती है।

सोमवार व्रत कथा (Somvar Vrat Katha)

बहुत समय पहले एक नगर में एक अमीर व्यापारी निवास करता था। उसका व्यापार दूर-दूर तक फैला हुआ था और नगर के लोग उसका आदर करते थे। सब कुछ होने के बावजूद वह व्यापारी मन से बहुत दुखी था क्योंकि उसके पास संतान नहीं थी। वह अपने व्यापार को आगे बढ़ाने वाला कोई वारिस चाहता था। इसी चिंता में वह हर सोमवार को भगवान शिव की पूजा करता और शाम को शिव मंदिर में जाकर घी का दीपक जलाता।

उसकी सच्ची भक्ति से माता पार्वती बहुत प्रसन्न हुईं। उन्होंने भगवान शिव से प्रार्थना की कि वे व्यापारी की प्रार्थना को स्वीकार करें। शिवजी ने माता पार्वती से कहा कि संसार में हर प्राणी को उसके कर्मों के अनुसार फल मिलता है। फिर भी माता पार्वती के बार-बार अनुरोध करने पर भगवान शिव ने व्यापारी को पुत्र होने का वरदान दिया, लेकिन यह भी कहा कि वह पुत्र केवल 16 वर्ष तक ही जीवित रहेगा।

रात को शिवजी ने व्यापारी को स्वप्न में दर्शन देकर उसे पुत्र प्राप्ति और उसके पुत्र की आयु का रहस्य बताया। व्यापारी को पुत्र होने की खुशी तो हुई परंतु उसकी अल्पायु की चिंता उसे खलने लगी। कुछ समय बाद व्यापारी के घर एक सुंदर बालक ने जन्म लिया। परिवार में उत्सव मनाया गया, लेकिन व्यापारी के मन में भय बना रहा।

जब पुत्र 12 वर्ष का हुआ, व्यापारी ने उसे पढ़ाई के लिए मामा के साथ वाराणसी भेज दिया। यात्रा के दौरान मामा-भांजे कई जगह यज्ञ करते और ब्राह्मणों को भोजन कराते। एक नगर में विवाह का आयोजन था। वहाँ के राजा की बेटी का विवाह होना था। दूल्हा एक आंख से काना था, जिससे पिता चिंतित था। उसने व्यापारी के पुत्र को दूल्हा बनाकर विवाह करवा दिया। लड़के ने विवाह के बाद राजकुमारी को ओढ़नी पर सत्य लिखकर सच बता दिया। राजकुमारी ने काने लड़के के साथ जाने से मना कर दिया।

पुत्र ने वाराणसी में शिक्षा पूरी की। जब उसकी उम्र 16 वर्ष हुई, यज्ञ किया और दान-पुण्य किया। रात को उसकी मृत्यु हो गई। मामा की पुकार सुनकर शिवजी और माता पार्वती ने कृपा की और उसे जीवनदान दिया।

लड़का लौटते समय विवाह के नगर पहुँचा। राजा ने उसे पहचाना और राजकुमारी के संग विदा किया। व्यापारी और उसकी पत्नी बेटे की वापसी पर बहुत खुश हुए। रात को शिवजी ने स्वप्न में दर्शन देकर व्यापारी को पुत्र की दीर्घायु का आशीर्वाद दिया। यही कारण है कि जो श्रद्धा से सोमवार व्रत करता है, उसकी सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।

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FAQs

सोमवार व्रत क्यों रखा जाता है?

सोमवार व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए रखा जाता है। यह व्रत संतान सुख, वैवाहिक जीवन की सुख-शांति, आर्थिक समृद्धि और मानसिक शांति के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। विशेष रूप से जिन लोगों को विवाह या संतान में विलंब हो रहा हो, उनके लिए यह व्रत अत्यंत फलदायी होता है।

सोमवार व्रत करने से क्या लाभ होते हैं?

सोमवार व्रत से शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन के कष्ट दूर होते हैं। इस व्रत से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है, योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है, चंद्र दोष और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है, और व्यक्ति को सफलता व सुख-समृद्धि का वरदान मिलता है।

सोमवार व्रत की पूजा विधि क्या है?

सोमवार व्रत में प्रातः स्नान कर भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करें, बेलपत्र, धतूरा, अक्षत, भस्म, पुष्प आदि अर्पित करें। शिव चालीसा या रुद्राष्टक का पाठ करें और शाम को दीपक जलाकर शिव कथा सुनें। दिनभर व्रत रखकर शाम को फलाहार या व्रत अनुकूल भोजन करें।

सोमवार व्रत कथा सुनना या पढ़ना क्यों आवश्यक है?

सोमवार व्रत कथा सुनने या पढ़ने से व्रत का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त श्रद्धा से सोमवार की कथा पढ़ते या सुनते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएँ भगवान शिव की कृपा से पूर्ण होती हैं और जीवन के संकट दूर हो जाते हैं।

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