Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 14 Shloka 14 | गीता अध्याय 2 श्लोक 14 अर्थ सहित | मात्रास्पर्शास्तु कौन्तेय…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 14 – गीता अध्याय 2 श्लोक 14 अर्थ सहित - मात्रास्पर्शास्तु कौन्तेय.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 14 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 14 in Hindi): श्रीमद्भगवद्गीता में निहित ज्ञान के अनेक श्लोक जीवन के विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण शिक्षाएँ प्रदान करते हैं। इन्हीं में से एक श्लोक 2.14(Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 14) है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जीवन के सुख-दुःख और शीत-उष्णता के … Read more

Shri Yugalkishor Ki Aarti Lyrics: युगलकिशोर की आरती- आरती युगलकिशोर की कीजै…

युगलकिशोर

युगलकिशोर, जिन्हें राधा-कृष्ण के दिव्य युगल के रूप में पूजा जाता है, हिंदू धर्म में प्रेम, भक्ति, और दिव्यता के प्रतीक माने जाते हैं। राधा और कृष्ण की जोड़ी को अनंत प्रेम का प्रतीक माना जाता है, और इनकी आरती भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है। युगलकिशोर की आरती के माध्यम से भक्तजन … Read more

Ganga Mata Ki Aarti Lyrics: गंगा माता की आरती- नमामि गंगे ! तव पाद पंकजम्…

गंगा माता

गंगा माता, जिन्हें गंगा नदी के रूप में भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण और पवित्र देवी मानी जाती हैं। गंगा नदी को धरती पर स्वर्ग से उतरने वाली नदी के रूप में देखा जाता है, जो मनुष्य को पापों से मुक्त कर सकती है और मोक्ष की प्राप्ति करवा सकती है। … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 13 Shloka 13 | गीता अध्याय 2 श्लोक 13 अर्थ सहित | देहिनोSस्मिन्यथा देहे कौमारं…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 13 – गीता अध्याय 2 श्लोक 13 अर्थ सहित - देहिनोSस्मिन्यथा देहे कौमारं.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 13 (Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 13 in Hindi): भगवद गीता का श्लोक 2.13 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 13) जीवन के चक्र और आत्मा के अमरत्व को समझाने वाला एक महत्वपूर्ण श्लोक है। यह श्लोक हमें यह सिखाता है कि जीवन में परिवर्तन स्वाभाविक हैं और आत्मा अमर है। … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 12 Shloka 12 | गीता अध्याय 2 श्लोक 12 अर्थ सहित | नत्वेवाहं जातु नासं…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 12 – गीता अध्याय 2 श्लोक 12 अर्थ सहित - नत्वेवाहं जातु नासं.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 12 (Bhagwat Geeta adhyay 2 shlok 12 in Hindi): श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोक 2.12(Bhagwat Gita Chapter 2 Shloka 12) में भगवान श्रीकृष्ण ने आत्मा की शाश्वतता और अमरता का एक गहन और महत्वपूर्ण संदेश दिया है। इस श्लोक में वे न केवल अर्जुन को, बल्कि समस्त मानव जाति को यह बताते हैं कि आत्मा … Read more

Bhagwat Geeta Chapter 2 Verse 11 Shloka 11 | गीता अध्याय 2 श्लोक 11 अर्थ सहित | अशोच्यानन्वशोचस्त्वं प्रज्ञावादांश्र्च…..

Bhagwat Geeta Chapter 2 Verse-Shloka 11 – गीता अध्याय 2 श्लोक 11 अर्थ सहित - अशोच्यानन्वशोचस्त्वं प्रज्ञावादांश्र्च..... | Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 7 (Bhagwat Gita adhyay 2 sloka 11 in Hindi): श्रीमद्भगवद्गीता का श्लोक 2.11(Bhagwat geeta Chapter 2 Verse 11) हमें जीवन के गहरे सत्यों के बारे में समझाने का प्रयास करता है। इस श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को जीवन और मृत्यु के वास्तविक अर्थ के बारे में सिखा रहे हैं। यह श्लोक हमारे … Read more

Tulsi Mata Ki Aarti Lyrics: तुलसी माता की आरती- तुलसी महारानी नमो-नमो…

तुलसी माता

Last Updated: 29 October 2025 Tulsi Mata Ki Aarti Lyrics in Hindi: तुलसी माता हिंदू धर्म में अत्यधिक श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक हैं। तुलसी के पौधे को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है और इसे पवित्रता, समृद्धि, और शुभता का प्रतीक समझा जाता है। तुलसी की आराधना करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 10 Shloka 10 | गीता अध्याय 2 श्लोक 10 अर्थ सहित | तमुवाच हृषीकेशः प्रहसन्निव…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 10 – गीता अध्याय 2 श्लोक 10 अर्थ सहित - तमुवाच हृषीकेशः प्रहसन्निव.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 10 (Bhagwat Geeta adhyay 2 shlok 10 in Hindi): महाभारत के युद्ध में अर्जुन और श्रीकृष्ण का संवाद एक ऐतिहासिक क्षण था। दोनों सेनाओं के बीच खड़े होकर कृष्ण ने अर्जुन को ज्ञान और धर्म की शिक्षा दी। श्लोक 2.10(Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 10) में इसी महत्वपूर्ण क्षण का वर्णन मिलता है, … Read more

Kunj Bihari Ji Ki Aarti Lyrics: कुंजबिहारी जी की आरती- आरती कुंजबिहारी की,श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की…

कुंजबिहारी जी

कुंजबिहारी जी, जिन्हें भगवान श्रीकृष्ण के रूप में भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में अत्यधिक पूजनीय और आदरणीय देवता हैं। भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न रूपों में से एक कुंजबिहारी जी का है, जो वृंदावन के कुंजों में राधा रानी के साथ लीलाएं करते हुए भक्तों के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं। कुंजबिहारी जी … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 9 Shloka 9 | गीता अध्याय 2 श्लोक 9 अर्थ सहित | एवमुक्त्वा हृषीकेशं…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 9 – गीता अध्याय 2 श्लोक 9 अर्थ सहित - एवमुक्त्वा हृषीकेशं.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 9 (Bhagwat Geeta adhyay 2 shlok 9 in Hindi): जब युद्ध की विभीषिका अपने चरम पर थी और कौरवों और पांडवों के बीच का संघर्ष युद्धभूमि में एक निर्णायक मोड़ लेने वाला था, तब अर्जुन ने भगवान कृष्ण से कहा, “हे गोविंद! मैं युद्ध नहीं कर सकता,” और वे मौन हो गए। संजय … Read more