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Akshaya Tritiya 2024 :अक्षय तृतीया को विवाह के लिए शुभ क्यों माना जाता है, जाने इसके ज्योतिषीय महत्व

अक्षय तृतीया, हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। साल 2024 में अक्षय तृतीया 10 मई को मनाई जाएगी। इसे अत्यंत शुभ दिन माना जाता है और विवाह, गृह प्रवेश, यज्ञोपवीत संस्कार जैसे मांगलिक कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है। इस दिन किए गए कार्यों को अक्षय फल प्राप्त होता है, अर्थात उनका फल अनंत काल तक मिलता रहता है। विवाह, जो जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, अक्षय तृतीया पर करने से दांपत्य जीवन में सुख, समृद्धि और स्थायित्व आता है। आइए, इस लेख में विस्तार से जानें कि अक्षय तृतीया को विवाह के लिए इतना शुभ क्यों माना जाता है।

Akshaya Tritiya 2024

अक्षय तृतीया का धार्मिक महत्व

अक्षय तृतीया का धार्मिक महत्व विवाह के लिए इसकी शुभता को और बल प्रदान करता है:

  • पौराणिक कथाओं का संदर्भ:
    • अक्षय तृतीया को भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी के विवाह का पवित्र दिन माना जाता है। विष्णु और लक्ष्मी, वै वैकंठ के दिव्य दंपत्ति हैं, जो वैभव, ऐश्वर्य और सौभाग्य का प्रतीक हैं। इस पवित्र दिन पर विवाह करने से दांपत्य जीवन में भी वैष्णवी गुणों का समावेश होता है।
    • इसी दिन भगवान परशुराम का जन्म भी हुआ था। भगवान परशुराम, विष्णु के छठे अवतार हैं, जो वीरता, धर्मनिष्ठा और सदाचार के प्रतीक हैं। अक्षय तृतीया पर विवाह करने वाले जोड़ों को भी अपने वैवाहिक जीवन में इन गुणों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
    • ग्रंथों में उल्लेख है कि अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान कृष्ण ने अपने गरीब मित्र सुदामा को अपार धन का वरदान दिया था। अतः इस दिन विवाह करने से दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
  • शुभ ग्रहों की स्थिति:
    • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन सूर्य और चंद्र अपनी उच्च राशि में होते हैं। ग्रहों की यह शुभ स्थिति विवाह के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। यह दांपत्य जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संकेत देता है।

अक्षय तृतीया का ज्योतिषीय महत्व

विवाह के लिए शुभ मुहूर्त के निर्धारण में ज्योतिषीय गणनाओं का विशेष महत्व होता है। अक्षय तृतीया, ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी विवाह के लिए शुभ संकेत देता है:

  • अक्षय योग का प्रभाव:
    • अक्षय तृतीया के दिन अक्षय योग का निर्माण होता है। ज्योतिष में अक्षय योग को अत्यंत शुभ माना जाता है। इस योग में किए गए सभी कार्य अक्षय (अनंत) फलदायी होते हैं। विवाह जैसे महत्वपूर्ण कार्य को अक्षय योग में करने से दांपत्य जीवन में स्थायित्व, सुख और समृद्धि बनी रहती है।
  • अनुकूल ग्रहों की स्थिति:
    • अक्षय तृतीया के दिन ग्रहों की स्थिति विवाह के लिए अनुकूल होती है। विवाह का कारक ग्रह बृहस्पति इस दिन मजबूत होता है। मजबूत बृहस्पति दांपत्य जीवन में सद्भाव, समृद्धि और संतान प्राप्ति का संकेत देता है। इसके अलावा, शुभ ग्रहों की उपस्थिति से दांपत्य जीवन में मंगल कार्य सुचारू रूप से संपन्न होते हैं।

अक्षय तृतीया का सामाजिक और वैज्ञानिक महत्व (सामाजिक)

अक्षय तृतीया का महत्व सिर्फ धर्म और ज्योतिष शास्त्र तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका सामाजिक और वैज्ञानिक महत्व भी विवाह के लिए इसकी शुभता को रेखांकित करता है:

  • विवाह मुहूर्त की परंपरा:
    • अक्षय तृतीया को विवाह के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है और इस दिन विवाह करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। यह एक ऐसा पवित्र दिन है जब विवाह के लिए मुहूर्त निकालने की आवश्यकता नहीं होती। इस दिन बड़ी संख्या में विवाह संपन्न होते हैं, जिससे सामाजिक मेलजोल और खुशियों का माहौल बनता है। रिश्तेदारों और मित्रों का आशीर्वाद दांपत्य जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
  • सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक:
    • अक्षय तृतीया के दिन विवाह करने से वधू को सौभाग्य और समृद्धि प्राप्त होती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन विवाह करने वाली स्त्रियां को वैवाहिक जीवन में सुख, शांति और पति का सहयोग प्राप्त होता है। साथ ही, इस दिन विवाह करने वाले जोड़ों को जीवन में सफलता और खुशहाली का आशीर्वाद मिलता है। दांपत्य जीवन में समृद्धि बनी रहे, इसके लिए भी अक्षय तृतीया को शुभ माना जाता है।

