शनि देव की आरती हिन्दू धर्म में विशेष स्थान रखती है। इसे विशेष रूप से शनिवार के दिन गाया जाता है, क्योंकि शनिवार को शनि देव का दिन माना जाता है। शनि देव की आरती का उद्देश्य उनके आशीर्वाद और कृपा प्राप्त करना होता है। यह आरती न केवल शनि देव के प्रति श्रद्धा व्यक्त करती है, बल्कि उनके अनुग्रह से जीवन के सभी कष्टों और बाधाओं को दूर करने में भी सहायक होती है।
शनि देव की आरती
ॐ जय जय शनि महाराज,
स्वामी जय जय शनि महाराज।
कृपा करो हम दीन रंक पर,
दुःख हरियो प्रभु आज।
|| ॐ जय जय शनि महाराज ||
सूरज के तुम बालक होकर,
जग में बड़े बलवान।
सब देवताओ मैं तुम्हारा,
प्रथम मान है आज।
|| ॐ जय जय शनि महाराज ||
विक्रमराज को हुआ घमंड फिर,
अपने श्रेष्ठन का।
चकनाचूर किया बुद्धि को,
हिला दिया सरताज।
|| ॐ जय जय शनि महाराज ||
प्रभु राम और पांडव जी को,
भेज दिया वनवास।
कृपा होय जब तुम्हारे स्वामी,
बचाई उनकी लाज।
|| ॐ जय जय शनि महाराज ||
शूर-संत राजा हरिश्चंद्र का,
बेच दिया परिवार।
पत्र हुए जब सत्त्व परीक्षा में,
दे कर धन और राज।
|| ॐ जय जय शनि महाराज ||
गुरुनाथ को शिक्षा फासी की,
मन के गरबन को ।
होश में लाया सवा कलाक में,
फेरत निगाह राज।
|| ॐ जय जय शनि महाराज ||
माखन चोर वो कृष्ण कन्हाई,
गइयां के रखवार।
कलंक माथे का धोया उनका,
खड़े रूप विराज।
|| ॐ जय जय शनि महाराज ||
देखि लीला प्रभु आया चक्कर,
तन को अब ना सतावे।
माया बंधन से कर दो हमें ,
भव सागर ज्ञानी राज।
|| ॐ जय जय शनि महाराज ||
मय हु दीन अनाथ अज्ञानी,
भूल भयी हमसे।
क्षमा शांति दो नारायण को,
प्रणाम लो महाराज।
ॐ जय जय शनि महाराज,
स्वामी जय जय शनि महाराज।
कृपा करो हम दीन रंक पर,
दुःख हरियो प्रभु आज।
|| ॐ जय जय शनि महाराज ||
शनि देव का महत्व
हिन्दू धर्म में शनि देव का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। उन्हें न्याय का देवता माना जाता है। शनि देव का नाम सुनते ही कई लोग भयभीत हो जाते हैं, क्योंकि उन्हें यह लगता है कि शनि देव का प्रभाव नकारात्मक होता है। लेकिन वास्तव में शनि देव व्यक्ति के कर्मों का फल देते हैं, चाहे वह अच्छा हो या बुरा।
शनि देव का जन्म सूर्य देव और छाया देवी से हुआ था। उनकी गिनती नवग्रहों में होती है और वे कर्म, न्याय और अनुशासन के देवता माने जाते हैं। वे व्यक्ति को उसके अच्छे और बुरे कर्मों के अनुसार फल देते हैं।
शनि देव का रंग काला है, और वे काले वस्त्र धारण करते हैं। वे गधे, गिद्ध, काले घोड़े और लोहे से संबंधित माने जाते हैं। शनि देव को प्रसन्न करने के लिए उन्हें काले तिल, सरसों का तेल, लोहे के सामान, और काले वस्त्र अर्पित किए जाते हैं।
शनि देव की पूजा और उपासना करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली कठिनाइयों का निवारण होता है। वे व्यक्ति के जीवन में स्थिरता और संतुलन लाते हैं। शनि देव की कृपा से व्यक्ति को समृद्धि, सफलता और सम्मान प्राप्त होता है।
शनि देव की महिमा और प्रभाव
शनि देव की महिमा और प्रभाव हिन्दू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। वे व्यक्ति के कर्मों का फल देते हैं और उसके जीवन को संतुलित करते हैं। शनि देव की कृपा से व्यक्ति को समृद्धि, सफलता, और सम्मान प्राप्त होता है। शनि देव का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी प्रकार की बाधाओं और कठिनाइयों को दूर करता है। उनकी कृपा से व्यक्ति के जीवन में शांति और स्थिरता आती है।
शनि देव की पूजा और उपासना करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली समस्याओं का निवारण होता है। वे व्यक्ति के जीवन में संतुलन और अनुशासन लाते हैं। शनि देव की कृपा से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि, सफलता और शांति का वास होता है।
निष्कर्ष
शनि देव की आरती, पूजा, और उपासना हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है और उन्हें कालपुरुष या कर्मफलदाता भी कहा जाता है। शनि देव व्यक्ति के कर्मों के अनुसार उसे फल देते हैं।
शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए उनकी पूजा और उपासना करना आवश्यक होता है। शनि देव की पूजा विशेष रूप से शनिवार के दिन की जाती है। शनि देव की कृपा से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि आती है। शनि देव की महिमा और प्रभाव हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
शनि देव की आरती को सच्चे मन से गाने और उनकी पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि का वास होता है। शनि देव की कृपा से व्यक्ति के जीवन में आने वाली समस्याएं दूर होती हैं और उसे सफलता प्राप्त होती है। शनि देव की पूजा और उपासना करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली बाधाएं और कठिनाइयाँ समाप्त होती हैं और उसे सफलता प्राप्त होती है।
शनि देव के आशीर्वाद से जीवन के सभी कष्ट और कठिनाइयाँ समाप्त हो जाती हैं। उनकी कृपा से व्यक्ति के जीवन में शांति, स्थिरता, और समृद्धि आती है। इसलिए शनि देव की आरती, पूजा, और उपासना करना हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे वह अपने जीवन में आने वाली सभी बाधाओं का न