Last Updated: 12/07/2025
सोमवार व्रत हिंदू धर्म में भगवान शिव की कृपा पाने का एक अति प्रभावी और पावन उपाय माना गया है। यह व्रत विशेष रूप से भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने और जीवन में सुख-शांति, सौभाग्य, संतान सुख एवं आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति के लिए रखा जाता है।
इस व्रत का पालन करने वाले श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा, कथा श्रवण और उपवास करके उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं। विशेष रूप से सावन मास के सोमवार का व्रत अत्यंत फलदायक माना गया है।
Monday Vrat Katha: सोमवार व्रत का विशेष महत्व हिंदू धर्म में भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए बताया गया है। यह व्रत मुख्य रूप से शिव भक्तों द्वारा भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने और जीवन में सुख-शांति, सौभाग्य एवं समृद्धि प्राप्त करने की कामना से रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि सोमवार का दिन भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और इस दिन उनका पूजन करने से वे जल्दी प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।
यह व्रत विशेष रूप से संतान सुख, वैवाहिक जीवन की खुशहाली, मानसिक शांति और आर्थिक उन्नति के लिए किया जाता है। जिन लोगों की कुंडली में चंद्र दोष होता है या मानसिक अस्थिरता बनी रहती है, उनके लिए भी सोमवार व्रत को अत्यंत लाभकारी माना गया है।

सोमवार व्रत कथा | Somvar Vrat Katha Lyrics (संक्षेप में)
बहुत समय पहले एक नगर में एक धनवान व्यापारी रहता था। उसके पास धन, प्रतिष्ठा और हर प्रकार की सुख-सुविधा थी, परंतु वह संतानहीन था। यही दुःख उसके जीवन को अधूरा बना रहा था। वह हर सोमवार को उपवास करता, शिव मंदिर जाता, और पूरे मन से पूजा करता। उसका एक ही उद्देश्य था – भगवान शिव उसकी प्रार्थना सुनें और उसे संतान का सुख दें।
उसकी यह श्रद्धा देखकर माता पार्वती प्रसन्न हुईं। उन्होंने भगवान शिव से कहा, “हे प्रभु, यह व्यापारी आपके प्रति अपार श्रद्धा रखता है। कृपया इसकी प्रार्थना स्वीकार करें।”
शिवजी बोले, “हे पार्वती, संसार में हर जीव को उसके कर्मों के अनुसार ही फल मिलता है। लेकिन यदि तुम इतनी प्रार्थना कर रही हो, तो मैं इसे पुत्र का वरदान देता हूँ, लेकिन ध्यान रहे – यह पुत्र केवल 16 वर्ष तक जीवित रहेगा।”
रात में भगवान शिव ने व्यापारी को स्वप्न में दर्शन दिए और उसे यह वरदान एवं शर्त बताई। व्यापारी को पुत्र की प्राप्ति की खुशी तो हुई, लेकिन उसकी अल्पायु की चिंता ने उसे व्याकुल कर दिया।
समय बीता, पुत्र का जन्म हुआ। वह सुंदर और बुद्धिमान था। जब वह 12 वर्ष का हुआ, तो व्यापारी ने उसे शिक्षा के लिए उसके मामा के साथ वाराणसी भेज दिया। यात्रा के दौरान वे जहाँ भी रुकते, वहाँ ब्राह्मणों को भोजन कराते, दान करते और शिवपूजन करते।
एक नगर में जब वे पहुँचे, वहाँ एक राजकुमारी का विवाह होना था। लेकिन दूल्हा एक आंख से काना था। राजा को यह बात छिपानी थी। जब उसने व्यापारी के पुत्र को देखा, तो उसे अस्थायी दूल्हा बनाकर विवाह करवा दिया। लेकिन वह पुत्र सत्यवादी था। उसने राजकुमारी को ओढ़नी में लिखकर सब कुछ बता दिया। राजकुमारी ने सच जानने के बाद असली दूल्हे के साथ जाने से मना कर दिया।
इसके बाद वह बालक वाराणसी पहुँचा और अपनी शिक्षा पूरी की। जैसे ही वह 16 वर्ष का हुआ, उसी रात उसकी मृत्यु हो गई। मामा ने क्रंदन किया, शिवजी से प्रार्थना की और अपनी भक्ति का स्मरण दिलाया।
भगवान शिव और माता पार्वती उनकी पुकार से प्रसन्न हुए और उस बालक को जीवनदान दे दिया।
जब वह नगर लौटे जहाँ विवाह हुआ था, राजा ने उसे पहचान लिया और राजकुमारी को उसके साथ विदा किया। जब वह पुत्र अपने माता-पिता के पास लौटा, व्यापारी आनंद में भर गया। उसी रात शिवजी फिर स्वप्न में आए और बोले, “तुम्हारी श्रद्धा, भक्ति और कर्मों के कारण मैं तुम्हारे पुत्र को दीर्घायु देता हूँ। जाओ, अब तुम्हारा वंश फले-फूले।”
सोमवार व्रत के लाभ | Somvar Vrat Katha Labh
- सोमवार व्रत करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सभी प्रकार के कष्टों का नाश होता है।
- वैवाहिक जीवन में प्रेम और सामंजस्य बना रहता है। जो व्यक्ति योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति की कामना करते हैं, उनके लिए यह व्रत विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।
- संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वालों के लिए भी यह व्रत बहुत लाभकारी होता है।