अक्षय तृतीया का सामाजिक और वैज्ञानिक महत्व (वैज्ञानिक)

ज्योतिष शास्त्र के साथ-साथ, अक्षय तृतीया का वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी विवाह के लिए शुभ होने के संकेत मिलते हैं:

  • ऋतु परिवर्तन का प्रभाव:
    • अक्षय तृतीया के समय ऋतु परिवर्तन होता है, गर्मियों की शुरुआत होती है। यह समय नवीनता और शुभारंभ का प्रतीक है। मौसम सुहावना होता है, जो विवाह समारोह के आयोजन के लिए उपयुक्त होता है। न तो गर्मी बहुत तेज होती है और न ही सर्दी का प्रकोप। सुखद मौसम में आयोजित विवाह समारोह अतिथियों के लिए भी आरामदायक होता है।
  • मानसिक सकारात्मकता का प्रभाव:
    • त्योहारों का माहौल लोगों को प्रसन्न और उत्साहित करता है। अक्षय तृतीया के दिन विवाह करने से दांपत्य जीवन की शुरुआत सकारात्मक ऊर्जा और खुशी के साथ होती है। उत्सव का माहौल नवविवाहित जोड़े को सकारात्मकता प्रदान करता है, जो उनके वैवाहिक जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालता है।

अक्षय तृतीया पर विवाह करने से पहले ध्यान देने योग्य बातें

अक्षय तृतीया को भले ही विवाह के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है, फिर भी विवाह से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:

  • ज्योतिषीय परामर्श:
    • यद्यपि अक्षय तृतीया स्वयं में ही शुभ मुहूर्त है, फिर भी व्यक्तिगत जन्मपत्री के आधार पर विवाह के लिए शुभ समय का निर्धारण किसी कुशल ज्योतिषी से परामर्श करके करना चाहिए। जन्मपत्री में ग्रहों की स्थिति के अनुसार विवाह का शुभ समय निकालना उचित होता है।
  • परिवारिक सहमति:
    • विवाह एक सामाजिक बंधन है, इसलिए विवाह से पहले दोनों परिवारों की सहमति आवश्यक है। अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त में जल्दबाजी में विवाह करने से बचें। दोनों परिवारों के सदस्यों को विचार-विमर्श कर परस्पर सहमति से विवाह का निर्णय लेना चाहिए।
  • जीवनसाथी का चुनाव:
  • जीवनसाथी का चुनाव (जारी): विवाह का निर्णय केवल शुभ मुहूर्त के आधार पर नहीं लेना चाहिए। जीवनसाथी का चुनाव सबसे महत्वपूर्ण होता है। वर-वधू को एक-दूसरे को अच्छी तरह से समझना चाहिए और उनके स्वभाव, विचारधारा और जीवन लक्ष्यों में समानता होनी चाहिए।
  • वैवाहिक दायित्वों की समझ: विवाह एक दीर्घकालिक साझेदारी है। विवाह से पहले वर-वधू को वैवाहिक दायित्वों को समझना चाहिए। एक-दूसरे के प्रति सम्मान, विश्वास, समर्पण और समझदारी से भरा जीवन व्यतीत करने का संकल्प लेना चाहिए।
  • वैवाहिक समारोह की तैयारी: अक्षय तृतीया पर बड़ी संख्या में विवाह संपन्न होते हैं, जिससे विवाह से जुड़ी सेवाओं और वस्तुओं की मांग बढ़ जाती है। विवाह समारोह की तैयारी पहले से ही शुरू कर देनी चाहिए। स्थान बुकिंग, खानपान, वस्त्र आदि की व्यवस्था समय पर कर लेनी चाहिए।
  • सामाजिक रीति-रिवाजों का सम्मान: विवाह एक सामाजिक समारोह भी होता है। विवाह के समय दोनों परिवारों के रीति-रिवाजों का सम्मान रखना जरूरी है। परंपराओं का पालन करते हुए ही समारोह का आयोजन करना चाहिए।

निष्कर्ष

अक्षय तृतीया, धार्मिक, ज्योतिषीय, सामाजिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोणों से विवाह के लिए अत्यंत शुभ दिन माना जाता है। इस दिन विवाह करने से दांपत्य जीवन में सुख, समृद्धि, स्थायित्व और सफलता प्राप्त होती है। फिर भी, विवाह से पहले ज्योतिषीय परामर्श, पारिवारिक सहमति, जीवनसाथी का सही चुनाव और वैवाहिक दायित्वों की समझ जैसी बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।

विवाह एक पवित्र बंधन है, जिसे परिपक्वता और सचेत निर्णय के साथ करना चाहिए। अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त इस बंधन को और भी मजबूत बनाने का अवसर प्रदान करता है।

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