नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो नौ दिनों तक चलता है। इन नौ दिनों में माता दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है, जिनमें से प्रत्येक शक्ति और अनुग्रह के अलग-अलग पहलुओं का प्रतिनिधित्व करता है। नवरात्रि के पांचवें दिन, माता स्कंदमाता की पूजा की जाती है, जिन्हें शक्ति और युद्ध कौशल की देवी के रूप में जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन विशेष रूप से इलायची से जुड़े कुछ उपाय करने से माता स्कंदमाता प्रसन्न होती हैं और भक्तों को सुख, समृद्धि और सफलता का आशीर्वाद देती हैं।
इलायची: माता स्कंदमाता को प्रसन्न करने का सुगंधित माध्यम
इलायची अपनी सुगंध और औषधीय गुणों के लिए जानी जाती है। प्राचीन काल से ही इलायची को पूजा-पाठ में शुभ माना जाता है। यह माना जाता है कि इलायची की सुगंध वातावरण को शुद्ध करती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। नवरात्रि के पांचवें दिन, इलायची का उपयोग विभिन्न उपायों में किया जाता है, जिससे माता स्कंदमाता का ध्यान आकर्षित किया जाता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।
सुख-समृद्धि के लिए नवरात्रि के पांचवें दिन इलायची के 6 खास उपाय
आइए अब विस्तार से जानते हैं कि नवरात्रि के पांचवें दिन आप इलायची के माध्यम से माता स्कंदमाता को कैसे प्रसन्न कर सकते हैं और अपने जीवन में सुख-समृद्धि ला सकते हैं:
1. इलायची की पवित्र माला:
- नवरात्रि के पांचवें दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
- पूजा की थाली तैयार करें और उस पर 9 इलायची रखें।
- अब एक लाल धागे को लेकर इन इलायचियों को पिरोकर माला बना लें। आप चाहें तो माला में मोती या अन्य पूजा सामग्री भी शामिल कर सकते हैं।
- इस तैयार माला को माता स्कंदमाता को अर्पित करें और उनका ध्यान करते हुए अपनी मनोकामना का जाप करें।
- पूजा के बाद आप इस माला को पूरे दिन अपने गले में पहन सकते हैं। ऐसा करने से माता का आशीर्वाद आपके साथ बना रहेगा।
- रात में सोते समय इस माला को अपने तकिए के पास रखें।
- अगले दिन सुबह उठकर स्नान करें और इस माला को किसी मंदिर में जाकर देवी को पुनः अर्पित कर दें।
2. माता का सुगंधित तिलक:
- एक छोटी सी कटोरी में थोड़ा सा केसर, 2-3 इलायची और थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर पेस्ट बना लें।
- माता स्कंदमाता की आरती के समय इस सुगंधित पेस्ट से उनका तिलक करें।
- तिलक लगाते समय “ॐ स्कंदमातायै नमः” मंत्र का जाप करें और मन ही मन में अपनी मनोकामना का ध्यान करें।
- माना जाता है कि इलायची और केसर से बना यह तिलक माता को प्रसन्न करता है और आपके आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
3. माता को भोग: इलायची की मिठास
- नवरात्रि के पांचवें दिन भोजन में इलायची का प्रयोग अवश्य करें। इलायची की सुगंध न केवल भोजन को स्वादिष्ट बनाती है बल्कि पूजा के दौरान भी वातावरण को शुद्ध करती है।
- आप माता स्कंदमाता को भोग लगाने के लिए इलायची वाली खीर, इलायची वाली चाय, इलायची का प्रयोग करके कोई भी मीठा व्यंजन बना सकते हैं।
- प्रसाद बनाते समय ध्यान रखें कि इलायची को दरदरा पीसकर ही इस्तेमाल करें। ऐसा करने से न केवल खाने में खुशबू आएगी बल्कि इलायची के औषधीय गुण भी भोजन में समाहित हो जाएंगे।
- भोजन बनने के बाद सबसे पहले उसे माता स्कंदमाता को भोग के रूप में अर्पित करें। इसके बाद ही खुद ग्रहण करें। भोग लगाते समय “ॐ स्कंदमातायै भोगं निवेदयामि” मंत्र का जाप करें।
ज्योति जलाएं सुगंध से: इलायची का दीप
