आज है पुत्रदा एकादशी, पुत्रदा एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है, वर्षभर में कुल 24 बार रखा जाता है। हर एकादशी का अपना अलग धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष माह में आने वाली एकादशी को “पुत्रदा एकादशी” कहा जाता है। यह व्रत खासतौर पर उन महिलाओं द्वारा रखा जाता है जो संतान प्राप्ति की कामना करती हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत और भगवान विष्णु की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। इस एकादशी को पूर्ण श्रद्धा और नियम के साथ करने से परिवार में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है।
पुत्रदा एकादशी का व्रत साल में दो बार रखा जाता है, एक बार पौष माह में और दूसरी बार सावन माह में। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की सच्चे मन से पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है। साथ ही, इस व्रत को करने से मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग भी प्रशस्त होता है। इस दिन व्रत और पूजा के साथ कुछ खास उपाय करने से अधिक लाभ प्राप्त होता है।
इन उपायों से न केवल मनोकामनाएं पूरी होती हैं, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि का भी आगमन होता है। आइए जानते हैं कि पुत्रदा एकादशी पर कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं।
पुत्रदा एकादशी 2025 तिथि (Putrada Ekadashi 2025 Date and Time)
पुत्रदा एकादशी व्रत का पालन हिंदू पंचांग के अनुसार पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है। इस वर्ष यह तिथि 9 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट पर प्रारंभ होगी और 10 जनवरी को सुबह 10 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी। चूंकि हिंदू धर्म में उदया तिथि का विशेष महत्व है, इसलिए पुत्रदा एकादशी का व्रत 10 जनवरी को रखा जाएगा। इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से संतान सुख और समस्त पापों से मुक्ति प्राप्त होती है। व्रत करने वाले श्रद्धालुओं को नियमपूर्वक विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए।
पुत्रदा एकादशी उपाय (Putrada Ekadashi 2025 Upay)
विष्णु सहस्त्रनाम का जाप : पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए विशेष उपाय किए जा सकते हैं। इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करना अत्यंत लाभकारी माना गया है। मान्यता है कि इस जाप से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और नकारात्मकता समाप्त हो जाती है। इसके साथ ही घर में मौजूद सभी प्रकार के दोषों का नाश होता है। जिन दंपतियों को संतान सुख की इच्छा होती है, उनके लिए यह उपाय संतान प्राप्ति के योग बनाने में सहायक होता है। इस दिन श्रद्धालुओं को सच्चे मन से भगवान विष्णु का ध्यान और उपासना करनी चाहिए, जिससे उनका जीवन सुख-समृद्धि से भर जाए।
तुलसी की माला से मंत्र जाप : तुलसी की माला से मंत्र जाप करना एकादशी के दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। तुलसी के पत्तों का विष्णु पूजा और कृष्ण जी की पूजा में विशेष महत्व होता है। पुत्रदा एकादशी के दिन यदि तुलसी की माला से ‘ॐ देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते, देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः’ मंत्र का जाप किया जाए, तो संतान प्राप्ति की कामना पूर्ण होती है। इस मंत्र को अत्यंत शक्तिशाली माना गया है और इसे सच्चे मन से जाप करने पर भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन तुलसी के पौधे की विशेष पूजा और ध्यान करने से भी जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल चढ़ाना: पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल चढ़ाने का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में पीले फूल विष्णु जी को अत्यंत प्रिय माने जाते हैं। इस दिन श्रद्धा और भक्ति भाव से भगवान विष्णु को पीले फूल अर्पित करना अत्यधिक शुभ फलदायी होता है। ऐसा माना जाता है कि सच्चे मन से पीले फूल चढ़ाने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और संतान सुख का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। यह उपाय न केवल संतान प्राप्ति की कामना पूरी करता है, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि और शांति भी लाता है। पुत्रदा एकादशी पर यह सरल उपाय करने से भगवान विष्णु की कृपा से मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।
दान-पुण्य : पुत्रदा एकादशी के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत रखने वाले व्यक्तियों को अपने सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंदों की सहायता करनी चाहिए। भोजन कराना, वस्त्र दान करना और धन दान करना इस दिन के प्रमुख कार्यों में शामिल है। ऐसा माना जाता है कि इस पवित्र दिन पर दान करने से न केवल पुण्य की प्राप्ति होती है, बल्कि भगवान विष्णु का आशीर्वाद भी मिलता है। विशेष रूप से, जो लोग संतान सुख की कामना रखते हैं, उनके लिए यह दिन अत्यंत फलदायी हो सकता है। सच्चे मन और श्रद्धा के साथ किए गए दान से संतान प्राप्ति के योग बनते हैं और जीवन में सुख-शांति आती है।
पुत्रदा एकादशी मान्यता (Putrada Ekadashi Manyata)
मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की सच्चे मन से पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। इस व्रत को रखने से व्यक्ति को अनेक पुण्यों की प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गाय को चारा खिलाने से भी विशेष पुण्य फल मिलता है और श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह व्रत न केवल संतान सुख के लिए, बल्कि परिवार में सुख-शांति बनाए रखने और संतान के उज्ज्वल भविष्य की कामना के लिए भी अत्यंत शुभ माना गया है। पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं।
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