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Maa Shailputri Ki Aarti Lyrics: मां शैलपुत्री की आरती- ॐ जय शैलपुत्री माता, मैया जय शैलपुत्री माता…

मां शैलपुत्री, जो मां पार्वती का ही एक स्वरूप मानी जाती हैं, देवी दुर्गा के नौ प्रमुख रूपों में से प्रथम हैं। नवरात्रि के पहले दिन इनकी पूजा-अर्चना की जाती है। इनका नाम ‘शैलपुत्री’ इसीलिए पड़ा क्योंकि ये पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं। शैल का अर्थ पर्वत और पुत्री का अर्थ बेटी होता है, इसलिए उन्हें शैलपुत्री कहा जाता है। इन्हें माता पार्वती, सती और हेमवती के नाम से भी जाना जाता है। इनके दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का पुष्प होता है।

इनका वाहन वृषभ (बैल) है, इस कारण इन्हें वृषारूढ़ा भी कहा जाता है। देवी शैलपुत्री की पूजा करने से भक्तों के जीवन में स्थिरता, धैर्य और संकल्पशक्ति आती है। यह देवी समस्त प्रकृति का प्रतीक हैं और इनकी आराधना से मनुष्य के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का संचार होता है।

Maa Shailputri Ki Aarti Lyrics

मां शैलपुत्री की आरती

ॐ जय शैलपुत्री माता, मैया जय शैलपुत्री माता।

रूप अलौकिक पावन, शुभ फल की दाता।।

ॐ जय शैलपुत्री माता…

हाथ त्रिशूल कमल दल, मैया को साजे।

शीश मुकुट शोभा मयी, मैया के राजे।।

ॐ जय शैलपुत्री माता…

दक्ष राज की कन्या, शिव अर्धांगिनी तुम।

तुम ही हो सती माता,पाप विनाशिनी तुम।।

ॐ जय शैलपुत्री माता…

क्रिश्द सवारी माँ की, सुंदर अति पावन।

सौभाग्यशाली बनता, जो करले दर्शन।।

ॐ जय शैलपुत्री माता…

आदी अनादि अनामय, माँ तुम अविनाशी।

अटल अनंत अगोचर, अजआनंद राशि।।

ॐ जय शैलपुत्री माता…

नवदुर्गो में मैया, प्रथम तेरा ये स्थान।

रिद्धि सिद्धि पा जाता, जो धरता तेरा ध्यान।।

ॐ जय शैलपुत्री माता…

प्रथम नवरात्रे जो माँ, व्रत तेरा धारे।

करदे कृपा उस जन पे, तू मैया तारे।।

ॐ जय शैलपुत्री माता…

मूलाधार निवासिनी, हमपे कृपा करना।

लाल तुम्हारे ही हम, दृष्टी दया रखना।।

ॐ जय शैलपुत्री माता…

करुणामयी जग जननी, दया नज़र कीजे।

शिवा सती है मैया, चरण शरण लीजिये।।

ॐ जय शैलपुत्री माता…

ॐ जय शैलपुत्री माता, मैया जय शैलपुत्री माता।

रूप अलौकिक पावन, शुभ फल की दाता।।

ॐ जय शैलपुत्री माता…

मां शैलपुत्री की आरती का महत्व

मां शैलपुत्री की आरती का विशेष महत्व है, क्योंकि यह भक्तों के मन-मस्तिष्क को शुद्ध और शांत करती है। आरती के समय मां का स्मरण करने से व्यक्ति के मन में शांति और स्थिरता आती है। इस आरती में देवी शैलपुत्री की महिमा का वर्णन किया गया है, जो उनके आध्यात्मिक और प्राकृतिक गुणों को दर्शाता है। आरती के माध्यम से भक्त अपने जीवन में देवी के आशीर्वाद और कृपा की प्राप्ति करते हैं।

मां शैलपुत्री, जो प्रकृति की देवी मानी जाती हैं, उनके द्वारा प्रदत्त शक्ति और ऊर्जा का सीधा प्रभाव मनुष्य के जीवन पर पड़ता है। उनकी पूजा करने से व्यक्ति में आत्मशक्ति और धैर्य का विकास होता है, जिससे वह जीवन की कठिनाइयों का सामना करने में सक्षम होता है। मां शैलपुत्री का यह रूप जीवन में एक नई शुरुआत का प्रतीक है। जैसे नवरात्रि का पहला दिन नए संकल्पों और नए उत्साह के साथ शुरू होता है, वैसे ही मां शैलपुत्री की आराधना से व्यक्ति के जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन आता है।

आरती के माध्यम से व्यक्ति अपनी समर्पण भावना को व्यक्त करता है और मां से जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करता है। माता की आरती से मानसिक शांति और आंतरिक शक्ति की प्राप्ति होती है, जो भक्त के जीवन में सदैव स्थायित्व बनाए रखती है। मां शैलपुत्री की आराधना से जो ऊर्जा और सकारात्मकता मिलती है, वह जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और प्रगति का मार्ग प्रशस्त करती है।

निष्कर्ष

मां शैलपुत्री की आरती और उनकी पूजा का विशेष महत्व है। उनकी आराधना से भक्तों को मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं। मां शैलपुत्री की कृपा से जीवन में धैर्य, साहस, और स्थिरता का संचार होता है। उनकी आरती के माध्यम से व्यक्ति अपनी आंतरिक शक्ति को जागृत कर सकता है और जीवन में नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ सकता है।

मां शैलपुत्री की आरती वीडियो (Maa Shailputri Ki Aarti Video)

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