नवरात्रि के नौ दिनों में छठा दिन देवी माँ कात्यायनी की आराधना के लिए समर्पित होता है। माँ कात्यायनी को शक्ति और वीरता का प्रतीक माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर देवी ने उनके घर पुत्री रूप में जन्म लिया, जिसके कारण उन्हें कात्यायनी कहा जाता है। माँ कात्यायनी महिषासुर का वध करने वाली देवी हैं, जो बुराई का नाश करती हैं और भक्तों को सभी प्रकार के भय से मुक्त करती हैं। इस दिन माँ कात्यायनी की पूजा विशेष रूप से मनोकामना पूर्ति, विवाह में सफलता, और जीवन में सुख-शांति के लिए की जाती है।

माँ कात्यायनी को अर्पित करें ये भोग (Navratri Day 6th Maa Katyayani Bhog)
माँ कात्यायनी को प्रसन्न करने के लिए उनके प्रिय भोग अर्पित करना आवश्यक है। यहाँ कुछ प्रमुख भोग बताए गए हैं जो माँ कात्यायनी को अर्पित किए जा सकते हैं:
- शहद: माँ कात्यायनी को शहद अत्यंत प्रिय है। इसे अर्पित करने से देवी शीघ्र प्रसन्न होती हैं और भक्त को मधुर वाणी, सुख, और स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है।
- गुड़: गुड़ का भोग अर्पित करना माँ कात्यायनी को प्रसन्न करने का एक सरल और प्रभावी उपाय है। यह भोग अर्पण करने से देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जीवन में मिठास और सुख-समृद्धि का संचार होता है।
- ताजे फल: माँ को ताजे फल, विशेष रूप से सेब और नारंगी, अर्पित करना शुभ माना जाता है। इन फलों का भोग अर्पित करने से जीवन में स्वास्थ्य और धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
- हलवा: माँ कात्यायनी को हलवा अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। हलवा का भोग अर्पित करने से देवी प्रसन्न होती हैं और घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।
- पान का पत्ता: पान का पत्ता अर्पण करने से माँ कात्यायनी को विशेष रूप से प्रसन्न किया जा सकता है। यह भोग उनके प्रति भक्ति और समर्पण को दर्शाता है।
- दूध से बने पदार्थ: माँ को दूध से बने पदार्थ जैसे खीर, माखन, या रबड़ी का भोग अर्पित करना भी अत्यधिक फलदायी होता है। यह भोग अर्पण करने से देवी की कृपा से परिवार में सुख और शांति का वास होता है।
- केसर: केसर का भोग माँ कात्यायनी को विशेष रूप से प्रिय होता है। इसे अर्पित करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का संचार होता है।
माँ कात्यायनी की पूजा का महत्व (Maa Katyayani Puja Mahatva)
माँ कात्यायनी की पूजा विशेष रूप से उन भक्तों के लिए लाभकारी मानी जाती है जो विवाह संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। माना जाता है कि माँ कात्यायनी की कृपा से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और शीघ्र ही शुभ विवाह का योग बनता है। साथ ही, देवी की आराधना करने से व्यक्ति के जीवन में साहस, शक्ति, और संकल्प शक्ति का विकास होता है। माँ कात्यायनी की पूजा से भक्तों को मानसिक शांति, धैर्य, और आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है।
निष्कर्ष
नवरात्रि का छठा दिन माँ कात्यायनी की पूजा और आराधना का दिन है। इस दिन माँ को शहद, गुड़, हलवा, और ताजे फल अर्पित करने से देवी प्रसन्न होती हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं। माँ कात्यायनी की आराधना से जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि आती है, और विवाह संबंधी सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। नवरात्रि के इस पावन अवसर पर श्रद्धा और भक्ति के साथ माँ कात्यायनी की उपासना करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुखमय और सफल बनाएं।