- एक दीपक में शुद्ध घी या तेल डालें और उसमें 2-3 इलायची डालें। इलायची के साथ आप एक बड़ी इलायची (बड़ी इलायची को भारतीय भाषा में “बड़ी इलायची” के नाम से जाना जाता है) भी डाल सकते हैं। बड़ी इलायची अपनी तीव्र सुगंध के लिए जानी जाती है।
- इस विशेष दीपक को माता स्कंदमाता के सामने जलाएं।
- दीपक जलाते समय मां स्कंदमाता की आरती करें और उनका ध्यान करें। आप “या देवी सर्वभूतेषु मातृ रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥” जैसे मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
- यह माना जाता है कि इलायची की सुगंध से युक्त ज्योति जलाने से वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।
5. यंत्र पूजा का विधान: इलायची से आशीर्वाद प्राप्ति
- यदि आपके पास श्री यंत्र या विशेष रूप से इलायची का बना हुआ यंत्र है, तो आप नवरात्रि के पांचवें दिन इसकी पूजा कर सकते हैं।
- सबसे पहले यंत्र को गंगाजल या शुद्ध जल से धोकर स्वच्छ करें। इसके बाद यंत्र पर लाल सिंदूर लगाएं।
- यंत्र के चारों ओर 9 इलायची को व्यवस्थित रूप से रखें। आप चाहें तो यंत्र के आसपास कुछ पुष्प भी रख सकते हैं।
- यंत्र के सामने एक दीपक जलाएं और माता स्कंदमाता का ध्यान करते हुए उनकी पूजा करें। आप “ॐ येन कर्मणि भवानी सफलतां देवी स्कंदमाता। तस्य कार्यस्य सिद्धिं मे देवी दयां कुरु॥” जैसे मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
- पूजा के बाद यंत्र को साफ स्थान पर रखें और नियमित रूप से पूजा करते रहें। ऐसा करने से माता स्कंदमाता की कृपा बनी रहती है।
6. दान का पुण्य: सुख-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करें
- नवरात्रि के पांचवें दिन दान का विशेष महत्व होता है। दान करने से न केवल पुण्य की प्राप्ति होती है बल्कि माता स्कंदमाता भी प्रसन्न होती हैं।
- आप इस दिन किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को इलायची का दान कर सकते हैं। दान करते समय दया और करुणा का भाव रखें।
दान का पुण्य: सुख-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करें
- इलायची के दान के अलावा आप और भी दान कर सकते हैं, जैसे अनाज, वस्त्र या कोई भी ऐसी चीज जो जरूरतमंद व्यक्ति के काम आ सके।
- दान करने से पहले वस्तुओं को साफ-सुथरा कर लें और श्रद्धा भाव से दान करें। दान का फल तभी प्राप्त होता है जब आप शुद्ध मन से दान करते हैं।
उपसंहार
नवरात्रि के पांचवें दिन किए गए उपाय तभी फलदायी होते हैं जब आप इन्हें श्रद्धा और विश्वास के साथ करते हैं। माता स्कंदमाता शक्ति और सफलता की प्रतीक हैं। उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए सच्चे मन से प्रार्थना करें और अपने कर्मों पर ध्यान दें।
इस लेख में बताए गए उपायों के अतिरिक्त भी आप कुछ अन्य बातों का ध्यान रख सकते हैं, जो आपको नवरात्रि के पांचवें दिन माता स्कंदमाता का आशीर्वाद प्राप्त करने में सहायता करेंगी:
- इस दिन मांसाहार, शराब और लहसुन-प्याज का सेवन न करें। सात्विक भोजन करें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें। मन को शुद्ध रखें और सकारात्मक विचारों को अपनाएं।
- माता का ध्यान करें और उनसे मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।
- जरूरतमंदों की सहायता करें। दान-पुण्य के कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें।
यह माना जाता है कि नवरात्रि के इन पवित्र दिनों में किए गए उपाय और पूजा-पाठ अत्यंत फलदायी होते हैं। यदि आप श्रद्धा और विश्वास के साथ उपरोक्त उपायों को करते हैं तो निश्चित रूप से माता स्कंदमाता की कृपा आप पर बरसेगी और आपके जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता का आगमन होगा।