By Neha Pandey
भगवान विश्वकर्मा को सृजन और निर्माण के देवता माना जाता है। उन्होंने देवताओं के लिए अद्भुत नगरी और शस्त्रों का निर्माण किया।
स्वर्गलोक और इंद्रपुरी का निर्माण: भगवान विश्वकर्मा ने स्वर्गलोक और इंद्रपुरी का निर्माण किया, जिसे देवताओं का निवास कहा जाता है। इंद्रपुरी स्वर्ग के सबसे सुंदर और भव्य स्थानों में से एक है।
भगवान श्रीकृष्ण की नगरी द्वारका का निर्माण भी विश्वकर्मा जी ने किया था। इसे समुद्र के किनारे बसाया गया और इसका सौंदर्य अद्वितीय था।
द्वारका नगरी
लंका का निर्माण: भगवान विश्वकर्मा ने सोने की लंका का निर्माण रावण के लिए किया था। यह नगरी अपनी अद्भुत वास्तुकला और वैभव के लिए प्रसिद्ध थी।
हस्तिनापुर का निर्माण: महाभारत के समय हस्तिनापुर की महान नगरी का निर्माण भी भगवान विश्वकर्मा ने किया था, जो कौरवों और पांडवों का निवास स्थान था।
त्रिशूल और सुदर्शन चक्र का निर्माण: भगवान शिव का त्रिशूल और भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र, दोनों ही विश्वकर्मा जी की अद्भुत कारीगरी का उदाहरण हैं। ये शस्त्र अमोघ माने जाते हैं।
कुबेर की अलकापुरी: धन के देवता कुबेर की नगरी अलकापुरी का निर्माण भी भगवान विश्वकर्मा ने किया था। यह नगरी स्वर्ण और रत्नों से भरी थी और अत्यंत समृद्ध थी।
पुष्पक विमान, जो उड़ने वाला दिव्य विमान था, का निर्माण भी भगवान विश्वकर्मा ने किया। यह विमान रावण के पास था और रामायण में इसका प्रमुख उल्लेख है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा भविष्य में भी नए युग और नई सृष्टि का निर्माण करेंगे, जो सृजन की अनंत महिमा को दर्शाता है।
विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर सृजन और निर्माण की इस महिमा को नमन। भगवान विश्वकर्मा की कृपा से आपका जीवन भी सृजनशील और सफल हो।