हिंदू धर्म में विजया एकादशी तिथि को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन सृष्टि के पालनकर्ता श्री हरि विष्णु की आराधना और व्रत करने से भक्त के जीवन में सौभाग्य और समृद्धि का संचार होता है।
हिंदू धर्म में भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए एकादशी तिथि को अत्यंत शुभ माना जाता है।
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मान्यता है कि इस दिन सृष्टि के पालनकर्ता श्री हरि विष्णु की आराधना और व्रत करने से साधक के भाग्य में वृद्धि होती है तथा मानसिक रूप से भी शक्ति मिलती है।
पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर यह व्रत रखा जाता है। हर माह की एकादशी को विशेष नाम से जाना जाता है, जिनमें विजया एकादशी का विशेष महत्व है।
यह एकादशी फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष में आती है और इसे विजय प्राप्ति का प्रतीक माना जाता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, प्रभु श्रीराम ने भी इस व्रत का पालन किया था, जिसके प्रभाव से उन्होंने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की थी। आइए जानते हैं कि इस वर्ष विजया एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा और इसकी पूजा विधि क्या है।
विजया एकादशी 2025 कब है?इस वर्ष फाल्गुन मास की एकादशी तिथि 23 फरवरी 2025 को दोपहर 1 बजकर 55 मिनट से प्रारंभ होगी और 24 फरवरी 2025 को दोपहर 1 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, विजया एकादशी का व्रत 24 फरवरी 2025 को रखा जाएगा।
विजया एकादशी 2025 पूजा का शुभ मुहूर्त– ब्रह्म मुहूर्त – प्रातः 5:11 से 6:01 तक– विजय मुहूर्त – दोपहर 2:29 से 3:15 तक– गोधूलि मुहूर्त – संध्या 6:15 से 6:40 तक– निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:09 से 12:59 तक– अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:11 से 12:57 तक– अमृत काल – दोपहर 2:07 से 3:44 तक
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