Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 2 Shloka 2 | गीता अध्याय 2 श्लोक 2 अर्थ सहित | कुतस्त्वा कश्मलमिदं विषमे…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 2 – गीता अध्याय 2 श्लोक 2 अर्थ सहित - कुतस्त्वा कश्मलमिदं विषमे.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 2 (Bhagwat Geeta adhyay 2 shlok 2 in Hindi): गीता का दूसरा अध्याय(Gita Chapter 2), श्लोक 2.2(Verse 2.2) में, भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन के मन में उत्पन्न हुए शोक और मोह को दूर करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण शिक्षाएं दी हैं। इस श्लोक में भगवान ने अर्जुन से पूछा कि इस कठिन समय … Read more

Siddhivinayak Ji Ki Aarti: श्री सिद्धिविनायक की आरती- जय देव जय देव,जय मंगल मूर्ति…

संकष्टी चतुर्थी

Last Updated: 27th June 2025 Anil Mohile Siddhivinayak Aarti Lyrics: श्री सिद्धिविनायक, जिन्हें भगवान गणेश के रूप में भी जाना जाता है, हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। गणेश जी को ‘विघ्नहर्ता’ और ‘सिद्धिदाता’ कहा जाता है, जो समस्त विघ्नों को हरने वाले और सिद्धियों का प्रदान करने वाले माने जाते हैं। … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 1 Shloka 1 | गीता अध्याय 2 श्लोक 1 अर्थ सहित | तं तथा कृपयाविष्टमश्रुपूर्णाकुलेक्षणम्…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 1 – गीता अध्याय 2 श्लोक 1 अर्थ सहित - तं तथा कृपयाविष्टमश्रुपूर्णाकुलेक्षणम्..... | Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 1 (Bhagwat Geeta adhyay 2 shlok 1 in Hindi): भगवद्गीता, महाभारत के युद्ध के मध्य अर्जुन और भगवान श्रीकृष्ण के संवाद के रूप में, जीवन के गूढ़ रहस्यों और मानवता के मार्गदर्शन के सिद्धांतों का अद्वितीय संगम है। द्वितीय अध्याय में, श्रीकृष्ण ने आत्मा और शरीर के भेद को स्पष्ट कर आत्म-साक्षात्कार का … Read more

Raksha Bandhan 2024 (Rakhi) – रक्षाबंधन 2024: तारीख, समय, शुभ मुहूर्त, शुभकामनाएं, पौराणिक कथाएं, इतिहास और महत्व

Raksha Bandhan 2024 (Rakhi) - रक्षाबंधन 2024: तारीख, समय, शुभ मुहूर्त, शुभकामनाएं, पौराणिक कथाएं, इतिहास और महत्व | Festivalhindu.com

Raksha Bandhan (रक्षाबंधन) 2024 – Rakhi : तारीख, समय, शुभ मुहूर्त, शुभकामनाएं, पौराणिक कथाएं, इतिहास, तैयारी, विशेष पकवान, उपहार और महत्व – रक्षाबंधन, भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है। यह हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई … Read more

Shani Dev Ki Aarti :शनि देव की आरती- ॐ जय जय शनि महाराज…

शनि देव

शनि देव की आरती (Shani Dev Ki Aarti) हिन्दू धर्म में विशेष स्थान रखती है। इसे विशेष रूप से शनिवार के दिन गाया जाता है, क्योंकि शनिवार को शनि देव का दिन माना जाता है। शनि देव की आरती का उद्देश्य उनके आशीर्वाद और कृपा प्राप्त करना होता है। यह आरती न केवल शनि देव … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 46 – गीता अध्याय 1 श्लोक 46 अर्थ सहित – एवमुक्तवार्जुनः संख्ये रथोपस्थ…..

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 46 – गीता अध्याय 1 श्लोक 46 अर्थ सहित - एवमुक्तवार्जुनः संख्ये रथोपस्थ.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 46 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 46 in Hindi): भगवद्गीता के अध्याय 1 श्लोक 46(Bhagavad Gita Chapter 1 Verse 46) में संजय ने धृतराष्ट्र को बताया कि अर्जुन ने भगवान कृष्ण से सेनाओं के बीच में अपने रथ को खड़ा करने के लिए कहा। भगवान कृष्ण, जो हृषीकेश (इन्द्रियों के स्वामी) हैं, अर्जुन के … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 45 – गीता अध्याय 1 श्लोक 45 अर्थ सहित – यदि मामप्रतीकारमशस्त्रं…..

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श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 45 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 45 in Hindi):महाभारत का युद्ध न केवल दो कुलों के बीच का संघर्ष था, बल्कि यह नैतिकता, धर्म, और मानव मन की जटिलताओं का भी प्रतीक था। भगवद्गीता के प्रथम अध्याय में, अर्जुन के मन में उत्पन्न करुणा और द्वंद्व को दर्शाया गया है। विशेषकर, गीता अध्याय 1 … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 44 – गीता अध्याय 1 श्लोक 44 अर्थ सहित – अहो बत महत्पापं…..

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श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 44 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 44 in Hindi): महाभारत के युद्ध के संदर्भ में अर्जुन द्वारा कहे गए गीता अध्याय 1 श्लोक 44(Gita Chapter 1 Verse 44) में “अहो बत महत्पापं कर्तुं व्यवसिता वयम्” हमें यह सोचने पर मजबूर कर देता है कि किस प्रकार स्वार्थ और लोभ के कारण मनुष्य अपने सबसे … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 43 – गीता अध्याय 1 श्लोक 43 अर्थ सहित – उत्सन्नकुलधर्माणां मनुष्याणां…..

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श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 43 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 43 in Hindi): कुल-धर्म का पालन भारतीय संस्कृति और समाज में अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। यह न केवल परिवार की परंपराओं और मूल्यों को संरक्षित करता है, बल्कि समाज में नैतिकता और अनुशासन को भी बनाए रखता है। भगवद गीता के अध्याय 1 श्लोक 43 (Bhagavad Gita … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 42 – गीता अध्याय 1 श्लोक 42 अर्थ सहित – दोषैरेतै कुलघ्नानां…..

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श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 42 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 42 in Hindi): भगवद गीता अध्याय 1 श्लोक 42(Bhagavad Gita Chapter 1 Verse 42) में परिवार की परम्पराओं और समाज की योजनाओं के विनाश के दुष्परिणामों पर गहन विचार किया गया है। इस श्लोक में कहा गया है कि जो लोग कुल-परम्परा को नष्ट करते हैं और अवांछित … Read more