- मानसिक शांति, आत्मबल और धैर्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- चंद्र दोष और अन्य ग्रहदोषों से होने वाले मानसिक और शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
सोमवार व्रत का महत्व | Somvar Vrat Katha Mahatva
सोमवार व्रत न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस व्रत से व्यक्ति में संयम, श्रद्धा और भक्ति की भावना प्रबल होती है। भगवान शिव को आशुतोष कहा जाता है, अर्थात जो थोड़े से प्रयास से भी प्रसन्न हो जाते हैं। सोमवार के दिन व्रत और शिवजी का पूजन करने से भक्त की कठिन से कठिन मनोकामना भी शीघ्र पूर्ण होती है।
- भगवान शिव को “आशुतोष” कहा जाता है – जो थोड़े से भक्ति भाव से प्रसन्न हो जाते हैं।
- सोमवार का दिन शिवजी को अत्यंत प्रिय होता है।
- इस दिन व्रत रखने से मानसिक, शारीरिक और पारिवारिक समस्याएँ दूर होती हैं।
- व्रत से व्यक्ति में आत्मिक बल, संयम और भक्ति की भावना का विकास होता है।
जो लोग सच्चे मन से सोमवार का व्रत रखते हैं और शिव कथा का श्रवण करते हैं, उन्हें भगवान शिव की कृपा से जीवन में सुख, शांति, आरोग्यता और सफलता मिलती है। इस व्रत से जीवन की बाधाएँ दूर होती हैं और सभी प्रकार की सिद्धियों की प्राप्ति होती है।
सोमवार व्रत करने की विधि | Somvar Vrat Vidhi
सोमवार व्रत की सही विधि से पूजन करने से व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त होता है:
- अगले दिन ब्राह्मण को भोजन व दान देकर व्रत पूर्ण करें।
- प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- भगवान शिव का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें।
- पूजा स्थान को स्वच्छ कर वहाँ शिवलिंग स्थापित करें या चित्र पर पूजा करें।
- शिवजी को जल, दूध, शहद, बेलपत्र, अक्षत, भस्म, धतूरा, चंदन आदि अर्पित करें।
- सोमवार व्रत कथा का पाठ करें और ध्यान करें।
- दिनभर उपवास रखें, फलाहार कर सकते हैं।
- सायंकाल पुनः पूजन कर शिवजी की आरती करें।
सोमवार व्रत की आरती | Somvar Vrat Aarti
Shiv Ji Ki Aarti : शिव जी की आरती – ओम जय शिव ओंकारा Lyrics PDF, Photo, Video सहित
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सावन सोमवार व्रत कथा का विशेष महत्व
सावन मास के सोमवार विशेष माने जाते हैं क्योंकि इस मास में भगवान शिव की उपासना अधिक फलदायी होती है। इस मास में रखे गए सोमवार व्रत से:
- विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
- कुंवारी कन्याओं को योग्य वर की प्राप्ति होती है।
- भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न होते हैं और सभी इच्छाएँ पूर्ण करते हैं।
निष्कर्ष: शिव की शरण में है समाधान
सोमवार व्रत एक ऐसा साधन है जो हमें केवल धार्मिक लाभ ही नहीं देता, बल्कि आत्मिक संतुलन, जीवन में स्थिरता, और ईश्वर से एक जीवंत संवाद की अनुभूति कराता है। यह व्रत हमें सिखाता है कि जब हम सच्चे मन से कुछ माँगते हैं, तो शिवजी हमारी प्रार्थना को अवश्य सुनते हैं।
श्रद्धा, संयम और भक्ति – यही हैं सोमवार व्रत की सबसे बड़ी कुंजी।
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FAQs
सोमवार व्रत क्यों रखा जाता है?
सोमवार व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए रखा जाता है। यह व्रत संतान सुख, वैवाहिक जीवन की सुख-शांति, आर्थिक समृद्धि और मानसिक शांति के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। विशेष रूप से जिन लोगों को विवाह या संतान में विलंब हो रहा हो, उनके लिए यह व्रत अत्यंत फलदायी होता है।
सोमवार व्रत करने से क्या लाभ होते हैं?
सोमवार व्रत से शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन के कष्ट दूर होते हैं। इस व्रत से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है, योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है, चंद्र दोष और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है, और व्यक्ति को सफलता व सुख-समृद्धि का वरदान मिलता है।
सोमवार व्रत की पूजा विधि क्या है?
सोमवार व्रत में प्रातः स्नान कर भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करें, बेलपत्र, धतूरा, अक्षत, भस्म, पुष्प आदि अर्पित करें। शिव चालीसा या रुद्राष्टक का पाठ करें और शाम को दीपक जलाकर शिव कथा सुनें। दिनभर व्रत रखकर शाम को फलाहार या व्रत अनुकूल भोजन करें।
सोमवार व्रत कथा सुनना या पढ़ना क्यों आवश्यक है?
सोमवार व्रत कथा सुनने या पढ़ने से व्रत का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त श्रद्धा से सोमवार की कथा पढ़ते या सुनते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएँ भगवान शिव की कृपा से पूर्ण होती हैं और जीवन के संकट दूर हो जाते हैं।