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Dhanteras 2024:कब है धनतेरस 29 या 30 अक्टूबर को? नोट करें सही तिथि और पूजा मुहूर्त

धनतेरस, जिसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह पर्व दीपावली उत्सव की शुरुआत का प्रतीक होता है और इस दिन विशेष रूप से धन, संपत्ति, स्वास्थ्य और समृद्धि की देवी लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है। लेकिन इस वर्ष 2024 में एक सवाल ने लोगों के मन में हलचल पैदा की है: धनतेरस कब है? 29 या 30 अक्टूबर? आइए, इस लेख में हम आपको सही तिथि और पूजा मुहूर्त के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं।

Dhanteras 2024

धनतेरस का महत्व (Dhanteras Significance)

धनतेरस का विशेष महत्व है क्योंकि यह दिन स्वास्थ्य, समृद्धि और दीर्घायु की कामना से जुड़ा हुआ है। ‘धन’ का अर्थ है समृद्धि और ‘तेरस’ का मतलब है त्रयोदशी, यानी हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की तेरहवीं तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। इस दिन नए बर्तन, आभूषण और अन्य कीमती वस्तुएं खरीदने की परंपरा है क्योंकि यह दिन शुभ माना जाता है। इसके पीछे मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई वस्तुएं लंबे समय तक स्थिर रहती हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

धनतेरस की तिथि पर भ्रम (Dhanteras 2024)

2024 में धनतेरस की तिथि को लेकर लोगों के बीच कुछ भ्रम है। कुछ पंचांग 29 अक्टूबर को धनतेरस की तिथि बता रहे हैं, जबकि कुछ अन्य 30 अक्टूबर को धनतेरस मान रहे हैं। इसका मुख्य कारण तिथि गणना में अंतर है। आइए, इसे विस्तार से समझते हैं।

2024 में धनतेरस की तिथि: 29 या 30 अक्टूबर?(Dhanteras 2024 Date & Time)

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर सुबह 10:31 मिनट से शुरू हो रही है। इसका समापन 30 अक्टूबर 1:15 मिनट पर होगा। धनतेरस 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इसी दिन शाम को 6:31 मिनट से 8:31 मिनट तक गोधुली काल। धनतेरस पूजा के लिए 1 घंटे 42 मिनट का समय रहेगा।

पूजा मुहूर्त: कब करें धनतेरस की पूजा? (Dhanteras 2024 Shubh Muhurat)

धनतेरस पर पूजा का समय अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन पूजा करने का विशेष मुहूर्त होता है, जिसे ध्यान में रखते हुए पूजा संपन्न की जाती है। लक्ष्मी पूजन का यह समय शुभ होता है और इस समय में पूजा करने से अधिकतम लाभ मिलता है।

धनतेरस पूजा मुहूर्त (29 अक्टूबर 2024):

  • शाम का शुभ मुहूर्त: शाम 06:42 बजे से रात 08:45 बजे तक।
  • प्रदोष काल: शाम 05:56 बजे से रात 08:32 बजे तक।
  • वृषभ काल: शाम 06:42 बजे से रात 08:45 बजे तक।

धनतेरस के दिन वृषभ काल में लक्ष्मी माता और भगवान कुबेर की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह समय लक्ष्मी पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है, क्योंकि इस समय वृषभ लग्न होता है, जिसे धन-समृद्धि के लिए बहुत ही शुभ माना गया है।

धनतेरस पर क्या खरीदें? (Dhanteras 2024 What To Buy)

धनतेरस पर कुछ विशेष चीजें खरीदने की परंपरा होती है, जिसे शुभ और समृद्धि लाने वाला माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो भी वस्तुएं खरीदी जाती हैं, वे घर में सुख, समृद्धि और धन की वृद्धि करती हैं। आइए जानें किन चीजों की खरीदारी इस दिन विशेष रूप से की जानी चाहिए:

  1. धातु के बर्तन: इस दिन नए बर्तन खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। धातु के बर्तन, जैसे पीतल, तांबा या चांदी के बर्तन खरीदना विशेष रूप से लाभकारी होता है। इससे घर में समृद्धि और खुशहाली आती है।
  2. सोना-चांदी: धनतेरस पर सोने-चांदी के आभूषण खरीदने का भी विशेष महत्व है। सोना और चांदी संपत्ति के प्रतीक हैं और इनकी खरीदारी से घर में धन की वृद्धि होती है।
  3. धन्वंतरि की मूर्ति: धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा भी की जाती है, जो आयुर्वेद के देवता माने जाते हैं। इस दिन धन्वंतरि की मूर्ति या तस्वीर घर में लाने से स्वास्थ्य संबंधी लाभ होते हैं।
  4. झाड़ू: कुछ स्थानों पर धनतेरस पर झाड़ू खरीदने की भी परंपरा है। मान्यता है कि इससे घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में साफ-सफाई और समृद्धि बनी रहती है।
  5. दीपक और मिट्टी के दीये: दीपावली के त्योहार के दौरान घर को रोशन करने के लिए मिट्टी के दीये और दीपक खरीदना भी धनतेरस पर शुभ माना जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का प्रवाह होता है।

धनतेरस की पूजा विधि (Dhanteras 2024 Puja Vidhi)

धनतेरस पर पूजा की एक विशेष विधि होती है, जिसे पूरी श्रद्धा और नियम से करना चाहिए। आइए जानें, धनतेरस पर किस प्रकार पूजा करनी चाहिए:

  1. स्नान और शुद्धिकरण: सबसे पहले सुबह स्नान करें और घर को अच्छी तरह से साफ करें। घर में गंगाजल का छिड़काव करें ताकि घर की पवित्रता बनी रहे।
  2. धन्वंतरि और लक्ष्मी-कुबेर पूजा: भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करें। धनतेरस के दिन धन्वंतरि पूजा का विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह दिन भगवान धन्वंतरि के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। भगवान धन्वंतरि के साथ-साथ लक्ष्मी माता और कुबेर देव की पूजा भी करें ताकि घर में धन-धान्य और समृद्धि बनी रहे।
  3. दीप जलाएं: पूजा के दौरान दीप जलाएं और घर के मुख्य द्वार पर भी दीप जलाएं। यह दीपक घर से अंधकार और नकारात्मकता को दूर करता है और समृद्धि का आगमन करता है।
  4. मंत्रोच्चार: लक्ष्मी माता और कुबेर देव के मंत्रों का जाप करें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और धन की प्राप्ति होती है।
  5. नैवेद्य अर्पण: पूजा के बाद देवी-देवताओं को नैवेद्य अर्पण करें। इसमें मिठाई, फल और सूखे मेवे चढ़ाए जा सकते हैं। साथ ही घर के सदस्यों में प्रसाद का वितरण करें।

धनतेरस से जुड़ी कथाएं (Dhanteras Katha)

धनतेरस के दिन से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं भी प्रचलित हैं, जिनमें से एक महत्वपूर्ण कथा भगवान धन्वंतरि से संबंधित है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे और उसी दिन से धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। एक अन्य कथा के अनुसार, यमराज ने एक राजा के पुत्र की मृत्यु को टाल दिया था, क्योंकि उसकी पत्नी ने धनतेरस के दिन दीप जलाकर यमराज को प्रसन्न किया था। इसलिए, इस दिन दीप जलाने की परंपरा भी है, जिसे यमदीपदान कहा जाता है।

उपसंहार

धनतेरस एक ऐसा पर्व है जो न केवल धन और समृद्धि की कामना से जुड़ा है, बल्कि स्वास्थ्य और दीर्घायु की भी प्रार्थना का दिन है। 2024 में धनतेरस की तिथि को लेकर कुछ भ्रम हो सकता है, लेकिन पंचांग और मुहूर्त के अनुसार, 29 अक्टूबर को धनतेरस का दिन अधिक उपयुक्त माना गया है। इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त शाम 06:42 बजे से रात 08:45 बजे तक है, जिसे ध्यान में रखते हुए लक्ष्मी और कुबेर की पूजा करनी चाहिए।

धनतेरस पर शुभ वस्त्र और आभूषण खरीदें, अपने घर में समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का स्वागत करें, और इस पावन पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाएं।

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