होली का त्योहार भगवान कृष्ण को बचपन से ही बहुत प्रिय था। वे गोपियों और ब्रजवासियों के साथ उल्लासपूर्वक होली खेलते थे। रंगों से भरा यह उत्सव अब निकट आ रहा है, और इसकी तैयारियों में तेजी देखी जा रही है। हालांकि यह पर्व पूरे देश में मनाया जाता है, लेकिन मथुरा और वृंदावन में इसकी छटा ही निराली होती है। इस दिन वहां के मंदिर रंगों में सराबोर हो जाते हैं, और संपूर्ण ब्रज क्षेत्र भक्ति के रंग में डूब जाता है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष होली का पर्व 14 मार्च, सोमवार को मनाया जाएगा। यदि आप भी लड्डू गोपाल के साथ इस दिन को विशेष रूप से मनाना चाहते हैं, तो जानिए कि उन्हें कौन-सा रंग लगाना शुभ माना जाता है।
भगवान श्री कृष्ण को प्रिय है होली का त्यौहार
कहा जाता है कि भगवान कृष्ण को बचपन से ही होली का त्योहार बेहद प्रिय था। वे गोपियों और ब्रजवासियों के साथ आनंदपूर्वक इस रंगोत्सव को मनाते थे। रंग और गुलाल उन्हें विशेष रूप से पसंद थे, इसलिए होली के दिन लड्डू गोपाल को गुलाल अर्पित किया जाता है। यदि आप भी इस शुभ अवसर पर कान्हा जी की पसंद के अनुसार रंग चढ़ाना चाहते हैं, तो उनके प्रिय रंग से उन्हें सजाएं।
लड्डू गोपाल को होली पर कौन सा रंग लगाए
होली के दिन लड्डू गोपाल को पीला रंग लगाकर उनके साथ यह पावन पर्व हर्षोल्लास से मना सकते हैं। दरअसल, भगवान कृष्ण को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है, और उन्हें ‘पीतांबर’ कहा जाता है, जिसका अर्थ है पीले वस्त्र धारण करने वाले। इसलिए, पीला रंग अर्पित कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।
केसर का संबंध देवगुरु बृहस्पति से माना जाता है। मान्यता है कि यदि होली के दिन लड्डू गोपाल को केसर से बना गुलाल अर्पित किया जाए, तो व्यक्ति की कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत होता है। इससे भाग्य का संयोग बेहतर होता है और घर-परिवार में सुख, समृद्धि एवं शांति बनी रहती है।
यदि होली के दिन लड्डू गोपाल को गेंदे के फूल से बना गुलाल चढ़ाया जाए, तो इससे परिवार में शांति और सौहार्द बना रहता है। ऐसा करने से भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
गुड़हल का फूल धन की देवी मां लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय होता है। यदि होली के दिन लड्डू गोपाल को गुड़हल के फूल से बना गुलाल अर्पित किया जाए, तो मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इससे न केवल घर में सुख-शांति बनी रहती है, बल्कि आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होती है।
गुलाब के फूल को मंगल और शुक्र ग्रह का प्रतीक माना जाता है। होली के दिन यदि लड्डू गोपाल को गुलाब के फूलों से तैयार किया गया गुलाल चढ़ाया जाए, तो जातक की कुंडली में मंगल और शुक्र ग्रह मजबूत होते हैं। इससे विवाह के योग निर्मित होते हैं और भौतिक सुख-संपदा की प्राप्ति होती है।
इसके अलावा, होली के अवसर पर लड्डू गोपाल को लाल, हरा और गुलाबी रंग भी लगाया जा सकता है। इन रंगों के गुलाल को शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इन सुगंधित अबीर को श्रीकृष्ण को अर्पित करने से घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है। होली के दिन इन रंगों को लड्डू गोपाल को समर्पित करने से जीवन में खुशहाली आती है और सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं।
होली 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त (Holi 2025 Date and Time)
वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 13 मार्च 2025 को सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर होगी और इसका समापन 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर होगा। ऐसे में होलिका दहन का आयोजन 13 मार्च को किया जाएगा, जबकि रंगों का पर्व होली 14 मार्च को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।
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